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atrisheartfeelings
सब कुछ अपने हाथ है और डरने की क्या बात है ऊपर वाला अपने साथ है सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "कल की तैयारी " बहुत ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को टॉपिक पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
Krish Vj
तेरे आँचल की छाया में गुजरा बचपन मेरा गोद तेरी यह "माँ" सुकून का ख़ज़ाना मेरा दर्द और ग़म मिट जाता मन मुस्कराता मेरा दूर तुम से पल भर होता तो मन घबराता मेरा प्रेम तेरा जीवन हैं मेरा, और नहीं कुछ मेरा हर ज़ख़्म की दवा तू,"माँ" तू ही हैं ख़ुदा मेरा सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 आज की एक रचना मांँ के नाम....💝 🌼आज का हमारा विषय "तेरे आंँचल की छाया में" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
Poonam Suyal
करती है दिल पर वार जब किसी के शब्दों का होता है इंतज़ार चीर देती है वो अंदर तक हमें याद आती हैं जब प्यार में ली कसमें.... ये चुप्पी जान ही ले लेती है जब ख़ामोशी उनकी तोड़ी ना जाए हमसे सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चुभती ख़ामोशी" एक ऐसा विषय है जो किसी अपने के ख़ामोश होने से जिस पीड़ा का अनुभव होता है, उस अहसास को शब्दों में ढालने का एक प्रयास कीजिए... आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
Poonam Suyal
तुममें हम रहते हैं गुम बारिशें हो जाती हैं, और भी रंगीन.... जब भी प्रेम में सराबोर, होते हैं हम और तुम नहीं रहती हमारी, कोई भी चाह बाकी.... जब भी हमारे साथ, होते हो तुम सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए। 🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है,
Poonam Suyal
वहीं मेरा ठिकाना जहाँ कहीं भी जाऊँ मैं, यहीं लौटकर मुझे है आना तुझसे मिलने को, आतुर रहती हूँ मै सदा.... तेरे पास आने का, ढूँढती रहती हूँ मैं बहाना तुझे कितना चाहती हूँ मैं.... तेरे पहलू में आ, तुझे है बताना तो प्यार से बस, निहार ही ना तू मुझे.... आगे बढ़कर, झट से गले लगा ना सुप्रभात, आप सभी लोगों को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।💐🌼💐 आज का हमारा विषय बहुत ही ख़ूबसूरत तथा रोमांटिक है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। यहीं नहीं बल्कि दो चयनित लेखकों को टेस्टीमोनियल समन्यतः दिया ही जाता है किन्तु इस प्रतियोगिता में मिलने वाला टेस्टीमोनियल भी प्रकृति के रंगों में रंगा होगा।💐💐
Vaseem Akhthar
चाय, बारिश और तुम बज रही जैसे मधुर सरगम हो गए नयन ख़शी से नम साथ जो है मेरा हम-दम ये बाँकपन और अल्हड़पन देख हो जाऊँ मैं तुझ में गुुम गाए ये तराना मस्त मगन आठखेलियाँ लेता मन हर दम बाँध लिया है प्रेम बंधन न टूटेगा कभी अब, ये संगम सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए। 🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है,
Vaseem Akhthar
हर एक का होता है अलग अलग किरदार क्यूं डालते हो उलझन, पूछ यार या प्यार यार बिन रहेगा, मेरा अधूरा प्यार प्यार को जिताने, होते हैं मेरे यार इक क़ल्ब की है राहत, दूजा है उसकी ढाल इन दोनो के बिना मैं, जाऊं परलोक सिधार सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "यार या प्यार" बहुत ही ख़ूबसूरत तथा तुलनात्मक है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼वैसे तो प्यार और दोस्ती में कभी तुलना होनी ही नहीं चाहिए, दोनों की अपनी एक जगह तथा मायने हैं। 🌼किन्तु रचनाओं में कल्पना एक अभिन्न अंग है तो यदि तुलना कभी करनी पड़ती है तो उस स्थिति का चिंतन अपने अपने तरीके से आप को करना है।
Vaseem Akhthar
बनता है कभी साया, बनता है कभी ढाल ये है मां की 'इस्मत, मां का आँचल तू संभाल थक हार के जब आए, होवे जो तू निढाल माथे पसीना पोछे, हो सारी थकन बहाल रखता है दूर सब की, हर शर-नज़र से भी महफ़ूज़ तुझ को करता है, हर बला को टाल सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 आज की एक रचना मांँ के नाम....💝 🌼आज का हमारा विषय "तेरे आंँचल की छाया में" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।
Vaseem Akhthar
चाय, बारिश और तुम बज रही जैसे मधुर सरगम हो गए नयन ख़शी से नम साथ जो है मेरा हम-दम ये बाँकपन और अल्हड़पन देख हो जाऊँ मैं तुझ में गुुम गाए ये तराना मस्त मगन आठखेलियाँ लेता मन हर दम बाँध लिया है प्रेम बंधन न टूटेगा कभी अब, ये संगम सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चाय, बारिश और तुम" बहुत ही ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए। 🌼आपके भाग लेने का समय आज रात्रि 12 बजे तक है,
Vaseem Akhthar
हर एक का होता है अलग अलग किरदार क्यूं डालते हो उलझन, पूछ यार या प्यार यार बिन रहेगा, मेरा अधूरा प्यार प्यार को जिताने, होते हैं मेरे यार इक क़ल्ब की है राहत, दूजा है उसकी ढाल इन दोनो के बिना मैं, जाऊं परलोक सिधार सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "यार या प्यार" बहुत ही ख़ूबसूरत तथा तुलनात्मक है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼वैसे तो प्यार और दोस्ती में कभी तुलना होनी ही नहीं चाहिए, दोनों की अपनी एक जगह तथा मायने हैं। 🌼किन्तु रचनाओं में कल्पना एक अभिन्न अंग है तो यदि तुलना कभी करनी पड़ती है तो उस स्थिति का चिंतन अपने अपने तरीके से आप को करना है।