Find the Latest Status about मेरी कलम में देवरिया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेरी कलम में देवरिया.
Subhash.C.sharma
मेरी कलम और में। कुछ कहता हूं में, कुछ लिखती है कलम, बीत जाते है कई दिन । सुनसान पड़ी रहती है कलम, लिखने का है चाव सोचता हूं, कभी कभी तालब से भी गहरे पड़ गए क्या, इन काले शब्दों से भर जायेंगे ये घाव मन ही मन यह सवाल आता है लिखना शुरू करता हु, तो मन में इक बवाल आता है डरता नहीं में सत्ता के पहरेदारों से चलता एक कदम नहीं हूं, में बिना अपनी कलम के सहारे से जिंदगी भर का है साथ जब तक चलते रहेंगे मेरे हाथ, भटकता है , मन स्थिर रहता है तन, घूमती है कलम पाताल इहलोक और गगन कुछ लिखती है खुद ,कुछ कहता है मन बस इतना सा ही हैं सफर ,एक हूं में और एक है, मेरी कलम! सुभाष सी. शर्मा ©Subhash.C.sharma मेरी कलम और में
मेरी कलम और में #कविता
read moreDharmendra Gopatwar
📖 ख़ामोशी में मेरी मेरी कलम चलती है......✍️ By Dharmendra Gopatwar ख़ामोशी को मेरे नासमझ समझ बैठे , बड़ी गलती कर बैठे ....l अक्सर शांत होता है समंदर कम आंखे तो शहर डूब ले जाता है । मेरी खामोशी को कमज़ोरी न समझो खामोशी में मेरी कलम चलती है l ज़ुबान ज्यादा चली किसकी , हिसाब होती है l अपने बल से मुझे गिराने की कोशिश न कर ...., मेरी नजरों ने तुझे गिराए जमाना हो गया... l बीच समंदर मुझे धकेलने की कोशिश ना कर , समंदर से मेरी पुरानी यारी है ..... वो मुझे किनारे ला देगा ..., अगर नियत में खोट हो तो एक बूंद ही काफी है , बहा ले जाने को , फत्तर भी तैर पाएगा गर नियत साफ हो ..., D|Gopatwar रावण भक्त था महाकाल का , लालच ले डूबा l किस्मत सही था फिर भी नही बक्शा समय ने , क्योंकि खराब था नियत उसका l राजकुमार थे राम फिर भी किस्मत में उनका वनवास लिखा , फिर भी वो भगवान कहलाए , क्योंकि मन उनका सांफ था l ख़ामोशी से कोई इतिहास लिखा है ज़ुबान चलाकर ये बता क्या किसीने कुछ पाया है l DlGopatwar तुम कहते हों तो ज़ुबान भी चलेगी मेरी तुम्हारी बातों का हिसाब तो हो .....l फिलहाल हम खामोश ही अच्छे तुम अपनी ज़ुबान चलने दो कागज पर मेरी मेरी कलम बोल रही तुम मांगो तो ज़ुबान खोल हिसाब दूं तुम्हारी चलती ज़ुबान को मोड़ सीधा चलना सीखा दूं ..., ज्यादा ना उछल , मुंह की खाएगा मैं बोल पड़ा तो , ख़ामोशी से रिश्ता होगा तुम्हारा , सब लिखा है हिसाब होगा तुम्हारा .....✍️ 📖 कवि मन मनातलंओझं पानावर......✍️ ©Dharmendra Gopatwar ख़ामोशी में मेरी कलम.. ✍️
ख़ामोशी में मेरी कलम.. ✍️ #सस्पेंस
read morePankaj Kumar Prajapat
एक तरफ़ा प्यार बहुत खुश थे वो जब मेरे जज़्बात बिखर गए एक उसकी कि खुशी के दिवाने जो थे हम,,,pk में और मेरी कलम,,,pk
में और मेरी कलम,,,pk
read morePankaj Kumar Prajapat
राहगीर बना बैठा था कब से उसके साथ के बिना जब उनका साथ नहीं धोका मिला तो मंजिल को पा गये,,,pk में और मेरी कलम,,,,pk
में और मेरी कलम,,,,pk
read morePankaj Kumar Prajapat
मेरी प्यारी कविता, मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है अपने प्यार से सिचा तुझे अब अपना घर सजाना है छोटी सी कली को फूल बनाया अब तुझे अपना बाग लगाना है मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है मां पापा को भूल न जाना अपने पति का साथ निभाना यहीं दुआ है मेरी गुड़िया अपना घर तुम खूब सजाना मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है,,,pk में और मेरी कलम,,,pk
में और मेरी कलम,,,pk
read moredr.rohit sarswati
युँ ही नही बख्शी ये कलम उस विद्माता ने मुझे यार उसको मुझमे कोई तो खुबी नजर आई होगी । ©rohit sarswati #मेरी कलम # मेरी कलम