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S. Bhaskar
चढ़ल बाटे सावन देख मन हरियाईल बा, चौक शिवाला पे भांग कुटाईल बा, मन तरसता तनी ला के चखा द ना, एहो हमार गौरी -2 तनी मांग के हमरो खिया द ना। हम हई जगत के माता, लोग हमरो के पूजे जाता, कईसे हम ओहिजा मुहवा दिखाईब ना, ए हो मेरे भोले -2 हमसे ई भंगिया आईं ना। हम हई नाथ टिकल हमरे पे बात, बिना भंगीया बा सुना सबे रात, कावरियां भी खाली हाथ जाई ना, ए हो गणेश के माई-2 तनी मांग के हमरो खिया दा ना। त्रिलोकी रउवा बानी हम राउर हई रानी, बतिया हमार मानी भक्तन के संभाली, भर भर चिलम रउवा धुवां में उड़ाई ना, ए हो मेरे भोले -2 हमसे ई भंगिया आईं ना। हम पंचतंत्र के स्वामी हई मंत्र में ज्ञानी, बिना नशे के देख चढ़ावे पड़ी पानी, घुटताटे हमर दम फेल भईल चिलम, देख कोरोना के दवा बनाईब ना, एहो हमार गौरी -2 तनी मांग के हमरो खिया द ना। जब कोरोना के बडूवे बात, हम्हू बानी रउवा साथ, हम ता लावतानी भगिया तू हूं हो जा तनी भगवईया ना, ए हो मेरे भोले -2 हमही ई भांगिया लाईन ना। चढ़ल बाटे सावन देख मन हरियाईल बा, चौक शिवाला पे भांग कुटाईल बा, मन तरसता तनी ला के चखा द ना, एहो हमार गौरी -2 तनी मांग के हमरो खिया द ना। ह
yogesh atmaram ambawale
लाख कोशिशों के बावजूद ए हो न सका, जितना उसे भुलाना चाहा वो उतना याद आता गया| OPEN FOR COLLAB✨ #ATलाखकोशिश • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your thoughtful words.✨ • Must use hashtag: #aesthetict
Pankaj Singh Chawla
"नुण" (नमक) साड्डा मनुख जीवन नुण वारगा की नुण दे समाउंन ए, मन्नो ते जीवन जीउन दा आधार ए, जिस तरह खाने विच नुण नाल स्वाद ए, उसी तरह नुण दा जीवन विच वी विशेष योगदान ए, अमीर दी थाली विच नुण दा 56 भोग तैयार ए, उत्थे गरीब सुखी रोटी उत्ते नुण लाके खान नु तैयार ए, अमीर ए.सी. वाले कमरे विच बैठ के लेंदा निम्बू पानी दा स्वाद ए, उत्थे गरीब मजदूरी कर कडे पसीने विच नुण ए, अमीर नु लगी ब.पी. दी बीमारी ए, डॉक्टर कराया नुण हूण बन्द ए, गरीब विचारे नु कोई पूछ दा नही ए, जिहदे शरीर विच नुण दी घाट ए, हर कोई चखना चहुँदा नुण दा स्वाद ए, भूल जाउँदा इही नुण ज़िंदगी दा आधार ए, हों जावे घट-वध ते मुसीबता तैयार ए, साड्डा मनुख जीवन नुण वरगा की नुण दे समाउंन ए।। "नुण" (नमक) साड्डा मनुख जीवन नुण वारगा की नुण दे समाउंन ए, मन्नो ते जीवन जीउन दा आधार ए, जिस तरह खाने विच नुण नाल स्वाद ए, उसी तरह नुण दा ज
yogesh atmaram ambawale
जिस बात के लिए,मैं सबको चिल्लाता हूं,वैसी ही बात आज,मेरे मुँह से निकल गई| बुरा तो तब लगा,जो मुझे सही समझते हैं,उन्होंने ही मुझे खरी खोटी सुनाई| वैसे तो ऐसे कभी होता नहीं हैं,अभद्र कभी मुँह से निकलता नहीं हैं| पता नहीं आज कैसे ए हो गया,किसीसे बात करते हुए,मुँह से निकल गया| है ऐसे कितने जो दिन भर अभद्र बोली बोलते है,सुनते है कितने लोग कोई न उन्हें समझा पाते हैं| असर न होगा कुछ उनपर यही सोचकर चुप रह जाते हैं,इसीका वो फायदा उठाते हैं डरते है सब हमसे ऐसे समझते हैं| सही रहता जिनका स्वभाव उनके मुँह से गर कुछ गलत निकलता हैं,समझने लगते हैं गलत उसे,और सभी चिल्लाते रहते हैं| सोचते नहीं कभी ए तो ऐसा नहीं हैं,सही है ए बंदा इसके मुँह से ऐसे निकलता नहीं हैं| हुआ है आज अगर कुछ गलत उससे,तो उसे समझाया जाए, दस बार सोचकर उसके बारे में फिर उसको डांटा जाए| हो सकता है आपकी एक डाँट उसके मन को बड़ी ठेंस पहुँचा जाए, एक गलती क्या हुई इतनी डाँट खाने से,किसी सदमें में पहुँच जाए| बहुत बुरा लगा आज..😢😔 #yqdidi #yqhindiquotes #दिलकोनुकसान #बहुतबुरा #समझदारी #अभद्रलोग जिस बात के लिए,मैं सबको चिल्लाता हूं, वैसी ही बात आज
shaimee oza lafz
ए बाबु तुम आवो न मेरे करीब मुझे तुमे जी भरके देखना है..... बाबु तुम थोडा सा हँस भी दोना मुझे तुमारे साथ खेलना है मुझे तुम्हारे मैं मुझे छोडा बच्चा नजर आता है..... तुम बोलो ना मुझे सिर्फ तुमको सुनना है, तुम बोलते हो तो उसमे मुझे बच्चें जेसी मासुमियत दिखाई पडती है .... ए बाबु तुम बेठो न मेरे पास मुझे सौना है तुम्हारी गोदी मैं क्योकि मुझे तुम्हारे हाथ जब सहलता है तो निंद फटाक से आ जाती है...... मुझे प्यार का जाम पिलाओ ने तुम्हारे ए होठ तरस रहे है,हमारी प्यार की प्यास बुझा दो न मुझे प्यार या जाम पीना है...... हम आए है तुम्हारी शरण मैं हमको निराश न करो न एसा तो भगवान भी नहीं तरसाता तुम छोड दो न ए बच्चों जैसी जीद हम कब से तुम्हारे लिए तरस रहे है.... ... हम ने बाबु प्यार तो किया है, अभी तो ए पल जीले जरा बाद का हम दोने मिलकर निपटा लेगें बाबु हमको अपने जीवन का हिस्सा बनावो न ,हमको अपने पीछे तुम्हारा नाम लगा ने दोन हमारे संग प्यार की गठ मजबूत बंधो न कोई छोड न दे,हम कबसे तुमसे इश्क लडाने के लिए उतावले हो रहे है........ हमको अपनी आगोस मैं समाओ न कब से ए दिल तुम्हारे करीब आना चाहता है,होठ भी तरस रहे है तुम्हारे होठ को मिलने के लिए थोडा करीब आओ न बाबु तुमे जरा हम जी तो ले इस पल .......... शैमी ओझा..... #NojotoQuote rommentic sayari ए बाबु तुम आवो न मेरे करीब मुझे तुमे जी भरके देखना है..... बाबु तुम थोडा सा हँस भी दोना मुझे तुमारे साथ खेलना है मुझे तुम्
#rs#मेरे अल्फाज़
गुमनाम है वो अल्फ़ाज़ जो तुम्हारी खूबसूरती को बयां कर सके बस यूं समझ लो सुबह ए बनारस हो तुम rs #सुबह ए बनारस# सुबह ए बनारस हो तुम