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Anjali Singhal
Yogi Sonu
White अगर जीवन में समाधी न हो तो जीवन कैसा होगा भाग दौड़ होगी ईश्या होगी प्रतिस्पर्धा होगी जीवन एक जंगली जानवर जैसा बन जायेगा फिर उसे भुलाने के लिए मादक द्रव्य का सेवन पर समाधी अपने आप में एक दुनिया है परमार्थ की दुनिया जिस दुनिया मे आदिपुरुष योग में स्थापिता है । ©Yogi Sonu अगर जीवन में समाधी न हो तो जीवन कैसा होगा भाग दौड़ होगी ईश्या होगी प्रतिस्पर्धा होगी जीवन एक जंगली जानवर जैसा बन जायेगा फिर उसे भुलाने के लि
Ashutosh Mishra
White छल गया छलिया छल से मुझे,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जान कर भी अंजान रहा वो क्या जाने ,,,,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,इस हार में भी जीत है मेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #mountain छल गया छलिया छल से मुझे मैं जाकर भी अंजान रहा वो क्या जाने,,,,, इस हार मे भी जीत है मेरी। #छल #छलिया KRISHNA Vaibhav's Poetry R
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
MUKESH KUMAR
White ☝️एक विचार ✍️ फिर प्रयास करने से क्यों घबराना दोस्त ... इस बार शुरुआत शून्य से नही, अनुभव से होगी..... ©MUKESH KUMAR ☝️एक विचार ✍️ फिर प्रयास करने से क्यों घबराना दोस्त ... इस बार शुरुआत शून्य से नही अनुभव से होगी.....
AD Kiran
इस गली का आशिक़ नहीं बनना मेरे दोस्त चुकी, इस गली की लड़कीयों को तेरे दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता। ©AD Kiran इस गली... SabitaVerma
Shashi Bhushan Mishra
White यह इलाज है इस मन का, ध्यान करो तुम जीवन का, सुंदर भुवन मिला सबको, ख़्याल रखो मानव तन का, ऋषि-मुनियों की धरा यही, आभारी हूँ कण-कण का, सागर सरिता पर्वत सब, यह निवास गोवर्धन का, शिक्षा-दीक्षा संस्कार सब, संसाधन ज्ञान संवर्द्धन का, मानवता की सेवा करना, सर्वोत्तम सुख निर्धन का, अवसर का कर सदुपयोग, है मंत्र यही अब गुंजन का, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #यह इलाज है इस मन का#
Shivkumar
White भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी , दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी । ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त, तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी ।। ©Shivkumar #Dosti #दोस्त #Dostiforever #दोस्ती #Nojoto #शायरी #भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी , दिल की #गहराई मे हमारी #तस्वीर बस जाएगी । ढूढ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे