Find the Latest Status about गूरू पौर्णिमा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गूरू पौर्णिमा.
swag
लोग कहते है, आप ऐसी है आप वैसी है। इजाजत अगर दो आप तो में बताऊँगी अस्सल में आप कैसी है। माँ सरस्वती तो नहीं है, वो लेकिन विद्याका भंडार है। इसी लिए हमारे जिवन में माँ सरस्वती के जगह आपका स्थान है। हिमालय तो नही है, वो लेकिन, हिमालय जितना उंचा व्यक्तीमत्व महान है! पर्वत तो नहीं है, वो लेकिन, पर्वत, जैसी अपने विचारों पे तटस्थ है। नदी तो नही है, वो लेकिन नदी जैसा निर्मल स्वभाव है। सागर तो नही है, वो लेकिन सागर जैसे अफाट और गहरे उनके विचार है! ढाल तो नही है, वो लेकिन बे-गुनहा को बचाने के लिए तयार है। हमारी माँ तो नही है, वो लेकिन उसके डाटं फटकार, में भी माँ का प्यार है। नारीयल तो नही है, वो लेकिन नारीयल जैसे 'वो बाहर से दिखानी खुदको कठोर है।नारियल के गाभे जैसा,मुलायम उनका मन है। नारियल के पानी जैसी जिस की मिठी उनकी वाणी है। सर्व रूपसे परिपूर्ण वो गुरु हमारी है। A little gift for my Idol teacher on the occasion of hear birthday 🎂🎂💐👩⚖️👩🏫Miss.Dr.Smita Khole गूरू हमारी#idol Parsnality #Happy Teacher's Day #गूरू पौर्णिमा
Dr-Narendra Kumar
गुरु वही है जो जो अपने शिष्य को भी किसी का गुरु बना दे। #NojotoQuote गूरू....
Mili
चंद्राच्या मंद प्रकाशात ठंडी ची चाहुल मी तुमच्यावर खुप प्रेम करतो सांगण्यास उचलतो माझे पाहिले पाहुल कोजागिरी पौर्णिमाच्या तुम्हाला मनस्वी सुभेछ्या milind guddnattikar (sutar) ©Mili #कोजागिरी पौर्णिमा
ganesh suryavanshi
कभी कभी मूश्किल वक्त भी शिका जाता है.. कोण अपना..कोण पराया.. अजमा लेती है जिंदगी...और कहती है.. तू ही अकेला है, मेरे भाई.. तूझे ही चलना है... ©ganesh mali वक्त ही गूरू.. #AloneInCity
Devanand Jadhav
°शरदाची पौर्णिमा° शरदाची पौर्णिमा तेज रुपेरी सांडताहे भूवरी नभातूनी दशदिशांना ओसांडूनी शरदाची पौर्णिमा ॥ १ ॥ मंद धुंद ती हवा लेवूनी गंध गारवा तनु रोमांची बोचरा फुलवित निलाजरा शरदाची पौर्णिमा ॥ २ ॥ ना धुक्याचे सावट ना गर्द मेघ नभात ना ही ती ओलेती रात टिपूर चांदणं पित शरदाची पौर्णिमा ॥ ३ ॥ तारकांची रांगोळी खूणविताहे समीप दुर दुर क्षितिजावरी शुभ्र निल नभांतरी शरदाची पौर्णिमा ॥ ४ ॥ डोल डोल डोलताहे रातराणी वल्लरी होऊनिया बावरी ती निशब्द लाजरी शरदाची पौर्णिमा ॥ ५ ॥ चिंब चिंब प्रतिबिंब चंद्रही डोकावतो स्मानी सागरातूनी लहरी लहरीतूनी शरदाची पौर्णिमा ॥ ६ ॥ ✍🏻© •देवानंद जाधव• jdevad@gmail.com 9892800137 ©Devanand Jadhav कोजागिरी पौर्णिमा
kalyani dhabale
व्रत..तुझ्यासाठीचं श्रृंगार केल्याशिवायही मी तुला आवडते... पण मला आवडते तुझ्यासाठी सजणे... आठवून तुझं प्रेम कधी कधी ऊर भरून येतो तू माझा म्हणून अभिमान वाटतो... असेल जर पुनर्जन्म तर मी तुझीच होईन... प्रत्येक जन्म तुझ्यासाठी घेईन माहीत आहे व्रताने काही आयुष्य वाढत नाही तरीही व्रत हे निमित्त असतं बाकी काही नाही... त्यात लपलेलंं प्रेम असते, जन्मजन्मांची प्रित असते...! #पौर्णिमा #व्रत