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Stories related to सीलेंसर मिटटी प्राइस

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sakshi chauhan

#सीलेंसर quotes

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जब  लफ्ज़  को समझा ही ना जाये 
तब बेहतर यही हैं 
की हमेशा  के लिए खामोश हो  जाया जाये 
-साक्षी chauhan #सीलेंसर quotes

sarika thakur

मिट्टी से बने मिट्टी में मिलना और मिट्टी हो जाना फिर अकड़ किसकी #मिटटी

Singer Prince Rawat

Terri मिटटी

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Karuna Yadav "Tanha"

गांव की मिटटी

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भूल कर गांव की मिटटी की सोंधी खुशबू 
कहां शहर की चकाचौंध ले आयि जल रहा यहां सब कुछ
मेरे गांव में देखो कैसी रोनक अाई गांव की मिटटी

"Kumar शायर"

#मिटटी के चूल्हे

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"Kumar शायर"

#मिटटी के चूहले..

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The dishes of big palaces look faded,

 When earthen stoves are lit in the homes of the poor,
 In worry, crazy people come out of the house,
 To earn two times bread,
 
Don't know with what difficulties they,
fight in every difficult situation...!

©"Kumar शायर" #मिटटी के चूहले..

Khalid ansari

मिटटी के शरीर

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माटी से बने  शरीर को अब गुरुर सा हो चला 
कि कपड़ो पे लगी मिटटी उसका रुतबा 
कम कर देगी मिटटी के शरीर

Manisha Sahay

हिंदुस्तान की मिटटी

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Rohit

#देशकेलिए #देश की मिटटी

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Army.. का जनून है
साहब ।। #देशकेलिए #देश की मिटटी

( prahlad Singh )( feeling writer)

मिटटी की बूंद #still

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मिटटी की पतवार अभी भीगी नही  
भीगी नहीं है, अग्नि हरबार मीठे नीम की
मीठा है कागज ,कवि कुम्हार का, जिसकी सूरत 
अभी ढली नहीं, बनी नहीं,  सागर की बूंद में
बूंद आंखों  की, जो फीकी है सफेद रंग में
रंगरूप  जो दिखा नहीं, रूप में,  पानी के सीसे में
सीसा वक्त का, जो दुंदला है बुराई के इस कोहरे में
कोहरा जो छट् जाए, तो आशा के उबाल परमात्मा में
परमात्मा जो दिये के लो, जो समाई है सीप के मोती में
मोती मोम का है, जो पिघल ना जाए हाथ से 
हाथ भरोसे का ,जो रखा है मां के आंचल से बचपन से 
बचपन  नए जमाने का, जो गुमसुम है लंबे वक्त से
बक्त सुकून का, जो मिल जाए तो एक पल से
एक पल, जो मिला नहीं घड़ी की सुइयों में
सुई, जिसकी नोक को हमने समझा नहीं
समझा नहीं, कड़ मिटटी का है
मिटटी जो पानी सी है
पानी, जो समान है निर्मल मन के
मन, जो सार है परमात्मा का
परमात्मा, जो मां है चेतना की
चेतना ,जो पानी की बूंद है
बूंद ,जो बीगी हैं
प्यार में
हमसाथ
हमेशा

©prahlad singh मिटटी की बूंद

#still
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