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Karan Meda
कि मिले थे बचपन में एक स्कूल की क्लास में फिर स्कूल खत्म हुए बिछड़े थे हम 10वीं की क्लास में कुदरत की मेहरबानी हम फिर से मिले लवली ग्रुप में पर जाने क्यों अब फिर से ग्रुप से बिछड़ने लगे क्या रे ऊपर वाले आज लोग ग्रुप में बात भी नहीं करते ©Karan Meda मेरी दिल किं बात #brothersday
Mohan raj
जहाँ आपका अपमान हो रहा हो, वहाँ आपका रहना अनुचित है,। यत्र अपमानं भवति तत्र स्थातुं भवतः अनुचितम्। It is inappropriate for you to stay where you are being insulted. ©Mohan raj #Life lesson यत्र अपमानं भवति तत्र स्थातुं भवतः अनुचितम्।
adv Ritam pandey
Mohan raj
सत्या भक्तिः परीक्षिता भवति यदा कष्टसमये भक्तः स्वदेवतायां श्रद्धां धारयति। धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life lessons shiv bhakti सत्या भक्तिः परीक्षिता भवति यदा कष्टसमये भक्तः स्वदेवतायां श्रद्धां धारयति।
manoj kumar jha"Manu"
प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य) प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य)
Mohan raj
प्रेरणा आपके लिए तभी काम करेगा जब आप इसे अपने जीवन में लागू करेंगे प्रेरणा भवतः कृते तदा एव कार्यं करिष्यति यदा भवतः जीवने तस्याः प्रयोगः भवति Motivation will work for you only when you apply it in your life Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessons motivational my voice प्रेरणा भवतः कृते तदा एव कार्यं करिष्यति यदा भवतः जीवने तस्याः प्रयोगः भवति
Banbihari
“ यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् ” जो मनुष्य इश श्लोक का मतलब समझ जाए वो फिर कभी अपने कर्मो से नहीं मुकरे गा और नाही धर्म और मनुष्यता की हानि करेग । परन्तु यह श्लोक को समझने के लिए मनुष्य को मन से , हृदय से , सज्ज होना पड़ेगा , नहीं तो जितना भी समझने का प्रयास करें मनुष्य बस इसे याद कर पाएगा । ©Banbihari यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् भगवद गीता श्लोक #भगवदगीता #BhagvadGita #india #nojo
Ganesh joshi
अपेयेषु तडागेषु बहुतरं उदकं भवति । अर्थ : जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता , उसमें बहुत जल भरा होता है । ©Ganesh joshi #watchtower #अपेयेषु #तडागेषु बहुतरं उदकं भवति । #अर्थ : जिस #तालाब का #पानी #पीने योग्य नहीं होता , उसमें बहुत #जल भरा होता है ।