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New गजल शहर Quotes, Status, Photo, Video

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Shyarana Andaaz (अज्ञात)

तुम्हारे शहर का मौसम

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तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं भी एक दिन आकर रह लूं गर तुम्हें बुरा न लगे।।

©Shyarana Andaaz (अज्ञात) तुम्हारे शहर का मौसम

Mahesh Patel

सहेली... गजल... लाला....

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White सहेली......
आंखें उसकी सजल है..
बातें उनकी सरल है..
घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है..
कैसे कहूं यारों..
वह गीत है वह मित भी है..
यह दर्द में डूबी हुई.. 
फिर कोई हमारी गजल है..
लाला..…..

©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....

Ghumnam Gautam

Unsplash पेड़ जितने थे उन्हें खा गया ये शहरी-करण
अब हवाओं से मुलाक़ात कहाँ मुम्किन है!

©Ghumnam Gautam #leafbook #ghumnamgautam 
#पेड़ 
#शहर

Vishu

White सूर्य की किरण जिसपर पड़े वो जीवन जी रहा है 
बस महसूस होनी चाहिए

©Vishu #sad_quotes #शहर

poet-Akash kumar

#गजल 7:30

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Mohan Sardarshahari

# गजल

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Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari # गजल

Sayah~

#kahaaniyan #गजल #gazal Shayari Poetry

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Parasram Arora

जंगल और शहर

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White सभी जंगल 
शहरी पंजो मे 
जकडे जा चुके है 

शायद इसीलिए 
कही तथाकथित  
टार्ज़न और जंगली हिंसक 
जानवरो का 
अस्तित्व समाप्त
न हो गया हो

©Parasram Arora जंगल और शहर

Ashok Verma "Hamdard"

गजल

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White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard" गजल

Parasram Arora

पथरो के शहर मे

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White तेरी  पायल की 
खनक से   मै 
गहरी नींद  मे भी 
जाग जाता हू 

आँखे मसल कर 
चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता 
हू पर न जाने तुम 
म होती हो कहा
 
पथरो के इस शहर 
मे आकर मै भी एक 
पत्थर  बन गया हू 
अब तेरे मासूम स्पर्श से
 भी मेरे जज्बात 
कंपते हैँ कहा?

©Parasram Arora  पथरो के शहर मे
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