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DR. SANJU TRIPATHI
मेरी मोहब्बत बहुत कीमती थी पर तूने इसे अर्ज़ानी समझ लिया, चाहते थे हम तुझे खुद से भी ज्यादा तूने इसे कमजोरी समझ लिया। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अर्ज़ानी" "arzaanii" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सस्तापन, बाज़ार भाव गिर जाना, म
Dr Upama Singh
इतनी भी मोहब्बत ना करो किसी से। तेरी अपनी पहचान ही अर्ज़ानी हो जाए।। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अर्ज़ानी" "arzaanii" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सस्तापन, बाज़ार भाव गिर जाना, म
Vedantika
अर्ज़ानी होती हैं बातें उनकी और शिकायत हमसे करते है दिल की खिड़कियों बंद करके ये हवा की उम्मीद रखते हैं ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अर्ज़ानी" "arzaanii" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सस्तापन, बाज़ार भाव गिर जाना, म
Mehfil-e-Mohabbat
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है ©Mehfil-e-Mohabbat #alonesoul इफ़्तिख़ार आरिफ़
Raushni Tripathi
दीवार ओ दर झुलसते रहे तेज़ धूप में बादल तमाम शहर से बाहर बरस गया ~ इफ़्तिख़ार नसीम दीवार ओ दर झुलसते रहे तेज़ धूप में बादल तमाम शहर से बाहर बरस गया ~ इफ़्तिख़ार नसीम
Mohammad Arif (WordsOfArif)
हर काम मुहब्बत का कर रहा हूँ आरिफ़ फिर भी जल रहे हैं अपने घराने वाले ©Mohammad Arif (WordsOfArif) हर काम मुहब्बत का कर रहा हूँ आरिफ़ फिर भी जल रहे हैं अपने घराने वाले #Shayari #urdu #Hindi #Quote #writer #Nojoto #Arif914
Yusufi Media
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Yusufi Media عارف پانی کے کٹورے میں بھی خدا کو دیکھ لیتا ہے مگر جنھیں خدا سے محبت نہ ہو انھیں وہاں صرف اپنا چہرہ ہی نظر اتا ہے . مولانا رومی आरिफ़ पानी
Mohammad Arif (WordsOfArif)
ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके तो याद हमें भी करना तुम अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ दुश्वारिया घेर लिया है मुझे इस कदर तुझे मैं अपना पुराना प्यार लिख रहा हूँ तू चाहे तो मिल सकता है मुझसे आरिफ़ क्योंकि मैं तुझे अपना हमसफ़र लिख रहा हू ©Mohammad Arif (WordsOfArif) ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके
Mohammad Arif (WordsOfArif)
उसने किस किस को चुना लगाया कौन बताएं वो आदमी शक्ल से बहुत भोला था कौन बताएं भरोसा किया सभी ने मिलकर इस कदर उस पर हर बार झूठ बोलकर गले लगाया कौन समझाएं पता सभी को धीरे धीरे चल रहा है की सच क्या है लोगों के ख्वाब मिट्टी में मिलाया कौन सुलझाएं इतना मजबूर कर दिया गलत बात को सच कहते हैं झूठ हर बार जोर शोर से चिलाया कौन दिखलाएं उसकी बताई बातों पर यकीन करने लगे सभी लोग आरिफ़ इस तरह धर्म जाति में लड़ाया कौन बतलाएं ©Mohammad Arif (WordsOfArif) उसने किस किस को चुना लगाया कौन बताएं वो आदमी शक्ल से बहुत भोला था कौन बताएं भरोसा किया सभी ने मिलकर इस कदर उस पर हर बार झूठ बोलकर गले लगाया