Find the Latest Status about मिलाप from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मिलाप.
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। बेटी पाकर खुशी मनाते.... थोड़ी हम पर थोड़ी तुम पर , आयी है सरकार । इसका भाग्य सँवारे गिरधर , इतनी है दरकार ।। माना जीवन में मेरे है , थोडें से संताप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।।... इसको दूजी मनु हम समझे , मन में आज विचार । अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिलाकर , करना है तैयार ।। लेकिन कलयुग घोर चढ़ा है , इसका पश्चाताप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। नगर-नगर में बाँट मिठाई , खुशियाँ आई देख । दीप जलाओ खुशी मनाओ , बदली जीवन रेख ।। हमको उनमें गिनों न भैय्या , बैठा करूँ विलाप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। चलो करे रघुवर को वंदन , किए मनोरथ पूर्ण । वह तो दाता सारे जग के , करते रहते घूर्ण ।। आज वही आशीष दिए तो , देखो हुआ मिलाप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। २४/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। बेटी पाकर खुशी मनाते.... थोड़ी हम पर थोड़ी तुम पर ,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
पद्धिर छन्द हम आप मिलें , हिय उठा राग । नयनों में फिर , दिखा अनुराग ।। सब रहे देख , मन का मिलाप । फिर हृदय नही , ठहरा विलाप ।। बरसो दिल में , जो जली आग । पुलकित उसमें , अब है पराग ।। ऐसे ही अब , ये ढले शाम । नित अधर भजे , अब राम राम ।। १३/१२/२०२३ -महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पद्धिर छन्द हम आप मिलें , हिय उठा राग । नयनों में फिर , दिखा अनुराग ।। सब रहे देख , मन का मिलाप ।
Dhaneshdwivediwriter
पूरी किए बिना कहानी अधूरी मत छोड़ो शुरु की है तो स्वयं ही इसे धीरे धीरे जोड़ो . . . . . ©Dhaneshdwivediwriter पूरी किए बिना कहानी अधूरी मत छोड़ो शुरु की है तो स्वयं ही इसे धीरे धीरे जोड़ो मेरा ज्यादातर समय किताबों के बीच ही गुजर रहा है लाइब्रेरी के
Satish Ghorela
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
नफरत के माहोल में वो,जो मुहब्बत की बात कर रहे है ,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है//१ चंद उन्मादी_उन्माद मे विनाश की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है//२ कुर्सी परस्त छेड़के सियासत,हिंदू मुस्लिम के संताप की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है//३ मारके सच के एहसास को ध्रतराष्ट्र सी बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है//४ जहर फिज़ा में आ घोला उन्मादी चंद दबंगों ने,के वो पुनःमहाभारत की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है// बनाके बहाना गुजिश्ता दौर का,हालिया दौर के तमाम की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहेहै//६ शमा वो जो अंग्रेजो के चाटुकार थे,वही गोडसी आज उत्पात की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है//७ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Raat#Nojoto नफरत के माहोल में हम,जो मुहब्बत की बात कर रहे है,हम गंगाजमुनी वाले ही तो मिलाप की बात कर रहे है... #Nojotohindi #Nojotofilm #No
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सारिका छंद :- २६ वर्ण ६,६,६,८पर यति । मन का विलाप , बन गया ताप , व्रण युक्त शाप,हिय मनुज विवश । घुंघरू की ताल , करता मलाल , छुपता न हाल , शुभ दिखत दिवस ।। मोहित मिलाप , कदमों की चाप , जब पासआप,प्रमुदित तन मन । मत बैर करो ,कुछ ईश डरो । पग शीश धरो , मगन रहत मन ।। ०३/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सारिका छंद :- २६ वर्ण ६,६,६,८पर यति । मन का विलाप , बन गया ताप , व्रण युक्त शाप,हिय मनुज विवश । घुंघरू की ताल , करता मलाल , छुपता न हाल
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्ड़लिया छन्द होता क्या बंगाल में , किसे नही मालूम । फिर भी देख किसान ये , पूँजे धरती चूम ।। पूँजे धरती चूम , दर्द जीवन का सहता । मुँख पाये मत खोल , बात मन की क्या कहता ।। बैठा छिपकर देख , आज भी रहता रोता । क्या खोलूँ मैं राज , वहाँ क्या-क्या है होता ।। घर में तुम करना नहीं , देखो कभी कलेष । मजा उडाते लोग हैं , सदा लडाके मेष । सदा लडाके मेष , शीश उनके है फोड़े । पाते ही पद चाप , राह जीवन की मोड़े ।। कहे प्रखर ये बात , रहो तुम इनसे डर कर । कर लो उचित मिलाप , बुलाकर तुम इनको घर ।। २०/०७/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्ड़लिया छन्द होता क्या बंगाल में , किसे नही मालूम । फिर भी देख किसान ये , पूँजे धरती चूम ।। पूँजे धरती चूम , दर्द जीवन का सहता । मुँख पाय
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर