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Himanshu Prajapati
Unsplash पसंद है सबको गोरे गोरे गाल, नागिन से लहराते काले काले बाल, प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल, बस ऐसे ही शुभकामनाएं पसंद आए ये नया साल...! ©Himanshu Prajapati #snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल, नागिन से लहराते काले काले बाल, प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल, बस ऐसे ही शुभकामनाएं पसंद आए ये नया
#snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल, नागिन से लहराते काले काले बाल, प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल, बस ऐसे ही शुभकामनाएं पसंद आए ये नया
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा। कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान, ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा। तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ', क्या और दिल को आराम देगा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
#नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
read moreनवनीत ठाकुर
White ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के पैबंद लगते तो हैं। खुशी का नक़ाब अब दस्तूर सा बन गया, हर चेहरा इसे ओढ़कर मशहूर सा बन गया। मगर दिल का सच कब तक छुप पाएगा, हर खामोशी कभी तो चीख बन जाएगा। जो खो दिया, उसकी गूँज अभी बाकी है, हर याद में छुपा दर्द की झांकी है। ग़मों से रिश्ता तोड़ना मुमकिन नहीं, पर इन्हें सहना भी तो बर्दाश्त नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीत ठाकुर ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के
#नवनीत ठाकुर ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के
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