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Dr. Parwarish (The Hidden voice of soul)
आपके विचार को देश दुनिया तक पहुंचाने का इस वर्ष का अंतिम मौका। आखिरी दिन, संतुलन की शुरुआत का हिस्सा बनने के लिए, अपने अंतर्मन के भाव को द #कोट्स
read moreधाकड़ है हरियाणा
#कोई न कोई तो ऐसा मर्द होगा जो इंसानियत के नाते इस हरामखोर को सजा दिलवाने का बीड़ा उठा सकता है आपसे गुजारिश है कि इस वीडियो को इतना शेयर कर
read moreRimpi chaube
जिसे तुम चाहो, वो पहुंच ही जाता है।। ये दर भी तुम्हारा, आरजू का ठिकाना लगता है।। ©Rimpi chaube #राधे_कृष्णा❤️🙏 जिसे तुम चाहो, वो पहुंच ही जाता है।। ये दर भी तुम्हारा, आरजू का ठिकाना लगता है।।
राधे_कृष्णा❤️🙏 जिसे तुम चाहो, वो पहुंच ही जाता है।। ये दर भी तुम्हारा, आरजू का ठिकाना लगता है।। #Bhakti
read moreAJAY NAYAK
पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस रास्ते होते थे अलग अलग बस बहाने होते थे अलग अलग जाते थे तो एक बड़े से गेट से निकलते थे अलग अलग रास्तों से कहीं दिवाल फान कर तो कहीं कटीले तारों के बीच से कभी खुद का पेट दुख रहा है के बहाने से कभी दोस्त का दुख रहा है के बहाने से हद तो तब कर देते थे जब पापा मम्मी बीमार ही हो जाते थे उससे भी ज्यादा हद तब करके निकल जाते थे जब अपनी नाना नानी दादा दादी को ही मार देते थे आधे दिन की छुट्टी के लिए मार भी मिलती थी मास्टर से बहुत जब मौका मिलता था मौका फिर से कोई बहाना तरकीब निकाल निकल लेते थे वो दिन बड़े सुहाने थे न बोझ था न तनाव था जितनी हरियाली खेतो में थी उतनी हरियाली हमारे मनो में थी एक दूसरे के घर वालों को हर रोज मारकर हम सभी दोस्त एक ही रिक्शा में सवार हो घर जाते थे –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस
#पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस #कविता
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पहुंच जाता हूं गुमनाम शायर ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पह
#Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पह #शायरी
read moreSinger Chandradeep Lal Yadav
हो जाई प्यार ये बलम जी Actor singer writer Chandradeep lal Yadav #Videos
read moreभारद्वाज
White ना जाने कितने दूर तक जाती हैं, ये "मंजिल" बस चलते जाना है, आखिर! एक ना एक दिन , अपनी "मंजिल "तक पहुंच ही जाना है।। ©भारद्वाज #GoodMorning #ना जाने कितने दूर तक जाती हैं, ये "मंजिल" बस चलते जाना है, आखिर!
#GoodMorning #ना जाने कितने दूर तक जाती हैं, ये "मंजिल" बस चलते जाना है, आखिर! #Motivational
read moreAk.writer_2.0
न पहुंच सका मैं उस तक. sad sadfeelings Emotional alone_boy brockenheart Akwriter Kshitija Priya Mishra vineetapanchal Andy Mann Neha@N
read moreINDIA CORE NEWS
gaTTubaba
Beautiful Moon Night जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर तब शीशे में अपने आप को खुद की नजर में गिरते हुए देखा ... जिनको गलत समझ रहे थे उनमें सही को देखा क्योंकि कागज के सिवा हमने और क्या देखा ? जिसने ना रूप देखा ना धन देखा ना देखी असलियत और ना मन देखा उन आंखों में देखकर भी हमने इश्क क्यों नहीं देखा ? जो आ रहा था नजर गलत शायद वो भी सही हो हमने गलत से पर्दा हटाकर कब देखा ? तुम क्यों कहती हो ? वो हमारे पास नहीं बताओ तुमने हमारा दिल खोलकर कब देखा ? ©gaTTubaba #beautifulmoon जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर तब शीशे में अपने आप को खुद की नजर में गिरते हुए देखा ... जिनको गल
#beautifulmoon जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर तब शीशे में अपने आप को खुद की नजर में गिरते हुए देखा ... जिनको गल #शायरी
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