Nojoto: Largest Storytelling Platform

New डायरी उतारा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about डायरी उतारा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डायरी उतारा.

Stories related to डायरी उतारा

    LatestPopularVideo

Akram Siddiqui

अपना सदक़ा उतारा करो।

read more

Diwan G

डायरी के पन्ने #डायरी #शायरी

read more
जिन्हें डायरी रखने का शौक होता है।
उन्हें शायरी लिखने का शौक होता है।।
  Fantasy Writer® डायरी के पन्ने
#डायरी #शायरी

silent pen

डायरी #डायरी #yqbaba #yqdidi #poem

read more
तेरी शिकायतों के किस्से अगर डायरी के पन्नों से निकाल कभी लिखने बैठ जाऊँ, तो किताब बन जाए | डायरी
#डायरी #yqbaba #yqdidi #poem

BINODINI MAHAPATRO

कुछ अनकहे एहसास ,
कुछ बिन बोले बात।
 लगता है बहुत खास ,
उलझते हुए कुछ जज़्बात।। #डायरी

Anupama Sharma

SONGWRITER DURGA KRISHNA

डायरी #विचार

read more

Archana Chaudhary"Abhimaan"

अश्क बेचते है लोग 
भावनाओ से खेलने को।
दर्द देते है लोग 
खुद का वजूद बचाने को।
इस जहां में खुदा ने जीवन मुफ्त दिया
अपनो को ही बेच देते है लोग
आशियाना अपना बनाने को। #डायरी

VISHNU DEV SHUKLA

डायरी #विचार

read more
❣️❣️❣️Meri  khwaisho wali diary
Me hr panne pr  nam tumhara likha hai maine

Sirf ye soch kr ki agr kbhi  koi khwaish puri  hui toh tum jrur mil jaogi❤️❤️❤️

©VISHNU DEV SHUKLA डायरी

Deepak Singh

रात भर बारिश हुई। जब रात भर बारिश होती है तब बारिश मेरी खिड़की से भीतर अा जाती है। बिना मुझसे पूछे कि क्या मैं अंदर अा सकती हूं? जैसे इसे मालूम हो कि मैं इसकी ही प्रतीक्षा में हूं। मैं किसकी प्रतीक्षा में हूं? तुम्हारी या बारिश की, या फ़िर ख़ुद की। कोई उत्तर नहीं मिलता। कभी कभी आदमी ख़ुद को ही कोई उत्तर नहीं दे पाता है।

शायद उत्तर देना ही नहीं चाहता हो - जैसे उत्तर मिल जाने पर वो भड़भड़ा कर गिर जाएगा। मिट्टी का शरीर कमज़ोर ही तो होता है। इतना कमज़ोर कि तुम्हारी याद का एक झोंका मुझे उड़ा दे। उड़ा कर पटक दे किसी रेगिस्तान में। मैं तुम्हारे प्रेम का प्यासा रास्ता भटक गया हूं। मिलों पैदल चलने के बाद थकान मेरी आंखों में उतर आई है। ओ मेरी मंज़िल, मुझे रास्ता दिखा दो। एक बूंद प्रेम बांध दो मेरी पीठ पर। मैं नदी बन जाऊंगा फ़िर मर जाऊंगा एक प्यासी मौत। कौन जानता है, नदी की मौत प्यास से हुई थी।

बारिश ने मन के साथ साथ बिस्तर भी गीला कर दिया।
"कितनी बार कहा है खिड़की बन्द करके सोया करो। लापरवाह कहीं के!" तुम्हारी ये बात बहुत याद आती है।

••••••••••••••••
#डायरी #डायरी

Sardar Jagjeetsingh Kalra

बड़ी उलझनों से भरी है जिन्दगी, क्या उल्फत का फ़साना लिखूं।

ज़ाहिर जब करता हूं किसी से, मन की बात अपनी।

ख़ुद से भी ज्यादा सबका दर्द ए दुःख, दिल ए फ़साना सुनूं।

करते रहे इंतज़ार हम किसी का, मेरा हाल ए दर्द ना समझ सकी।

मौत आई जब गले लगाने, जताने अफसोस सबसे पहले।

 हांथों में अपने पहुंच गई फूल लेकर। #डायरी
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile