Find the Latest Status about jawani phir nahi ani from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, jawani phir nahi ani.
Vijay Sonwane
बीच में पर्दा न रख ये दिलनशी। हम इतने तो गैर नहीं। तेरे दीदार को तरसे है इक उमर एक झलक पाने के क्या हकदार हम नही खामोश क्यों हो, क्या हुआ है, ये मौसम में आज कैसा धुआ है। मुझें फ़िक्र हो रही कुछ कहो भी। किस गम ने तुम्हारे लबो को छुआ है। अब जो तुमने कुछ ना कहा, मै कुछ कर जाऊंगा। तुम्हारी रुसवाई से नही, खामोशी से मर जाऊंगा। ©Vijay Sonwane Parda phir bhi hata nahi 😒😒
jan i love
Aadil Rasool
quban ki apni haseen jawani ki baharain ye fursat mai nhi mila mansab sahib ©Aadil Rasool #sunlight haseen baharain jawani ki #Aadilwrite
Salu Mehra
White Pehle mahnat lagti hai phir aasha barhti hai phir tumhe pehchan milti hai our phir hii safalta milti hai ©Salu Mehra phir safalta
Sam
फिर से उस इश्क को जीना है जिसमें कभी मरने की कसमें खाई थी फिर से उन गलियों से गुजरना है जिन राहों पर तुमसे नज़रे टकराई थी फिर से दिल लगाने की ज़हमते करनी है जिस दिल्लगी मे सिर्फ रूसवाई थी फिर से तुम्हारा साथ पाना है जिसमें सिर्फ तन्हाई थी फिर से थामना है उन हाथों को जिन लकीरों मे सिर्फ बेवफाई थी फिर से वो बातें करनी है जिनको सुन के तुम मुस्कुराई थी पर छोड़ो जाने दो कौन फिर से इतनी मेहनत करे कौन दिल लगाए कौन मोहब्बत करे चलो जाने दो फिर किसी रोज ये दास्तान मुकम्मल करेंगे फिर किसी जोया की कहानी मे कुंदन बनेंगे ©Sam #phir se
Jk
उसने कहा के वो मजबूर है मेरा प्यार पाने के लिये और हमने कहां, प्यार किसी मज़बूरी का नाम नहीं होता वो तो ईबादत है रब क़ि, वरना जवानी मैं हर किसी को प्यार के नाम का बुखार नहीं होता ©Jk #Jkshayari #mohabbat #majburi #Prem #bukhar #jawani #Pyar
Puspesh Labh
White बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे न ही टूट कर रोए, न ही कम ज़रा सोए, न हुई है बातें कम न जनजारते है गम दुःख पुरना साथी है चेहरे पे क्यू लाना है कल भी घर चलना था आज भी घर चलना है बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे अस्क भी तो रहते है बन के बोझ आँखों पर रोज़ टूटे सपनो को फिर से बुनना होता है दिल से आगे जा के पेट चुनना होता है हाथ रख के जेबों पर अस्क भर के आँखों पे बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे By पार्थ ©Puspesh Labh bad phir bhichrne