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The SagaR Kurve
उगता हुआ सुरज देख रही हूं दिन की पहली किरण के साथ खुशरंग नई सुबह देख रही हूं आकर्षण बढ़ाते अंबर के साथ ¹विस्तीर्ण ²सौम्य सागर देख रही हूं किनारे छुती चंचल लहरो के साथ ¹ विशाल, ² शांत चित्र पर #कविता
अनूप'बसर'
एक बार और उलझना है तुमसे 🇮🇳"अब नहीं सहेंगे"🇮🇳 अब तक बहुत सहा,अब नहीं सहेंगे। भारत माँ के आँचल पर, एक भी दाग ना लगने देंगे। जो डालेगा बुरी नजर, उसकी आंखें हम नोंच लेंगे। इसकी रक्षा की खातिर, अपने प्राण न्योछावर कर देंगे। परिस्थिति भले कैसी भी हों, हम नहीं डरेंगे। अब कोई कुछ भी कहेगा तो, मुँहतोड़ जवाब हम देंगे। मैदान चाहे कैसा भी हो, हर बार की तरह जीतकर हम दिखाएंगे। अब तक बहुत सहा,अब नहीं सहेंगे, भारत माँ के आँचल पर, एक भी दाग ना लगने देंगे। #अनूप_बसर #कविता #रचना #
वो SabnamKhatoon
बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना मुझमे बुरा न कोय।। संत कबीर ©वो SabnamKhatoon कविता, रचना #Path
मयुर लवटे
अमावस्येची रात्रं, एकटा रस्त्याच्या कडेला चाललो अमावसेच्या काळ्या रात्री, सोबत कुणी असल्याचा झाला भास म्हणून पाहून इकडे तिकडे करू लागलो खात्री... पाहता दूरवर अंधारात दिसला थोडा प्रकाश, कसला तरी प्रकाश पाहून पाऊले टाकू लागलो पुढे सावकाश... अंधारातून टिमटिमत्या उजेडात एक लग्न जोड्यात सुंदर मुलगी दिसली, पाहत होतो दुरून तिला मी तर खदाखदा माझ्यावर हसली... हसत का आहे म्हणून मी प्रश्न केला तिला, लग्न माझ्याशी कर अशी म्हणत होती ती मला... तिचं असं बोलणं पाहून अचंबा च मला झाला, हात तिने पकडला माझा आणि गाठला कवठ्या नाला... कवठ्या नाल्यावर गेलो तर तिथे होतं समदं लग्नाचं वऱ्हाड, लग्न करण्यासाठी तिने हार न घालता टाकला गळ्यात माझ्या चऱ्हाड... मरून शरीर खाली पडलं तिथेच आणि माझा आत्मा झाला उभा, लग्न केलं तिच्या सोबत आणि संसार थाटला नवा... बरं झालं आईनं माझ्या तोंडावर पाणी टाकलं, खरंच लग्न झालं त्या हडळ सोबत, मला होतं वाटलं... मयुर लवटे भय रस कविता प्रकार #for #you
Anurag Vishwakarma
प्रश्न 1.रस कितने प्रकार के होते हैं ? उत्तर। 9 प्रकार के 1.श्रृंगार रस 2. हास्य रस 3. करुण रस 4. रौद्र रस 5. वीर रस 6. भयानक रस 7. वीभत्स रस 8. अदभुत रस 9. शांत रस ©Anurag Vishwakarma #कविता #में #रस #के #प्रकार #zindagikerang
हिंदीवाले
रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए लगता है किसी अपने से मिलना बाकी है #रचना #हिंदी #लिखावट #कविता
Sarita Singh
छाया है सन्नाटा मेरी भावनाओं में तभी तो आज कल दिखती नहीं मैं कविताओं में डोर छूटती जाती हैं जीवन कि आशाओं से आजकल बात चीत बंद है मेरी अपनी ही रचनाओं से ... #सन्नाटा #जीवन #कविता #रचना
Manmanth Das
ओस से भींगीं नम हुई नई हरी दूब, कोमल फसलें व नव यौवन लिए मंद मुसकाते हुए, कुछ पुष्प लताएँ कोंपलों को समेटे नए हरे पत्ते और कलियाँ सकुचाते हुए , कल्लोलित खग वृंद मधुर प्रस्फुटित स्वर में गुनगुनाते हुए, अलसी रही झूम प्रिय के स्वागत में अपने हृदय के समस्त भाव बिछाते हुए, वसुंधरा धर रही नित बसंती परिधान ऋतुराज की राह में पलकें बिछाते हुए, आम्र कुंज से मधु चुराकर मादक कोकिल चिहुँक रही जाने कब से अपने प्रिय को बुलाते हुए, और उतारकर चादरें धुंध की बसुधा देखो झुरमुट से झांक रही मानो देखा है उसने पीले सरसों के पीछे से बसंत को आते हुए। मन्मंथ् ✍ ©Manmanth Das #बसंत #कविता #रचना #मन्मंथ