Find the Latest Status about वेडे मन तुझ्यासाठी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वेडे मन तुझ्यासाठी.
अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
आयुष्याचा जोडीदार मनासारखं,समजून घेणारा आणि प्रेम करणारा भेटला ना, तर खरं सुख विकत घ्यावं लागत नाही आणि आयुष्यातील बरेच प्रश्न सहज सुटतात.. ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) फक्त तुझ्यासाठी मराठी प्रेम कविता मराठी प्रेम कविता लव्ह स्टेटस शायरी मराठी प्रेम
फक्त तुझ्यासाठी मराठी प्रेम कविता मराठी प्रेम कविता लव्ह स्टेटस शायरी मराठी प्रेम
read moreKomal Mahure
Unsplash komal 😘 mahure ©Komal Mahure #library मराठी प्रेम स्टेटस शायरी मराठी प्रेम फक्त प्रेम वेडे फक्त तुझ्यासाठी
#library मराठी प्रेम स्टेटस शायरी मराठी प्रेम फक्त प्रेम वेडे फक्त तुझ्यासाठी
read moreVilas Bhoir
White सांग पांघरू कसे मी तुझे प्रेम माझ्यावरी.... मी इथेच आहे रंगलेलो तुझ्या प्रेमरंगावरी.... ©Vilas Bhoir #love_shayari मराठी प्रेम स्टेटस फक्त तुझ्यासाठी मराठी प्रेम कविता चारोळ्या
#love_shayari मराठी प्रेम स्टेटस फक्त तुझ्यासाठी मराठी प्रेम कविता चारोळ्या
read moreNilam Agarwalla
Unsplash मन तो पापी मतवाला है, नहीं किसी की सुनता है। क्षणभर के सुख की खातिर जो,गलत राह पर चलता है। समझाए से नहीं समझता, पछताता फिर जीवन भर आंसू बहते रहते दृग से, पल-पल आहें भरता है।। स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर ©Nilam Agarwalla #“मन”
#“मन”
read moreAvinash Jha
White मन है, चाहता है आसमानों को छूना, सितारों की राहों में खुद को ढूँढ़ना। जंगलों की खामोशी में छिपा, एक गीत सुनना, या नदी की लहरों संग बह जाना। मन है, जो सपनों की कश्ती में बैठ, दूर कहीं चला जाता है। कभी बूँदों की चुप्पी समझता है, कभी आँधियों से सवाल करता है। मन है, जो छोटे-छोटे सुखों में खुशियों का संसार बुनता है। कभी अकेलेपन में साथी बनता, तो कभी भीड़ में खुद को खोता है। मन है, जो बंद दरवाज़ों को खोलता है, आस की किरणें समेटता है। हर धड़कन में एक कहानी रचता, हर ख्वाब में जीवन रचता। मन, न थमता है, न रुकता है। यह तो बस उड़ान भरता है, आसमानों से परे अपनी ही दुनिया बसाता है। ©Avinash Jha #मन
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White मेरे मन की किताब में तुम ही तुम मगर "तुम" तो नही..! पन्ने-पन्ने जिक्र है तुम्हारे रूप रंग स्वभाव का.. भाव का.. जिसके हो सार तुम भार तुम मगर "तुम" तो नही..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #मन
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
कद न अंगुष्ट सा मन बैरी दुष्ट सा नैनों से नीर ले पैरों को पीर दे चर्म चर्म चीर के.. आप में संतुष्ट सा अंग अंग रुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा... करता मनमानी है आफत में प्राणी है.. इसकी ना मानी तो काया को हानी है रोग लगे कुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. अवलम्बित देह का स्वारथ के नेह का प्रेरक प्रमेह का सत्य में संदेह सा छिन छिन में पुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. संगी एकांत का प्यासा देहांत का मृत्यु तक छोड़े ना.. दामन भी तोड़े ना.. उददंड अतुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा.. ©अज्ञात #मन
Devanand Jadhav