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deewana ajeet ke alfaj

पिताश्री प्रणाम #FathersDay2021 S C Tiwari rajesh Prasad OM CHOUDHARY k r moond Musafir #शायरी

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दुनिया का सच्चा सलाहकार पिताश्री।
दुनिया का अच्छा सदाचार पिताश्री।।

जिन्दगी पर लिखनी हो कहानी कभी,,
दुनिया का बड़ा कलाकार पिताश्री।।

deewana ajeet

©deewana ajeet पिताश्री प्रणाम

#FathersDay2021  S C Tiwari rajesh Prasad OM CHOUDHARY k r moond Musafir

Ravi Shankar Kumar Akela

#talaash पापा को प्यार से क्या बुलाये?  पिताश्री– अमूमन किसी को सम्मान देने के लिए श्री का प्रयोग करते हैं। आप अपने पापा को प्यार से पिता #समाज

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Nagvendra Sharma( Raghu)

Happy marriage anniversary हमें पता है कितने मुश्किल हालातों में इन्होंने हमको पाला है, हर दिन बचपन का खुश रखने कि ख्वाईश में निकाला है, खु #Dreams #matapita #nagvendrasharma #maabaapkapyaar #marriageanniversary

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Happy marriage anniversary

हमें पता है कितने मुश्किल हालातों में इन्होंने हमको पाला है,
हर दिन बचपन का खुश रखने कि ख्वाईश में निकाला है,
खुद के सपने धूमिल कर इन्होने (माता-पिताश्री) हमें संवारा है,
इनके चरणों की धूल मात्र से उज्जवल हुआ अंधियारा है । Happy marriage anniversary

हमें पता है कितने मुश्किल हालातों में इन्होंने हमको पाला है,
हर दिन बचपन का खुश रखने कि ख्वाईश में निकाला है,
खु

Nagvendra Sharma( Raghu)

बच्चों की खुशीयों के खातिर, जो सबकी बातें सुनता है, जीवन पथ के सब शुलों को, जो पलकों से अपनी चुनता है, परिवार के टुटे सपनों को, जो धैर्य, हि #FathersDay #पिता #hindiquotes #nagvendrasharma #familytogether #पिताश्री #yqfatherslove #mypapamysuperhero

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बच्चों की खुशीयों के खातिर,
जो सबकी बातें सुनता है,

जीवन पथ के सब शुलों को,
जो पलकों से अपनी चुनता है,

परिवार के टुटे सपनों को,
जो धैर्य, हिम्मत से बुनता है,

खुद कठिनाईयों में घिर कर,
'पिता' बच्चों में साहस गुनता है ।। बच्चों की खुशीयों के खातिर,
जो सबकी बातें सुनता है,
जीवन पथ के सब शुलों को,
जो पलकों से अपनी चुनता है,
परिवार के टुटे सपनों को,
जो धैर्य, हि

Ajayy Kumar Mahato

#father #PARENTS #Childhood #Memories इस छुटकू के रूप में मैं पिताश्री के साथ।। पापा जी के पिकनिक में ले गए थे मुझे।। Fair Criticism and #ajaykumarmahato

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🙏Thank God🙏 #Father #Parents #Childhood #Memories


इस छुटकू के रूप में मैं पिताश्री के साथ।।
पापा जी के पिकनिक में ले गए थे मुझे।।

Fair Criticism and

Sahdev Khodaliya

जिंदगी पनपती है प्यार से जब दो प्यार करने वाले मिलते हैं तब उनके आपस में प्यार की वजह से पैदा होती है एक जिंदगी प्यार से पैदा होने वाली जिं

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जिंदगी पनपती है प्यार से जब दो प्यार करने वाले मिलते हैं तब उनके आपस में प्यार की वजह से पैदा होती है  एक जिंदगी प्यार से पैदा होने वाली जिंदगी खुशी से जीने  के लिए   जरूरत पड़ती है प्यार की जिंदगी को हर किसी से बस प्यार की अपेक्षा होती है इसी से हम यह अंदाजा लगा सकते हैं प्यार का ही दूसरा रूप है जिंदगी जब भी मेरी मां मुझसे रूठती है मुझे अधूरा सा लगता है जब भी मेरा भाई मुझ पर गुस्सा होता है मुझे अकेलापन महसूस होता है जब मेरी पत्नी मुझसे बात नहीं करती खामोश हो जाता हूं और तड़प उठता हूं जब पिताश्री की याद आती है मेरी प्यारी बहनों का लाड से हर दर्द मिट जाता है मेरे बच्चे की खुशी के लिए मैं दुनिया से लड़ जाता हूं देख कर मेरी बेटी मुस्कुराती है मेरे दुखी होने की कोई वजह नहीं दिखती जिंदगी कभी किसी एक नजरिया से नहीं देख सकता .... जिंदगी को देखने का नजरिया अलग अलग होता है मेरी जिंदगी यही है .... मेरे अपनों के साथ अपनी जिंदगी ..... जिंदगी पनपती है प्यार से जब दो प्यार करने वाले मिलते हैं तब उनके आपस में प्यार की वजह से पैदा होती है  एक जिंदगी प्यार से पैदा होने वाली जिं

Ansh Rajora

महाभारत काल में एक समय था जब माता कुंती अपने पिताश्री कुन्तिभोज के घर अपने सभी पुत्रों के साथ रहती थी उस समय विदुर जो कि महाराज धृतराष्ट्र क #yqdidi #sher #yqurdu #yqbhaijan #fakeera_series

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फितरत फकीरों सी  अता कर या  मौला
दुनिया में तिरी इंसा बने रहना आसां नहीं महाभारत काल में एक समय था जब माता कुंती अपने पिताश्री कुन्तिभोज के घर अपने सभी पुत्रों के साथ रहती थी उस समय विदुर जो कि महाराज धृतराष्ट्र क

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज -90 पुरोहित जी का संकेत पाकर प्राजक्ता ने एक जयमाल दूल्हे राजा को दिया..आज एक जयमाल दूल्हे को विश्व विजयी कर जायेगा... #प्रेरक

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पेज-90
कथाकार किसे बार बार देखता जा रहा है..? 
हाँ वो आँखें जो सबसे नजरें बचाते फिर रही हैं..!  जिसे इज़हार तो अपनी खुशी का करना है मगर जो खोने की बेला आ रही है.. कैसे उसका सामना कर पायेगा... बार बार सबको देखकर हाथ जोड़ता और मुस्कुरा जाता है... 
कथाकार ने राकेश को प्रेरित किया, और राकेश उनके पास जाकर बैठ गया... उन्होंने राकेश का हाथ पकड़ लिया.. यहाँ वधु ने वरमाला पहना चुकी थी... लेकिन यहाँ तो एक पिता जाने क्यूँ अपनी बेटी के बचपन में जा चुका था...ये रस्में मानो उसके हृदय को वेध रही हों... मगर अभी उसे केवल मुस्कुराना है.. वो पिता है ना.. फिर पुरुष भी है... टूटकर बिखर जायेगा तो बेटी का क्या हाल होगा..राकेश उस पिता की मुस्कुराहट के पीछे दबी वेदना समझ रहा है उनका ध्यान वहाँ से हटाकर आगे के कार्यक्रम से जोड़ता हुआ... तभी
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज -90
पुरोहित जी का संकेत पाकर प्राजक्ता ने एक जयमाल दूल्हे राजा को दिया..आज एक जयमाल दूल्हे को विश्व विजयी कर जायेगा...

N S Yadav GoldMine

#smoking भगवान शिव ने अपने गले की कमल माला उतारकर नंदी के गले में डाल दी जानिए उसके बाद क्या हुआ जरूर पढ़िए !! 💮💮 {Bolo Ji Radhey Radhey} शिव #पौराणिककथा

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भगवान शिव ने अपने गले की कमल माला उतारकर नंदी के गले में डाल दी जानिए उसके बाद क्या हुआ जरूर पढ़िए !! 💮💮
{Bolo Ji Radhey Radhey}
शिवगण नंदीश्वर :- 🎑 पूर्वकाल में शिलाद नामक एक धर्मात्मा मुनि ने अपने पितरों के आदेश से मृत्युहीन एवं अयोनिज पुत्र की कामना से भगवान शिव की कठोर तपस्या की। शीघ्र प्रसन्न हो जाने वाले भगवन महादेव उनके तप से प्रसन्न हुए और साक्षात प्रकट होकर उनसे वर मांगने के लिए कहा – ऋषिवर! मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं वर मांगो। शिलाद मुनि बोले – भगवन्! यदि आप मेरी तपस्या से प्रसन्न हैं तो यह वर दीजिए कि मुझे आपके समान ही मृत्युहीन अयोनिज पुत्र प्राप्त हो। भगवान शिव ने कहा – हे तपोधन विप्र! हालांकि मैं जगत का पिता हूं, तो भी मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर कहता हूं कि मैं तुम्हारे अयोनिज पुत्र के रूप में अवतार लूंगा और उस अवतार में मेरा नाम नंदी होगा।

🎑 ऐसा कहकर भगवान शिव अंतर्धान हो गए। कुछ समय बाद यज्ञवेत्ताओं में श्रेष्ठ शिलाद मुनि यज्ञ करने के लिए यज्ञ क्षेत्र जोत रहे थे कि उसी समय उनके स्वेद बिंदु (पसीने की बूंद) से एक पुत्र उत्पन्न हुआ। वह बालक सूर्य के समान प्रभाशाली, त्रिनेत्र, जटा, मुकुटधारी, त्रिशूल आदि से युक्त तथा चतुर्भुज रूद्र के रूप में मुनि दिखाई दिया। उसे देखते ही शिलाद मुनि को बड़ी प्रसन्नता हुई। वे बालक को अपनी कुटिया में ले गए जहां जाकर बालक ने साधारण मनुष्य का रूप धारण कर लिया। मुनि बड़े ही प्यार से उसका पालन-पोषण करने लगे। उन्होंने उसके जात-कर्म आदि करवाकर उसका नाम नंदी रखा।

🎑 बालक पांच वर्ष की आयु तक सभी वेदों व शास्त्रों का ज्ञाता हो गया। सातवां वर्ष पूरा हुआ तो वहां दो मुनि मिलने आए। उनमें से एक का नाम मित्र था, दूसरे का नाम वरुण। उन्होंने मुनि शिलाद को बताया कि आपके पुत्र की आयु मात्र एक वर्ष शेष है। यह जानकर मुनि शिलाद चिंतित हो उठे। नंदी ने उन्हें ढाढ़स बंधाया। उसने आत्मविश्वास पूर्वक अपने पिता से कहा – पिताश्री! आप चिंतित न हों, यमराज मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। शिव काल के भी काल हैं। मैं भगवान शिव की आराधना करूंगा और उसके प्रभाव से मृत्यु पर विजय पाऊंगा।

🎑 ऐसा कहकर नंदी वन को चले गए और भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए तपस्या की। उन्होंने तीन नेत्र, दस भुजा व पांच मुखवाले भगवान सदाशिव का ध्यान लगाया तथा रूद्र मंत्र का जाप किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव व मां पार्वती प्रकट हुए। उन्होंने नंदी से कहा – शिलादनंदन! तुमने बड़ा ही उत्तम तप किया है। मैं तुम्हारी इस तपस्या से परम संतुष्ट हूं। तुम्हारे मन में जो अभीष्ट हो मांग लो।

🎑 नंदी भाव-विभोर होकर उनके चरणों में लेट गए। तब शिव ने उन्हें उठाया और बोले – वत्स! उन दोनों विप्रों को मैंने ही भेजा था। तुम्हें भला मृत्यु का भय कहां। तुम तो मेरे ही समान हो। तुम अजर-अमर, दुख रहित व अक्षय होकर मेरे गणनायक बनोगे। तुममें मेरे ही समान बल होगा। तुम सदा मेरे पार्श्व भाग में स्थित रहोगे। मेरी कृपा से जन्म, जरा और मृत्यु जैसे विकार तुम्हारे शरीर का संस्पर्श भी न कर पाएंगे। ऐसा कहकर दयालु भगवान शिव ने अपने गले की कमल माला उतारकर नंदी के गले में डाल दी। उस माला के पड़ते ही नंदी तीन नेत्रों व दस भुजओंवाले हो गए। फिर भगवान शिव ने अपने गणाध्यक्ष के पद पर उनका अभिषेक किया। नंदी शिवगणों में सर्वश्रेष्ठ हो गए।

©N S Yadav GoldMine #smoking भगवान शिव ने अपने गले की कमल माला उतारकर नंदी के गले में डाल दी जानिए उसके बाद क्या हुआ जरूर पढ़िए !! 💮💮
{Bolo Ji Radhey Radhey}
शिव

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी शेष भाग- हेलो हेलो.. मैं विशाल कुमार रत्नाकर कालोनी से क्या मैं नीर भाई से बात कर रहा हूं ... जी जी शुक्रिया... माफ़ कीजिये #प्रेरक

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पेज-35
चंद्रमुखी जी-मेरे कंगना चमके चम चम चम..! मेरे झुमके चमके चम चम चम..!
विशाल जी-हाँ चमकीली एक काम करिये आप ही शर्मा जी के पास खड़े हो जायें.. देखिये मगर ज्यादा ना चमकें वरना उन्हें रतौंधी की शिकायत हो जायेगी..! थोड़ा कम चमकिये  प्लीज..!(भगवान इन्हें तो बस नृत्य नृत्य और नृत्य...! 
Ak.shrma-अरे विशाल जी... बिजली आ गई..!
विशाल जी-अरे भाई तो खुशी मनाओ बिजली आ गई जैसे बड़ा तूफान आ गया.. !
Ak शर्मा- अरे हुज़ूर सच में बिजली आ गई... आपके पीछे खड़ी है..!
विशाल जी-अमा मियां काम पर ध्यान दो यार.. बिजली का क्या है आती जाती रहेगी...!
बिजली-ओये... ! बिजली आकर बहुत देर से तुम्हारी गिटर पिटर सुन रई.. तुमखे पता नइ हमारे ताऊ अखाड़ा के पहलवान रये हैं..हमाओ भी ब्याह करवाओ.. नइ तो कोई की खैर ने रह है.. 
विशाल जी- ओह्ह तो ये बात है आपने पहले काय नइ कही..? उते देखो वे दिख रय ना... यशपाल जी.. बड़ी बड़ी मूँछ वाले... उनके पास जाओ.. वे फटाफट तुम्हाई शादी करवा देहें...!
बिजली-जेsss बात.. पहले काय नइ कही..!
विशाल जी-तुमने पूछिअई नइ..!
बिजली-धत पगलू.. हम अबहिं आय रय.. 
विशाल जी-पहले जाओ तो..!
बिजली-हओ का.. तुम्हई तो नइ मिले अब तक.. 
विशाल जी-अरा रर्र रररा .. 
(इतना कहकर बिजली यशपाल जी के पास पहुंच गईं..!)

(यहाँ विशाल जी..)अब किसे लगाऊं.. !🤔 हाँ.. !
(आगे कैप्शन में पढ़ें जी🙏)

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 

शेष भाग-
हेलो हेलो.. मैं विशाल कुमार रत्नाकर कालोनी से क्या मैं नीर भाई से बात कर रहा हूं ... जी जी शुक्रिया... माफ़ कीजिये
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