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RUPESH Kr SINHA
.....,...................... ©RUPESH Kr SINHA #एक खाली पन सा है मेरे जीवन में
#एक खाली पन सा है मेरे जीवन में
read moreBhupendra Ganjam
Unsplash भरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन, कितना कुछ होता है, कहने के लिए , कभी lafaz नहीं मिलते, कभी लोग नहीं मिलते... ©Bhupendra Ganjam #lovelife alone sad dp Extraterrestrial life sad quotesभरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन, कितना कुछ होता है, कहने के लिए , कभी lafaz नहीं
#lovelife alone sad dp Extraterrestrial life sad quotesभरी भरी सी आखें, खाली खाली सा मन, कितना कुछ होता है, कहने के लिए , कभी lafaz नहीं
read moreनवनीत ठाकुर
जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम। तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने, अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी
#नवनीतठाकुर जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी
read moreYaad -E- November
कुछ ख्वाहिशें , बारिश की उन बूंदों की तरह होती हैं , जिन्हें पाने के लिए हथेलियां तो भीग जाती है पर हाथ हमेशा खाली ही रह जाते हैं .... wh
read moreनवनीत ठाकुर
"हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं, जो तूफानों में भी, राह अपनी खुद बनते हैं।" ©नवनीत ठाकुर हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
read moreनवनीत ठाकुर
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं । ©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreRameshkumar Mehra Mehra
हम आह भी भरते है................. तो हो जाते है बदनाम....! बो कत्ल भी करती है..... !! तो चर्च भी नही होते.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # हम आह भी भरते है,तो हो जाते है बदनाम,बो कत्ल भी करती है,तो चर्च भी नही होते...
# हम आह भी भरते है,तो हो जाते है बदनाम,बो कत्ल भी करती है,तो चर्च भी नही होते...
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