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MR.UNKNOWN
बढ़ते चलो,बढ़ते चलो। ये जिंदगी है आपकी , बढ़ते चलो,बढ़ते चलो। उस रोशनी के सामने, क्या हैसियत है रात की, बढ़ते चलो ,बढ़ते चलो। तेरे हौसलों के सामने , क्या ग़म कभी टीक पाया है?, बढ़ते चलो,बढ़ते चलो। पोखर बनो,सागर नहीं, सागर के पानी से किसी का, प्यास भी बुझ पाया है?, बढ़ते चलो,बढ़ते चलो। ये जिंदगी है आपकी, बढ़ते चलो,बढ़ते चलो।। बढ़ते चलो,बढ़ते चलो
Md Iftekhar
रख हौसला वो मंज़र भी आयेगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा, थक कर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर, वो मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा। बढ़ते चलो आगे बढ़ते चलो।
DR. LAVKESH GANDHI
शिक्षण संस्थान एक शिक्षण संस्थान को एक संस्कारशाला के रूप में होने चाहिए | जबकि आज शिक्षण संस्थान उद्योग के रूप में विकसित और दुकान के रूप में संचालित हो रहे है | जो कि समाज और संस्कृति के लिए एक विस्फोटक की स्थिति है | ©DR. LAVKESH GANDHI # शिक्षण संस्थान # # संस्कारशाला या उद्योग #
Parasram Arora
अगर मैं गौतम अडानी होता तो सबसे पहले मैं उस मस्क को दुनिया का नंबर वन.कभी न बनने देता ©Parasram Arora नंबर वन
Ram Yadav
ए सी कमरे में बैठ जंगलों की फ़िक्र हो रही है ।। बहुत दिक्कत है, हाईवे बनाने के लिये लाखों पेड़ काटने हैं,,, लेक़िन सैकड़ों लगाने भी ।।। अब,, हाथी चलता है तो पौधे कुचले ही जाते हैं.... कहाँ तक मातम मनायें ।।।।। हरित क्रांति भी तो पेड़ों की लाशों पर पनपी थी...... ढूंढ़ दो मीलों लंबे खेतों के बीच कोई बरगद, कोई पीपल, कोई महुआ, या कोई शीशम ।।।।।। क्या कभी समझ पाएँगे ये सड़कें हत्यारी तो हैं जंगलों की : लेक़िन इन्होंने ने ही अब सहारा दे रखा है अपने दोनों ओर..... इन साँसों की फैक्टरियों को ।।।।।।।।। वरना खेत ही खरीदे हैं इंसान ने पेट भरने के लिए 🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹 जानते हो ?? साँसों की क़ीमत फ़िलहाल सस्ती है......... रोटी और गाड़ी के सामने !!!!!!!!! अंतराष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च😒😏 ©Ram Yadav वन दिवस