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SwaTripathi
कोई तो हो जिसे अपना कह सकूं कोई तो हो जिससे दिल की सारी बातें कर सकूं कोई तो हो जो मेरे जैसा हो और सिर्फ मेरा हो कोई ऐसा हो जो चेहरा देख के मुझे समझ ले कोई तो हो जो मुझे वैसे ही स्वीकार करे जैसी मैं हु कोई हो जिसे मेरे उदास होने और रोने पे फर्क पड़े कोई हो जो हर वक्त मेरे से सवाल करे और कोई हो जो मेरे सामने खुली किताब जैसा हो कोई हो जो मुझे मेरी मां जैसा प्यार करे 😊 ©SwaTripathi #कोई हो जिससे मैं अपना कह सकूं 😌
#कोई हो जिससे मैं अपना कह सकूं 😌
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी असुरक्षा की भावना , सकून दिल का खा रही है अनहोनी ना घट जाये पगो को पीछे हटा रही है बढ़ रही है तन्त्रो की अराजकता जीवन को जंग की तरह खा रही है हजार खतरों को झेलकर मजबूरी हर कदम सता रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #CalmingNature बढ़ रही तन्त्रो की अराजकता
#CalmingNature बढ़ रही तन्त्रो की अराजकता
read moreAnuradha T Gautam 6280
ANSARI ANSARI
White आज सजरही है दुनिया। सजाने वाला चाहिए। जिन्दगी के हर मोड़ पर। रूठी है परेशानीया। उसे मनाने वाला चाहिए। ©ANSARI ANSARI आज सज रही है दुनिया।
आज सज रही है दुनिया।
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreRAMLALIT NIRALA
White बचपन की याद कभी हस के कभी रोके समय बितावत रहै चार दोस्त के साथ खेत खलिहान पोखरे मे नहावत रहै ऊ नहर के पानी बचपन के रवानी ना भुल पाईब कबो माई त कबो दादी हमरा के खोजे आवत रहै बचपन के खेल खोखो बसईया कबडी गुल्ली डंडा लुकाछिपी लखनी के लाख गोड कबो ऊपर त कबो नीचे आवत रहै अबत खेल जवानी के पलपल चिंता सतावत रहै अब त बचपन के बतीया जवानी में याद आवत रहै ©RAMLALIT NIRALA बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
read moreHARSHIT369
दिल करता है घर से निकलकर एसे हि किसि वृक्ष कि छाव मे बैठा रहू कुछ देर दिल करता है किसी राज्य मे जाकर शिक्षा बाटूं दिल का कोना कोना कह रहा अनाथो,बेरोजगारो को भोजन दान करुं पर कहां सम्भव है बिना पैसो के.... .दिल करता है हर राज्य मे मेरी जय जय कार हो दिल करता है रतन टाटा जैसा मेरा संसार हो पर यह कहां तक सम्भव है बिन पैसो के..!! ©HARSHIT369 #दिल कह रहा है नये अच्छे विचार
#दिल कह रहा है नये अच्छे विचार
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