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Bhawar Lal
बीकानेर जूनागढ़ देखने लायक स्थान जूनागढ़ का प्रसिद्ध महाराजा गंगा सिंह आज घूमने के लिए आते हैं ©Bhawar Lal महाराजा गंगा सिंह का जूनागढ़
महाराजा गंगा सिंह का जूनागढ़ #समाज
read moreएक इबादत
आज सुबह होगी मेरी देश के अलमस्त शहर में... अलमस्त यानि...बेफिक्री का शहर! तो चलो बीकानेर में सूर्य उदय के साथ एक कप चाय पिया जायें किसी नुक्कड़ पर बैठकर.. सफ़र पर हूँ आज अपने वतन के अलमस्त शहर के हाँ सही सुना अलमस्त शहर यानि की बेफिक्री का शहर जहां लोग बेफि़क्र होकर बिंदास जीवन जीते है राजस
सफ़र पर हूँ आज अपने वतन के अलमस्त शहर के हाँ सही सुना अलमस्त शहर यानि की बेफिक्री का शहर जहां लोग बेफि़क्र होकर बिंदास जीवन जीते है राजस #फिलहाल
read moreDivyanshu Pathak
मुक़द्दर में तेरे क्या है सितारे क्या बताएंगे ! भंवर में जोर कितना है किनारे क्या बताएंगे ! 'हार-जीत' की बातें किनसे पूछता है तू "पाठक" जो 'खुद' को जीत नहीं सकते वो हारे हुए क्या बताएंगे ! :🍫☕🍀🌱☘Good evening ji ☕☕☕☕☕🍫🍎🍎☕☕🍀🌱☘🍧🙋 चंद्रकांता की कहानी में जो तिलिस्म आपने पढ़ा या देखा होगा कुछ कुछ वैसा ही लगा मुझे मेरे राजस्थान का "जू
:🍫☕🍀🌱☘Good evening ji ☕☕☕☕☕🍫🍎🍎☕☕🍀🌱☘🍧🙋 चंद्रकांता की कहानी में जो तिलिस्म आपने पढ़ा या देखा होगा कुछ कुछ वैसा ही लगा मुझे मेरे राजस्थान का "जू
read moreSabir Khan
बच्चों के लिए जो धरती माँ,, सदियों से सभी कुछ सहती है। हम उस देश के वासी हैं,,, हम उस देश के वासी हैं,,,,,, जिस देश में गंगा बहती है। #NoCaa,NoNrc 🇮🇳जय हिंद🇮🇳 #गंगा
Sanjeev Jha
देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना जैसे कोई कराह हो या हो प्रसव-वेदना कचरे कई नालों से उतरते हुए देखा शौचालयों के मुंह का न है कोई लेखा मां बचपन में धोती थी अब कब तक धुलाना देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना ©संजीव #गंगा
ranjit winner
सनुो मझुे तुम फिर याद आयी ., शाम ढले इक चिट्ठी आयी .… पता तुम्हे मालमू न था,. फिर मझु तक कैसे पहुँचायी ,,, सनुो मझुे तुम फिर याद आयी .. खत में मेरा नाम लिखा है., साथ में ये पगैाम लिखा है… तमु भी मझुे भलू न पायी ,. याद तुम्हे भी मेरीआयी ., आगे तमु कुछ यूँ लिखती हो., तुम्हे पता है कब कब आयी ??? जब जब तमुने चाँद को देखा ., जब भी तमुने शमा जलायी ,.. जब जब तमु बारिश में भीगी,. और तब भी जब भीग न पायी .,, याद तुम्हे भी मेरी आयी ,. जब जब तमु को माँ ने डाँटा,. और तब भी जब आखँ भर आयी ., जब जब तमु उलझन में थी., और जब भी तमुको नींद न आयी ., सबुह भी आयी,. शाम भी आयी,. जब जब तमु ने चाय बनायी,. याद तुम्हे भी मेरी आयी , सारे जग से बात छुपायी,, पर खदु को फुसला न पायी तमु भी मझे भलू न पायी,,.. पता तुम्हे उस खत से मिला, जो गंगा में तुम बहा न पायी और फिर ये चिट्ठी भिजवाई ..जीत #गंगा