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Rishu singh
White बहुत सारी चीज़ें मेरे सामने हुई जो की बहुत गलत थी फिर भी मैं कुछ कर नही पाई कुछ बोल नहीं पाई समझ नही आ रहा था की क्या करू कैसे इस चीज को खुद को और दूसरो को समझाऊं क्यू नही आवाज उठाई मैने ये बातें मेरे अंदर तूफान मचाती हैं कभी कभी वो शोर इतना होता हैं की घुटन होती है क्या मेरा गांधारी बने रहना सही था 😔😔 ©Rishu singh #SAD बहुत सारी चीज़ें मेरे सामने हुई जो की बहुत गलत थी फिर भी मैं कुछ कर नही पाई कुछ बोल नहीं पाई समझ नही आ रहा था की क्या करू कैसे इस चीज क
Seema Rawat
Bhupendra Rawat
मैंने अक्सर सत्ता में बैठे लोगों को मौन धारण करते देखा है चीरहरण की घटना पर नेत्रहीनों का जमघट देखा है नजाने कहां गया वो ग्वाला, जो भरी सभा मे आया था एक नारी के स्वाभिमान को राक्षसों से बचाया था। फ़क़त एक नारी का नही समस्त विश्व का अपमान है सत्ता में बैठे लोगों की कायरता का, यह परिणाम है नजाने कब सत्ता में बैठे धृतराष्ट्र की बुद्धि जागेगी? गांधारी कब अपनी आंखों से न्याय की पट्टी खोलेगी? विदुर नीति और भीष्म प्रतिज्ञा कब अपनी चुप्पी तोड़ेगी? अब हथियार उठा लो तुम अबला नही कहलाओगी सत्ता में बैठे कुशासित लोगों को तुम ही धर्म का पाठ पढाओगी। 23।07।2023 ©Bhupendra Rawat मैंने अक्सर सत्ता में बैठे लोगों को मौन धारण करते देखा है चीरहरण की घटना पर नेत्रहीनों का जमघट देखा है नजाने कहां गया वो ग्वाला, जो भरी
N S Yadav GoldMine
भीमसेन का गांधारी को अपनी सफाई देते हुए उनसे क्षमा मांगना पढ़िए महाभारत !! 📙📙 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व पत्र्चदश अध्याय: श्लोक 1-18 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📜 भीमसेन का गान्धारी को अपनी सफाई देते हुए उनसे क्षमा मॉंगना, युधिष्ठिर का अपना अपराध स्वीकार करना, गान्धारी के दृष्टिपात से युधिष्ठिर के पैरों के नखोंका काला पड़ जाना, अर्जुन का भयभीत होकर श्रीकृष्ण के पीछे छिप जाना, पाण्डवों का अपनी माता से मिलना, द्रौपदी का विलाप, कुन्तीका आश्वासन तथा गान्धारी का उन दोनों को धीरज बँधाना. 📜 वैशम्पायन उवाच वैशम्पायनजी कहते हैं-जनमेजय ! गान्धारी की यह बात सुनकर भीमसेन नें डरे हुए की भॉंति विनय पूर्वक उनकी बात का उत्तर देते हुए कहा। माताजी ! यह अधर्म हो या धर्म मैंने दुर्योधन से डरकर अपने प्राण बचानेके लिये ही वहॉं ऐसा किया था अत: आप मेरे उस अपराधको क्षमा कर दें। 📜 आप के उस महाबली पुत्र को कोई भी धर्मानुकूल युद्ध करके मारने का साहस नहीं कर सकता था अत: मैंने विषमता पूर्ण बर्ताव किया। पहले उसने भी अधर्म से ही राजा युघिष्ठिर को जीता था और हम लोगों के साथ सदा धोखा किया था, इसलिये मैंने भी उसके साथ विषम बर्ताव किया। कौरव सेना का एकमात्र बचा हुआ यह पराक्रमी वीर गदायुद्ध के द्वारा मुझे मारकर पुन: सारा राज्य हर न ले, 📜 इसी आशड्का़ से मैंने वह अयोग्य बर्ताव किया था। राजकुमारी द्रौपदी से, जो एक वस्त्र धारण किये रजस्वला अवस्था में थी, आपके पुत्रने जो कुछ कहा था, वह सब आप जानती हैं। दुर्योधनका संहार किये बिना हमलोग निष्कण्टक प्रथ्वी का राज्य नहीं भोग सकते थे, इसलिये मैंने यह अयोग्य कार्य किया। 📜 आपके पुत्र ने तो हम सब लोगों का इससे भी बढ़कर अप्रिय किया था कि उसने भरी सभामें द्रौपदी को अपनी बॉंयी जॉंघ दिखायी। आपके उस दुराचारी पुत्रको तो हमें उसी समय मार डालना चाहिये था परंतु धर्मराज की आज्ञा से हमलोग समयके बन्धन में बँधकर चुप रह गये। रानी ! आपके पुत्रने उस महान् वैरकी आगको और भी प्रज्वलित कर दिया और हमें वन में भेजकर सदा क्लेश पहुँचाया। 📜 इसीलिये हमने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया है। रणभूमि में दुर्योधन का वध करके हमलोग इस वैर से पार हो गये। राजा युधिष्ठिर को राज्य मिल गया और हमलोगोंका क्रोध शान्त हो गया। गान्धार्युवाच गान्धारी बोलीं–तात ! तुम मेरे पुत्र की इतनी प्रशंसा कर रहे हो इसलिये यह उसका वध नहीं हुआ (वह अपने यशोमय शरीर से अमर है) और मेरे सामने तुम जो कुछ कह रहे हो, 📜 वह सारा अपराध दुर्योधन ने अवश्य किया है। भारत ! परंतु वृषसेनने जब नकुलके घोड़ो को मारकर उसे रथहीन कर दिया था, उस समय तुमने युद्ध में दु:शासन-को मारकर जो उसका खून पी लिया, वह सत्पुरुषों द्वारा निन्दित और नीच पुरुषों द्वारा सेवित घोर क्रूरता पूर्ण कर्म है। वृकोदर ! तुमने वही क्रूर कार्य किया है, इसलिये तुम्हारे द्वारा सत्यन्त अयोग्य कर्म बन गया है। 📜 भीमसेन उवाच भीमसेन बोले-माताजी ! दूसरे का भी खून नहीं पीना चाहिये फिर अपनाही खून कोई कैसे पी सकता है ? जैसे अपना शरीर है, वैसे ही भाई का शरीर है। अपने में और भाई में कोई अन्तर नहीं है। मॉं ! आप शोक न करें। वह खून मेरे दॉंतो और ओठों को लॉंघकर आगे नहीं जा सका था। इस बातको सूर्य-पुत्र यमराज जानते हैं, कि केवल मेरे दोनों हाथ ही रक्त में सने हुए थे। 📜 युद्ध में वृषसेन के द्वारा नकुल के घोड़ो को मारा गया देख जो दु:शासन के सभी भाई हर्ष से उल्लसित हो उठे थे, उनके मनमें वैसा करके मैंने केवल त्रास उत्पन्न किया था। द्यतक्रीडा के समय जब द्रौपदी का केश खींचा गया, उस समय क्रोध में भरकर मैंने जो प्रतिज्ञा की थी, उसकी याद हमारे हृदय में बराबर बनी रहती थी। ©N S Yadav GoldMine #woaurmain भीमसेन का गांधारी को अपनी सफाई देते हुए उनसे क्षमा मांगना पढ़िए महाभारत !! 📙📙 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व पत्र
Divya Kulkarni
इतकं मोठं आहे कि काही शब्दांमधे वर्णन करु शकत नाही पण इतकं छान आहे कि नक्कीच काही लिहू शकते आयुष्याच्या पुस्तकात प्रत्येक पानांवर एक वेगळी आठवण आहे एक वेगळा आनंद आहे कदी रुसणे आहे तर कदी मनवणे आहे इतकं मोठं आहे हे पुस्तक कि केव्हां संपेल मला कळतच नाही. 🙂 #marathiquotesbydivya बाकी जणांनी खूपच छान लिहिलय. मी एक छोटा सा प्रयत्न केलाय. नक्की सांगा कस वाटलं. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आ
Divya Kulkarni🐿️
इतकं मोठं आहे कि काही शब्दांमधे वर्णन करु शकत नाही पण इतकं छान आहे कि नक्कीच काही लिहू शकते आयुष्याच्या पुस्तकात प्रत्येक पानांवर एक वेगळी आठवण आहे एक वेगळा आनंद आहे कदी रुसणे आहे तर कदी मनवणे आहे इतकं मोठं आहे हे पुस्तक कि केव्हां संपेल मला कळतच नाही. 🙂 #marathiquotesbydivya बाकी जणांनी खूपच छान लिहिलय. मी एक छोटा सा प्रयत्न केलाय. नक्की सांगा कस वाटलं. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आ
Secret Quotes
नजर.... जी गोष्ट नकोय ती बघतो नाही लपवत माझ्या पासून काही, एक गोष्ट तर नीट दिसतीये आता तुमचे चाल चलित्र खरंच बिघडलेत कधी ऐकले असते तर एवढं नसतं कधी लक्ष ठेवल असतं नाही कधी एवढं नजरेतून उतरले असते, शेवटी तुम्ही ही बाकी सारखेच निघालात ना, थोडी फार लाज असते कोणी आवडतय तर काही गोष्टी अनुभव आहेत त्याला जर बोलतायत तर काही तरी आहेत अभ्यास त्याचा पण असंच नाही कधी बोलत ना तो, मग कितीवेळा समजून सांगितलं असेल नाही समजलं, पण एक बोलू इच्छीतो आज खूप उतरले तुम्ही तुम्हाला नाही फरक पडणार त्या गोष्टीचा त्या शब्दांचा तुम्हाला तर तेच हवंय वाटतंय उगाच काही गोष्टी नजरेत येत नाहीत माझ्या, प्रत्येक ऍक्टिव्हिटी बघतो मी शक नव्हता पण तरीही नजर ठेवत असेल मी, ही तुमची चुकी होती या मागे पण कारण आहेत आणि स्वतः तुम्ही कारणीभूत आहात पण आता नाही, मला विचार सकाळी उठल्या पासून तर झोप पर्यंत सगळं काही सांगतो तुझं वागणं कॉल डिटेल्स, ऑनलाईन ऍक्टिव्हिटी, मेसेज, लाइक, कंमेंट, काय करताय काय बघताय, सगळं काही, हे ब्लॉक केल्या मुळे करावा लागले पण भरपूर काही दाखवून दिले तुम्ही, एक गोष्ट आजही नाही समजली पण समजेल ती पण लवकरच, पण एक तर नक्की समजलं तुमचे लक्ष कुठे आहेत आणि चुकीच्या व्यक्तीच्या सांगतीत आलात या वर पुरावा देईल मी, जे दुसऱ्यांनी ठेवलेत तुमच्या पासून लपवून मला तर तस अंधारात ठेवत आहात ना, मी वेडा ना सगळं काही सांगत राहिलो काही विचारलं तर उत्तर नाही तुमच्या कडे, प्रत्येक गोष्ट सांगितल्या खूप त्र
Aditya Fogat
पुत्र को सही पथ पर ना ला पाए, ना महाभारत रोक पाए, ना कर्ण को पक्ष में ला पाए ना स्वयं गांधारी के श्राप से बच पाए ओर ना हि यदुवँशियों का विनाश रोक पाए, नियति का लिखा आप क्या बदलोगे, जब स्वयं भगवान ना बदल पाए । पुत्र को सही पथ पर ना ला पाए, ना #महाभारत रोक पाए, ना #कर्ण को पक्ष में ला पाए ओर ना हि यदुवँशियों का #विनाश रोक पाए, ना स्वयं गांधारी के #श
Aditya Fogat
पुत्र को सही पथ पर ना ला पाए, ना महाभारत रोक पाए, ना कर्ण को पक्ष में ला पाए ना स्वयं गांधारी के श्राप से बच पाए ओर ना हि यदुवँशियों का विनाश रोक पाए, नियति का लिखा आप क्या बदलोगे, जब स्वयं भगवान ना बदल पाए । पुत्र को सही पथ पर ना ला पाए, ना #महाभारत रोक पाए, ना #कर्ण को पक्ष में ला पाए ओर ना हि यदुवँशियों का #विनाश रोक पाए, ना स्वयं गांधारी के #श
Richa Bhatia
ना औरत कराती उत्पात है, ना ये औरत फ़साद है| उत्पात उस दुशासन का था जिसने नर को ज़र समझा, फ़साद वो रावण था जिसने सीता पर बदले का हक़ समझा| (Caption) ये औरत कराती उत्पात है, ये औरत ही तो फ़साद है| द्रौपदी ने महाभारत करायी, सीता ने रामायण लिखवायी| ये औरत कराती उत्पात है, ये औरत ही तो फ़साद ह