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Gaurav pawar
White जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखनाबिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होतेढूंढ लेना अंधेरों में मंजिल अपनीजुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते ©Gaurav pawar #love_shayari जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखनाबिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होतेढूंढ लेना अंधेरों में मंजिल अपनीजुगनू कभी रोशनी के
#love_shayari जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखनाबिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होतेढूंढ लेना अंधेरों में मंजिल अपनीजुगनू कभी रोशनी के
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White झोपड़ी को अब वो महल कह रहे हैं, झूठ को सच वो आजकल कह रहे हैं। टेढ़ी मेढ़ी बातों में फंसा कर 'उजाला', अपने शब्दों को नेता सरल कह रहे हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" महल
महल
read moreHimanshu Prajapati
हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! ©Himanshu Prajapati #coldnights हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! #36gyan #hpstrange
#coldnights हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! #36gyan #hpstrange
read moreKasim Ali Latif
White Tujhe Main Apne Sir Ka Taj Banakar Rakhunga 👑 Kisi Ne Mujhe Pairo Ki Dhool Tak Banne Na Diya Tha ✨ ©Kasim Ali Latif "तुझे मैं अपने सिर का ताज बनाकर रखूंगा 👑, क्योंकि किसी ने मुझे पैरों की धूल तक बनने न दिया था ✨।" दिल की गहराइयों से निकले ये शब्द, आत्मसम्
"तुझे मैं अपने सिर का ताज बनाकर रखूंगा 👑, क्योंकि किसी ने मुझे पैरों की धूल तक बनने न दिया था ✨।" दिल की गहराइयों से निकले ये शब्द, आत्मसम्
read moreनवनीत ठाकुर
green-leaves हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौसले की दुआ हैं, तेरी मेहनत ही तेरी सबसे बड़ी वफ़ा है। ख़ुदा भी देगा तुझे ताज-ए-क़ामयाबी, बस चलते रहना, यही रास्ता सच्चा है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीत हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौ
#नवनीत हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौ
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये, ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये। चुना था एक आशियां शहर में, पर उस महल से दरकिनार भी किये। कुछ एक ही तो ख़्वाहिशें जगी थीं, अरमानों को ज़िंदा दफ़न भी किये। उनके लिए हमने खुद को भुला दिया, फिर भी हर लम्हा बेज़ुबान भी किये। ©theABHAYSINGH_BIPIN #moon_day उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये, ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये। चुना था एक आशियां शहर में, पर उस महल से दरकिनार भी किये। कुछ
#moon_day उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये, ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये। चुना था एक आशियां शहर में, पर उस महल से दरकिनार भी किये। कुछ
read moreनवनीत ठाकुर
न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत काफी है, आराम नहीं, बस राहत काफी है। सुकून की तलाश में भटक रहा हूँ, खाली पेट को बस बरकत काफी है। न शानो-शौकत, न चाहत बड़ी, बस इंसान की भूख मिट जाए। जिंदगी की असली हकीकत यही, कि पेट भरे, तो सुकून आ जाए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
#नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
read moreAnuradha T Gautam 6280
#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही
read moreF M POETRY
Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
read moreनवनीत ठाकुर
सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए। बरसों बरस का सामान किस काम आएगा, जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा। जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई, और मौत ने आते ही कहानी बदल गई। साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या, पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
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