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हिमांशु Kulshreshtha
White मेरे मन आँगन में सुनहरे सपनों को सजाती कौन हो तुम मेरे दिल की धड़कन में पल पल समा रही कौन हो तुम मेरे कानों में घोल रही अमृत सा अपनी बातों से कौन हो तुम.. एक खूबसूरत ख्वाब मृगतृष्णा या हक़ीक़त सच बोलो, कौन हो तुम ©हिमांशु Kulshreshtha कौन हो तुम..
कौन हो तुम..
read moreamansingh6295
जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम ज़ख्म कुरेदते हो तो कुरेद लो अब ख़ैर दर्द में भी तो मुस्कुरा रहे हैं हम कुछ बातें दफ़न है दिल में आज भी कुछ एहसास अब छिपा रहे हैं हम तुम जाओ भी तो फिक्र न करो मेरी तन्हा रहकर जिंदगी गुजार रहे हैं हम ©amansingh6295 जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम ज़ख्म कु
जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम ज़ख्म कु
read moreAnuj Ray
White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray # दो मुसाफ़िर
# दो मुसाफ़िर
read moreनवनीत ठाकुर
White हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है, तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं। हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता नहीं है, तुम आए ना आए, पर उम्मीदें ख़त्म नहीं हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है, तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं। हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह
#नवनीतठाकुर हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है, तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं। हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह
read moreमिहिर
White जैसे मिलते हो खुद से वैसे ही मिलो मुझसे जैसे करते हो बातें खुद से करो वही बातें तुम मुझसे अगर कहूं साफ साफ दुनियादारी अब है कही पीछे और अब हूं मैं दूर कही आगे अब जहां मुझे फर्क दिखता नहीं फर्क देखना नहीं तो मुझे बनना नहीं बनाना नहीं उलट कर पलट कर वो जो तुम हो अब वहीं मैं हूं जो मैं हूं वहीं तुम हो !! ©मिहिर #हम हैं
#हम हैं
read moreamansingh6295
Unsplash भरी दुनिया में किसी को अपना नहीं समझते हो यकीनन तुम किसी को भी कुछ नहीं समझते हो ख़ामोशी की जुबान तो दूर की बात हैं अमन तुम तो आखों की भी जुबान नहीं समझते हो ©amansingh6295 भरी दुनिया में किसी को अपना नहीं समझते हो यकीनन तुम किसी को भी कुछ नहीं समझते हो ख़ामोशी की जुबान तो दूर की बात हैं अमन तुम तो आखों की भी
भरी दुनिया में किसी को अपना नहीं समझते हो यकीनन तुम किसी को भी कुछ नहीं समझते हो ख़ामोशी की जुबान तो दूर की बात हैं अमन तुम तो आखों की भी
read moreचेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज
जैसा हम लिखते हैं, वैसा ही; हमारे व्यवहार में हो, हमें अपेक्षा रहती है, हमसे किसी की उपेक्षा ना हो, हमने भी देखा है , ज़माने में लोगों को बदलते हुए, हमसे छोटा ही रहें, संसार में हमसे कोई बड़ा ना हो। (मौलिक रचना) चेतना प्रकाश चितेरी ४/१/२०२५, ७:३० अपराह्न ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज # जैसा हम लिखते हैं वैसा ही ; हमारे व्यवहार में हो
# जैसा हम लिखते हैं वैसा ही ; हमारे व्यवहार में हो
read moreRameshkumar Mehra Mehra
Unsplash पहले भी मुसाफ़िर थे... आज भी मुसाफ़िर है.....! पहले किसी की तलाश मे थे....!! और अब अपनी तलाश में...!!! ©Rameshkumar Mehra Mehra # पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
# पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
read morePRIYA SINHA
White 🫂"बस तुम हो" 🫂 जीवन के गीत में ; हार या जीत में ; बस तुम हो ! सूनेपन की भीत में ; प्रहार या प्रीत में ; बस तुम हो ! समर्पण के रीत में ; बेकार या कृत में ; बस तुम हो ! प्रिया सिन्हा 𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. (शनिवार). ©PRIYA SINHA #बस #तुम #हो
नवनीत ठाकुर
"हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं, जो तूफानों में भी, राह अपनी खुद बनते हैं।" ©नवनीत ठाकुर हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
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