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Rakesh Kumar Dogra
कुछ कुरितियां हर धर्म में मौजूद हैं जिनको बदलना ज़रूरी है उन्हें समय के अनुसार बदलना ज़रूरी है नहीं बदलेंगे,तुमने ईश्वर का फरमान लगा रखा है। कुछ शिक्षक हैं यहां जिहाद का पाठ पढ़ाकर फिदायीनों का कारखाना लगा है, खुद की औलादों को यहीं सब मुहैया है, तुम्हारे लिए 72 हूरें वो भी जन्नत में, क्या हलवा लगा रखा है। जन्नत/स्वर्ग में मरने के बाद सब कुछ मिलेगा अच्छे कर्मों के बदले, तुमने तो इसे tool kit बना रखा है ©Rakesh Kumar Dogra यह पंक्तियां हर उस धर्म के ठेकेदारों के लिए हैं जो धर्म के नाम भड़काने का काम करते हैं। #Time
Mohammad Arif (WordsOfArif)
ऐ कैसी हवाएं अब चल रही है अपने मुल्क में हर तरह नफ़रत करने की बात चल रही है अपने मुल्क में जो सच बात है उसे मानने को तैयार नहीं सच को गलत साबित करने की बात चल रही है अपने मुल्क में वो हर दम गलत बयान बाजी कर रहे है लोगों को फिर भड़काने की बात चल रही है अपने मुल्क में कुछ लोग अभी भी जिंदा है जो सच के साथ है उनके बातों को गलत करने की बात चल रही है अपने मुल्क में हर बात में आनाकानी करना ठीक नहीं है अपने कहें जुमले को सही कहने की बात चल रही है अपने मुल्क में हमारी एकता और अखंडता को तार तार कर दिया है हर बात में हिन्दू मुस्लिम की बात चल रही है अपने मुल्क में इसी चक्कर में अपनी दोस्ती भुला बैठे है आरिफ लोगों के बीच में ऐ कैसी बात चल रही है अपने मुल्क में ऐ कैसी हवाएं अब चल रही है अपने मुल्क में हर तरह नफ़रत करने की बात चल रही है अपने मुल्क में जो सच बात है उसे मानने को तैयार नहीं सच को गलत स
Juhi Grover
हैवान तो जहाँ के लोग हम बन ही चुके हैं, चल दूसरों को भी हैवानियत का शिकार बनाएँ हम, हिन्दु मुसलमान दंगे तो अभी बहुत ही कम हैं, चल दंगे फैलाने का कोई और मुद्दा आधार बनाएँ हम। हमें तो सत्ता में आने की हर राह ढूँढनी है, चल आ राजनीति में पाँव जमाने के आसार बनाएँ हम, कोई तो आमदनी का काम हम ने करना ही है न, तो चल आकर के राजनीति में ही रोज़गार बनाएँ हम। सुना है धन्धा कभी ये मन्दा नहीं होता है, चल आ कर के पाँच साल तक व्यापार करें हम, ये कारोबार तो पीढ़ी दर पीढ़ी ही चलता है, आने वाली पीढ़ियों का धनवान होना स्वीकार करें हम। ज़िन्दगी में ऐसे मौके आसानी से नहीं मिल पाते हैं, चल आ मौत बाँट खुद की ज़िन्दगी साकार करें हम, बहुत से मौके मिलते हैं यहाँ दंगे भड़काने के, चल आकर के भोली भाली जनता की सरकार बनें हम। Inspired from Soul poetry sir's latest quote हैवान तो जहाँ के लोग हम बन ही चुके हैं, चल दूसरों को भी हैवानियत का शिकार ब
Sahil Bhardwaj
हिन्दू और मुसलमान के नाम पे इंसानियत जाने क्यूं बांटी जा रही है मजहब कौम के नाम पे मंदिर-मस्जिदें क्यूं जलाई जा रही है.. शांति प्रदर्शनों के नाम पे आवाम में हिंसा क्यूं भड़काई जा रही है जनता के अहित के नाम पे राजनीतिकरण क्यूं की जा रही है.. CAA और NRC के नाम पे दो मजहबों की बीच दरार क्यूं डाली जा रही है जनता के लिए किसी ने ना पत्थर खाया, न किसी ने गोलियां खाईं फ़िर सहानुभूति के नाम पे लोगों को भड़काने की साज़िशें क्यूं रची जा रही है.. देशभक्ति और देशद्रोह के नाम पे हिन्दुस्तान के अमन में चिंगारी क्यूं लगाई जा रही है राष्ट्रविरोधी तत्वों के नाम पे गोलियां बरसाने की अफवाहें क्यूं फैलाई जा रही है.. राष्ट्रवाद के नाम पे भड़काऊ भाषण क्यूं दी जा रही है कौम के लोगों की फ़िक्र के नाम पे दूसरे कौम के लोगों को गोली मारने की सलाह क्यूं दी जा रही है.. नागरिकता के नाम पे लोगों के बीच झूठी भ्रम क्यूं फैलाई जा रही है बीस करोड़ इन्सानों को भला देश से बाहर निकाला जा सकता है क्या चुनावी फायदों के नाम पे फ़िर खौफ की बयार क्यूं बहाई जा रही है.. #Delhi_Riots हिन्दू और मुसलमान के नाम पे इंसानियत जाने क्यूं बांटी जा रही है मजहब कौम के नाम पे मंदिर-मस्जिदें क्यूं जलाई जा रही है..
साहस
इस्लाम की आलोचना कैसे करे! 👶👤READ IN BELOW CAPTION👤👶 👇✍️ 🙏 👉 👇 👉 👇 👉 👇 👇 👇 👇 👇 👇 👇 👇👇👇👇 👇 👉 👉 👇 👇 👉 👉👇👉👇 #yourquotebaba#yourquotedidi#yourquotefamily#PC ◆ इस्लाम की आलोचना कैसे करें? --------------------------------------------- सौ साल पहले, 1