Find the Latest Status about गवैया गांधी रे करमा गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गवैया गांधी रे करमा गीत.
manoj kumar jha"Manu"
कोरोना कोरोना रे कोरोना कोरोना रे मत दुनिया में मौत फैला रे। इस दुनिया को छोड़ के जा रे।। कोरोना कोरोना रे.......... कहाँ से तू आया , कहाँ जायेगा तू, मौत बन के कब तक ऐसे छायेगा तू।। जहर बनके जिन्दगी को रहा तू निगल, जिन्दगी में गया है जब से तू मिल।। कोरोना कोरोना रे.......... बरसने लगी हैं आँखे भी अब तो, डरने लगी हैं साँसे भी अब तो।। चारों ओर तेरा ही शोर मच रहा, हे विधाता! ऐसा क्यों भाग्य रच रहा।। कोरोना कोरोना रे............. मेरा भारत फिर भी न मानेगा हार, कोरोना ही यहाँ पर मानेगा हार। देह से दूरी बना, मन को पास लाओ, संयम का परिचय दे "मनु"कोरोना को हराओ।। कोरोना कोरोना रे.......... कोरोना कोरोना रे (मेघा रे मेघा रे फिल्मी गीत)
uk the creative girl https://www.instagram.com/ukthecreativegirl?igsh=MTRxODl1N2tvOHk3cg==
ये कदम आगे बढ़ते जाते है साथ पीछे निशा छोड़ जाते है कुछ मंजिलों तक पहुंचाते है तो कोई मुश्किल आसान कर जाते है । कुछ निशान मिट्टी पड़ने पर धुल से जाते है ठीक उसी तरह जैसे घाव पर मलहम लगाने से घाव भर जाते है,,, तो कर्म ठीक रेत पर पड़े निशान से होते है,,,अगर अच्छे हो तो फूलों से निसान बन जाते है,,,,और कर्म बुरे हो तो काटों से चुभन मचाते है#### कविता फुलार #DesertWalk # करमा
Prashant Mishra
पवन रे लेजा तू संदेश, मिटा दे दो हृदयों के क्लेश उसकी अदालत में कर दे जा मेरा नज़रिया पेश... गुस्से में वो ठीक से घर ना, खाती पीती होगी कोस-कोसकर मुझको उसकी रैना बीती होगी जाकर कह दे उसको अब ना पहुँचाऊँगा ठेस पवन रे ले जा तू संदेश... रोज रात को सपने में मुझसे मिलने आती थी और सवेरे अपनी हिचकी में मुझको पाती थी इतने मधुर रिश्ते को खा गया थोड़ा सा आवेश दीपक जुगनू चाँद सितारे और हवा कह देना छोड़के सारी उपमाओं को 'मेरी जाँ' कह देना एक शब्द में छिपा हुआ है प्रेमकथा का श्लेष झगड़ा मुझसे शुरू हुआ था, मान लिया है मैंने सब कुछ मेरा करा-धरा था जान लिया है मैंने हाँ... तू है पूर्ण निर्दोष प्रिये , मेरा है सारा द्वेष तू ना मानी अब तो तुझको मानूँगा हरज़ाई मर जाऊँगा तेरे बिना ना सह पाऊँगा जुदाई साथ बितानी तेरे ज़िन्दगी जितनी बची है शेष फिर न प्रेमिका झेल सकी अपने प्रेमी का क्रंदन और तोड़कर आई घर-परिवार के सारे बंधन प्रेमी के घर तक पहुँची वो बदल बदलकर भेष पवनिया लेके गयी सन्देश,मिटा दी दोनों दिलों के क्लेश --प्रशान्त मिश्रा गीत: पवन रे लेजा तू सन्देश