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Devesh Dixit
मौत हूँ मैं ................का शेष भाग.......... क्योंकि देख मौत हूँ मैं, अधर्मी के लिए खौफ हूँ मैं। बेगुनाह भी चपेट में आते, पर क्या करूँ मौत हूँ मैं। मुझे खुद का धर्म निभाना है, यमराज तक तो ले जाना है। तत्पश्चात न्याय वो ही करेंगे, जो किये तूने तेरे कर्म कहेंगे। जो की अटल सत्य है, यही तो उचित कथ्य है। मुझसे न पीछा छूटेगा, आखिर तू भी टूटेगा। जीवन सरल यदि जिओगे, मुझसे भी बेखौफ़ रहोगे। जीवन भी यह सुखद रहेगा, धारा प्रवाह ही यह बहेगा। मैं तो मौत हूँ मेरा काम है आना, पर अकाल मृत्यु से तुम बचोगे। ईश्वर की बात को अगर है माना, फिर क्यों तुम अब मुझसे डरोगे। .......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मौत_हूँ_मैं #nojotohindi #nojotohindipoetry ............का शेष भाग प्रस्तुत है........... क्योंकि देख मौत हूँ मैं, अधर्मी के लिए खौफ हूँ
#मौत_हूँ_मैं #nojotohindi #nojotohindipoetry ............का शेष भाग प्रस्तुत है........... क्योंकि देख मौत हूँ मैं, अधर्मी के लिए खौफ हूँ #Poetry #sandiprohila
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युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका विस्तार।। मात पिता का फर्ज़ है, उनको दें संस्कार। गलत दिशा भटकें नहीं, दोष करें स्वीकार।। युवा शक्ति को है परख, हो कैसा व्यवहार। सही बात पर हों अटल, गलत बात पर वार।। भटक गए कुछ हैं अभी, देते हैं आघात। युवा शक्ति पर चोट है, मुश्किल हैं हालात।। युवा शक्ति अब मोहती, फैंक प्रेम के जाल। जो भी इसमें है फँसी, होती बाद हलाल।। संस्कारों को छोड़ कर, नित्य करें ये काम। मात पिता को कर दुखी, खूब डुबाते नाम।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका
#युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका #Poetry #sandiprohila
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चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।। नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।। कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।। आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।। यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।। देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।। खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।। पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।। आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे । स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।। बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा । दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।। लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े । बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।। राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते । अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी । प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा । जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।। २४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता
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अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि
#अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि #Poetry #sandiprohila
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देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। जाना कहाँ अभी तुझको सबने, झूठी माया से सब लिपट रहे। प्रेम का देकर झाँसा सभी को, सच्चाई से मुख को मोड़ रहे। दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे, रची बहुत है रचना ईश्वर ने। छीने कब तुझसे वो ही जाने, वही मौत से सबको मिला रहे। अटल सत्य है ये कहते वो ही, इससे सभी तुम जो घबरा रहे। मोह उससे अब छुड़ा के सबको, वही पास में अपने बुला रहे। देकर जिंदगी फिर से सभी को, धरती पर उसको है भेज दिया। जीवन देखो फिर उसको प्यारा, जी भर कर ही तुमको प्यार दिया। देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया
#देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया #Poetry #sandiprohila
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