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STRK
कौन कहता दिल तेरे बिन रह नहीं सकता, वो पंछी क़ैद पिंजड़े को कभी भी घर नहीं कहता। मैं रहता अश्क़ में तेरे, इन्हें बहने से न रोको, तेरी खुशियों के ख़ातिर, क्या ख़ुशी से बह नहीं सकता। -Nishant Pandit ©STRK ख़ुशी के आंसू 😊❣️✍️ #Love #ishq #कविता #kavi #खुशी #प्यार #प्रेम #Zindagi #Khushiyaan
STRK
White बहुत मिलती मिरी तहरीर है तेरे ढंग से, लोग मुझे पाक, तुझको बेवफ़ा कहते होंगे। भले लिख दूँ जहान-ए-रंज मैं, ये चाहकर लेकिन, जिन्हें होगी ख़बर तेरी, तुझे पढ़ते होंगे। -Nishant Pandit ©STRK दर्द तू है, तो ख़ुशी क्या है ❣️ #Shayar #कविता #लव #Dard #HeartBreak #इश्क़ #Zindagi #sad_dp
Sarfraj Alam Shayri
White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!! ©Sarfraj Alam Shayri #Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!
#Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!
read moreMasum Ahamed
White ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन ख़ुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी। ©Masum Ahamed ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन ख़ुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी।
ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन ख़ुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी।
read moreSanjeev0834
शर्त लगी थी ख़ुशी को ऐक अल्फ़ाज़ मैं लिखने की लोग किताब ढूंढते रह गए हमने "दोस्त" लिख दिया...! There was a bet to write happiness in one word People kept searching for the book We wrote "friend"...! ©Sanjeev0834 #शर्त लगी थी #ख़ुशी को ऐक #अल्फ़ाज़ मैं #लिखने की लोग #किताब ढूंढते रह गए हमने "#दोस्त" लिख दिया...! #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #2
नवनीत ठाकुर
White मुंह पर बनते हो मीठे, पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो। रिश्तों का ये कैसा फ़रेब, हर बार दिल तोड़ ही देते हो। क्या दोस्ती का बस यही मतलब है? हर ख़ुशी पर तुम सवाल छोड़ ही देते हो। हाले दिल जिक्र करते हैं अपना समझ के, तुम वक्त बेवक्त, गाहे-अगाहे यूं ही मुंह खोल देते हो। सच को नकाब पहनाकर, हर बार झूठ का दरिया बहा देते हो। जो दिखते हो, वो हो नहीं, हर साए में अपनी असलियत छुपा जो लेते हो। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर मुंह पर बनते हो मीठे, पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो। रिश्तों का ये कैसा फ़रेब, हर बार दिल तोड़ ही देते हो। क्या दोस्ती का बस यह
#नवनीतठाकुर मुंह पर बनते हो मीठे, पीठ पीछे ज़हर घोल ही देते हो। रिश्तों का ये कैसा फ़रेब, हर बार दिल तोड़ ही देते हो। क्या दोस्ती का बस यह
read moreनवनीत ठाकुर
तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से लिपटी बहार गुज़री है। तेरी राहों में जो ठहरे थे सिलसिले, वो सब रातों में बनके खुमार गुज़री है। तू जो आया तो एहसास यूँ हुआ नवनीत, ज़िंदगी अब तलक बेकरार गुज़री है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
#नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
read moreनवनीत ठाकुर
दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
read moreनवनीत ठाकुर
चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
read moreAnuj Ray
White खुशी का रूप" जैसे ही खुशी की बात बताई अवनि ने जाके अंबर से की, बनने वाले हो तुम पिता, उठा के गोद में अवनी को मारे ख़ुशी के पागलों की तरह नाचने लगा, डम डम डिगा डिगा। ऐसा ख़ुशी का रूप देखने वालों से रहा न गया, हर कोई जोर-जोर से खिलखिला के हंस पड़ा। ©Anuj Ray # ख़ुशी का रूप"
# ख़ुशी का रूप"
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