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Nitesh Sharma
सोच सबकी अलग है पहचान सबकी अलग है! कामयाब सब होना चाहते हैं मगर इंतहान सबके अलग है! रस्ता सबका एक है पर मंजिले सबकी अलग है! अंदाज़ सब अपना-अपना लगते हैं! मगर कामयाबी की बुनियाद सबकी अलग है! ©Nitesh Sharma सफलता के कुछ पल चिन्ह #alonesoul
Sunita Shanoo
कौन सा बंधन है जिससे खुद-ब-खुद बंध गई हूँ मै क्यों यह सिंदूरी रेखा दिलाती है एहसास कि मैं तुम्हारी रहूँगी सदा एक नहीं सात जन्मों तक चाहत है तुम्हें सिर्फ़ तुम्हें पाने की किन्तु तुम पर क्यों नहीं नजर आता मेरे बस मेरे होने का एक भी चिह्र्न-?? (मन पखेरू काव्य संग्रह से) चिन्ह
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी राहों पर चलना किसे अब भाता है सद्चरित्र कौन बनना चाहता है चल पड़े है मंजिले फतेह करने छाप पद चिन्हों की छोड़ नही पाते है जो चले थे मस्ती में जग जीतने सबमे अपनापन रखते थे सबके सुख की दौलत देने की कामनाये करते थे कोई भी पंथ मजहब को झुठलाकर रौंदा नही करते थे सच्चे ज्ञान की ज्योति जलाकर मानवता का भला करते थे ऐसे मसीहा के पद चिन्ह हमेशा अमर रहते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #footsteps ऐसे मसीहा के पद चिन्ह अमर रहते है #footsteps
Ek villain
क्या नियति को अपना नियंत्रण कर सकते हैं नियति के चिंबू को रोक पाने में कोई सक्षम हुआ है हालांकि आप एक चीज को भली प्रकार से नियंत्रित कर सकते हैं और वह है शोक मनाने की अवधि असफलता पर शोक मनाने की अवधि जिसकी जितनी कम है उसके भविष्य में सफल होने के लिए योगी उतने ही अधिक हैं हम सूर्य का उगना अस्त होना रितु ओं का आना-जाना नियंत्रित नहीं कर सकते परंतु इनके अनुसार अपना जगना सोना परिश्रम करना अपनी उर्जा संयोजित करने को नियंत्रित कर सकते हैं ©Ek villain #hugday नियति के चिन्ह को रोक पाने में कौन सक्षम हुआ है
S ANSHUL'यायावर'
पग अनुसरण मै करता उनका, जिन्होंने मानवता का मान किया, तिरंगे झंडे को जिन्होंने , जीवन में सर्वोच्च स्थान दिया। हो ग्रीष्म ऋतु,या शरद काल वो थामे रहे हमारा संविधान। देश हित के कार्यों में सर्वस्व अपना बलिदान किया। भीषण ठंड में डटे रहे वो, चोट खाते तूफानों से। गरमी में सूरज को भी, उन्होंने अपने साथ किया। इस मर्त्यभूमी में वो ही तो एक जीवंत थे, जिन्होंने सब कुछ सहकर भी, भारत का ऊचा मान किया। निज स्वार्थ से परे रहकर, जो प्रतिमान बनाए उन्होंने , उसपे ही चलकर अब नव समाज का होगा उत्कल। ऐसे शूरवीरों को नमन है सहस्त्रों बार, जिन्होंने प्राणों की आहुति कर, देशभक्ति के यज्ञ में अपना अंशदान किया। पग चिन्ह for all Corona warriors
Ajab Singh
जैसे नेता जी की धन संपत्ति को बढ़ाने क लिए घोटाला जरूर होता है वैसे ही देश को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगारी को मिटाना और देश को आगे बढ़ाने के लिए रोजगार देना भी जरूरी होता है ©Ajab Singh बेरोजगारी पर। भारत में बढ़ती बेरोजगारी पर प्रश्न। नेताओं के घोटाले पर प्रश्न चिन्ह प्रशिक्षण