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🅼🆄🅺🅴🆂🅷 🅶🆄🅿🆃🅰
उठा के हिकमत वो नजाने कहाँ से लाता है। अजीब शख्स है गम में भी मुस्कुराता हैं।। खुदा का शुक्र है कि छत ये मेरी टुटी हुई हैं, सुकून रिस-रिस के धीरे-धीरे घर में आता है उन चश्म-ऐ-सिअहगारी में कोई बात तो है, वरना साहिल कहाँ झीलों में सिमट जाता है।। बडी दिलचस्प है, बाज़ी भी ये मुहब्बत की, वो जीत जाता है, जो खुद को हार जाता है।। मेरे चेहरे की ये हंसी, नही हरगिज है मेरी, वो मेरे होंठों से तो कोई और मुस्कुराता है।। अब तूँ नही है, मैं नही हूँ, कुछ नही फिर भी, है आखिर क्या, जो मुझे रातभर जगाता है।। उठा के हिकमत वो नजाने कहाँ से लाता है
उठा के हिकमत वो नजाने कहाँ से लाता है #शायरी
read moreAK__Alfaaz..
कितनी हिकमते लगा के हमने.., इश्क को पाया था.., कितने किये थे सज़दे हमने.., ये किसी को नही बताया था.., आयतें पढ़ी थीं हमने.., तेरे इश्क की.., ये तो सबसे छिपाया था.., याद करते हैं हम.., अब भी वो हसीं रात.., जब तू,, ऐ ज़ालिम ! .., मेरी कब्र पर भी मुझसे मिलने.., परदे में आया था.., #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqdada #urduhindi_poetry #bestyqhindiquotes #yqhindi #My_own_words_with_my_pen हिकमत--अच्छी युक्ति
#yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqdada #urduhindi_poetry #bestyqhindiquotes #yqhindi #My_own_words_with_my_pen हिकमत--अच्छी युक्ति
read moreOMG INDIA WORLD
तुम तो हिकमत के बादशाह थे मोहब्बत के, हैरत है फिर भी इश्क ला इलाज रह गया... ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD तुम तो हिकमत के बादशाह थे मोहब्बत के, हैरत है फिर भी इश्क ला इलाज रह गया...
#OMGINDIAWORLD तुम तो हिकमत के बादशाह थे मोहब्बत के, हैरत है फिर भी इश्क ला इलाज रह गया... #शायरी
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
Dark and alone कुच्छ कर गुजरने की हसरत होती है हर एक इंसां में।।।। कोई तो हो जो जलाए मशाल-ए-हिकमत जहां में।।।। रजनीश "स्वच्छन्द" मशाल-ए-हिकमत।।।।।।।।।।।।।।।।।#thought #shayri #fun #love #poem #comedy #meme #nojoto #nojotohumour #nojotomeme #nojotofun #kalakaksh #znmd #
मशाल-ए-हिकमत।।।।।।।।।।।।।।।।।#thought #shayri #Fun #Love #poem #Comedy #Meme #Nojoto #nojotohumour #NojotoMeme #NojotoFun #kalakaksh #znmd # #Poetry #Life #Motivation #SAD #kavishala #nojotohindi #TST
read moreHimmat Singh
हिकमत तो आती है किताब को खूब पढ़ने से पर बर्बाद हो जाती है उल्फत की तरफ बढ़ने से। हिकमत- ज्ञान, उल्फत- प्यार ,हिम्मत सिंह writing# thinking #Punjabi poetry #Hindi poetry #Urdu poetry हिकमत तो आती है किताब को खूब पढ़ने से पर बर्बाद हो जाती है उल्फत की तरफ बढ़ने स
SHAYARI BOOKS
इल्मो अदब के सारे खज़ाने गुज़र गए, क्या खूब थे वो लोग पुराने गुज़र गए! बाकी है जमीं पे फ़कत आदमी की भीड़, इन्सां को मरे हुए तो ज़माने गुज़र गए!! #NojotoQuote इल्मो अदब के सारे खज़ाने गुज़र गए, क्या खूब थे वो लोग पुराने गुज़र गए! बाकी है जमीं पे फ़कत आदमी की भीड़, इन्सां को मरे हुए तो ज़माने गुज़र ग
इल्मो अदब के सारे खज़ाने गुज़र गए, क्या खूब थे वो लोग पुराने गुज़र गए! बाकी है जमीं पे फ़कत आदमी की भीड़, इन्सां को मरे हुए तो ज़माने गुज़र ग
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
वफा खुलूसो मुहब्बत अदा किरदार देता है, खुदा देने पे आये हुस्न तो भरमार देता है, नहीं कोई नहीं सानी यक़ीनन उस मुसव्विर का, बड़ी हैरत ज़दा वो हिकमत ए फख्खार देता है, सिर्फ_________________________तुम💘 मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, वफा खुलूसो मुहब्बत अदा किरदार देता है, खुदा देने पे आये हुस्न तो भरमार देता है, नहीं कोई नहीं सानी यक़ीनन उस मुसव्विर का, बड़ी हैरत ज़दा वो
वफा खुलूसो मुहब्बत अदा किरदार देता है, खुदा देने पे आये हुस्न तो भरमार देता है, नहीं कोई नहीं सानी यक़ीनन उस मुसव्विर का, बड़ी हैरत ज़दा वो
read moreRambahadur Yadav
वादे पूरे करने की वो हिम्मत ही न जुटा पाये क्यों होगा कैसे होगा वो हिकमत ही न जुटा पाये जनता ऐसे मूर्ख बनेगी इसका उनको ज्ञान नहीं था ये अनचाहा सब गले पड़ेगा ऐसा कोई भान नहीं था लालच दिखा कर जनता को ऐसे ठगना ठीक नहीं मैदान छोड़ कर भाग गये ऐसा भी करना ठीक नहीं अपनी हठ को ऊपर रख आरोप थोपना ठीक नहीं गलत नीति को ऊपर रख कानून तोड़ना ठीक नहीं बहुत दिखाये थे सपने अब उन सपनों का क्या होगा आप की खातिर धंधा छोडा उन अपनों का क्या होगा वादे पूरे करने की वो हिम्मत ही न जुटा पाये क्यों होगा कैसे होगा वो हिकमत ही न जुटा पाये जनता ऐसे मूर्ख बनेगी इसका उनको ज्ञान नहीं था ये अनच
वादे पूरे करने की वो हिम्मत ही न जुटा पाये क्यों होगा कैसे होगा वो हिकमत ही न जुटा पाये जनता ऐसे मूर्ख बनेगी इसका उनको ज्ञान नहीं था ये अनच
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
जनमत :- कुण्डलिया जनमत की बाते कभी , सुने नहीं थे आप । इसीलिए तो आपको , मिला आज संताप ।। मिला आज संताप , दोष ये रहा तुम्हारा । छोड़ रहे सब साथ , दलों का वारा न्यारा ।। ऊब गये थे लोग , देखकर तेरी हरकत । अब तुम देखो स्वप्न , मिले फिर हमको जनमत ।। जनमत का हक आपने , खाकर लिया डकार । कभी पलट बाँटा नही , जनता में वह प्यार ।। जनता में वह प्यार , न थी कोई मजबूरी । रखा स्वार्थ भर चाव , यही कारण है दूरी ।। और बताते आज , यहाँ पर हमको हिकमत । जाओ बाबू आप , फैसला है ये जनमत ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जनमत :- जनमत की बाते कभी , सुने नहीं थे आप । इसीलिए तो आपको , मिला आज संताप ।। मिला आज संताप , दोष ये रहा तुम्हारा ।
जनमत :- जनमत की बाते कभी , सुने नहीं थे आप । इसीलिए तो आपको , मिला आज संताप ।। मिला आज संताप , दोष ये रहा तुम्हारा । #कविता
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
उलझा फ़साना था।। जो मुड़ आज पीछे देखता, वो गुज़रा ज़माना था, तुम आज खुल कह दो, कोई और निशाना था। रहे मशगूल फिक्र-ए-यार में, हुई दोज़ख जमीं अपनी, जब भी शिकायत की, तेरा उलझा फ़साना था। सुकूँ बर्बाद हो मिलता, कहाँ ज़ेहन में आया था, ये भी एक जमाना है, वो भी एक जमाना था। गौर-ओ-फिक्र से महरूम, जनाज़ा शान से निकला, हाल-ए-दिल जो मेरा था, बस उनको बताना था। फर्द में उलझा रहा, ताबूत बनाता दर्द था, हिकमत-ए-इल्म से पूछा किये, कितना सताना था। फ़ेहरिस्त थी लम्बी, आशिक़ सारा जमाना था, रब से ही हूँ पूछता, क्यूँ हमे ही आज़माना था। ©रजनीश "स्वछंद" उलझा फ़साना था।। जो मुड़ आज पीछे देखता, वो गुज़रा ज़माना था, तुम आज खुल कह दो, कोई और निशाना था। रहे मशगूल फिक्र-ए-यार में, हुई दोज़ख जमीं अपनी