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theABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब में नहीं, कोई और ब्याहकर ले जाएगा। जब तक डूबे हो इश्क़ में, डूबे ही रहना, होश में आने पर सब कुछ तबाह हो जाएगा। इश्क़ करना और मुकद्दर उसे जिंदगी बना दे, अच्छा स्वप्न है, ये तो गहरी नींद में ही आएगा। ये सब लोग जो मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं, ये इश्क़ का बुखार है, सबको ही आएगा। ख्याल इश्क़ का अच्छा है जनाब, दरिया में उतरने का ख्याल गर्त ले जाएगा। यहाँ की हवा में इत्र, इश्क़ की बिखरी है, भंवर है, जाल है, सब कुछ डूब ही जाएगा, वो समझता है इश्क़ उसके काबू में है, खूबसूरत हादसे का शिकार खुद हो जाएगा। जाम-ए-इश्क़ के नशे में डूब रहे सभी, इश्क़ के जाल से जाने कौन बच पाएगा, मिलता कुछ ना गहरे ज़ख्मों के सिवा, इश्क़ में फना होना ही नसीब में आएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
#Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
read moreSarfaraj idrishi
ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे हम पर अपनी रहमत का साया अता फरमाए। कहीं गुनहगार ही इंतिक़ाल ना कर जाएं।। ©Sarfaraj idrishi ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे हम पर अपनी रहमत का साया अता फरमा कहीं गुनहगार ही इंतिक़ाल ना कर जाएं Islam Manas shandilya h
ए अल्लाह डूब सी गई है ज़िंदगी हमारी गुनाहों मे हम पर अपनी रहमत का साया अता फरमा कहीं गुनहगार ही इंतिक़ाल ना कर जाएं Islam Manas shandilya h
read moreनवनीत ठाकुर
चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे खा नहीं पाया, वो सबक बन बैठा। तूफ़ानों से लड़ने का हुनर सिखा दिया, नाव डूब भी गई तो समंदर बना दिया। राह मुश्किल थी, मगर इरादा बुलंद था, ख़ुद को हारा नहीं समझा, यही फ़र्ज़ था। जंग जीतेंगे वही, जो लड़ने का हौसला रखें, हार भी सर पे सजे, वो विजेता बनें। मौत भी कहती रही, मुझसे किनारा कर ले, मैंने हंसकर कहा, जीने का सहारा कर ले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
#नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
read moreनवनीत ठाकुर
White हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया, वो टूट गए, जो डर से भाग जाने वाले। इश्क़ की गहराई में हमने खुद को खोज लिया, उनका क्या होगा, जो पल भर में खो जाने वाले। हमने हर जख्म को अपनी तासीर बना लिया, वो हताश हुए, जो मोहब्बत को सज़ा समझने वाले। हमारे इश्क़ में वो रूहानी असर है, जो दिल से दिल तक जाता है, वो कभी नहीं समझ पाएंगे, जो सिर्फ वक्त में खो जाने वाले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया
#नवनीतठाकुर हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया
read moreनवनीत ठाकुर
White जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए, पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है। दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था, अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख म
#नवनीतठाकुर जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख म
read moreSoul
उलझने को बेकरार ये दिल. सौंपने को तुझको तैयार ये दिल.❤️ ©Soul चल तेरे इश्क में उलझ जाते है.. गर्म सांसों में तेरी डूब जाते है..! #erotica #erotica_hindi #erotic #Sex #लव #Love
चल तेरे इश्क में उलझ जाते है.. गर्म सांसों में तेरी डूब जाते है..! #erotica #erotica_hindi #erotic #Sex #लव Love
read moreRakesh frnds4ever
White ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ढल रही है जिंदगानी धीरे धीरे डूब रहा है जीवन का सूरज धीरे धीरे घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीरे कि अस्त होते जा रहे हैं धीरे धीरे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, #ढल रही है #जिंदगानी #धीरे धीरे #डूब रहा है जीवन का #सूरज धीरे धीरे घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीर
Vinod Mishra
"कोई भी ऐसा धर्मावलंबी बताओ जो अपने धर्म की इतनी बेइज्जती करता हो जितना कि तुम अपने धर्म की करते हो." शर्म करो! चुल्लू भर पानी में डूब
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