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Khuman Singh
नेक नाम अच्छाई का, बुराई का मुख काला एक नाम सच्चाई का, दीपसिंह सीतोलाई वाला न्याय के सच्चे, अन्याय के अरमान निर्दोष के साथी, दोषी के दुश्मन सत्य के सरदार , असत्य की मार ठा. श्री दीपसिंह , छोड़ चले संसार ©Khuman Singh स्व. ठा. दीपसिंह
M J
मुश्किलें तो बहुत आएगी तू थोड़ा हौसला तो रख बुरे लोग भी मिलेंगे तू बस थोड़ा फासला तो रख #YourQuoteAndMine Collaborating with ठा. मनीष परमार
Mansi Jagad
मुश्किलें तो बहुत आएगी तू थोड़ा हौसला तो रख बुरे लोग भी मिलेंगे तू बस थोड़ा फासला तो रख #YourQuoteAndMine Collaborating with ठा. मनीष परमार
Shravan Goud
शिकायत खुद से है कि खुद के अलावा किसी को अपना क्यों समझा। #YourQuoteAndMine Collaborating with ठा. ओमवीर सिंह
Subhash Singh
महात्मा आओ बारम्बार न तुमने ली तलवार, न पहना गोली हार। न बाँधी कमर कटार,केवल सत्याग्रह आधार।। सत्य का तेरा जीवन, अहिंसा हृदय अपार। दीन-दुखी को तुमने, बनाया गले का हार।। जेल था तेरा आँगन, आँगन में माँ का प्यार। जनता से कहते थे, गुलामी न स्वीकार।। तेरे नये भारत का सपना,नहिं हो पाया साकार। जन्म सदा भारत में लेना,जन-जन करे पुकार।। महात्मा आओ बारम्बार।। ©Subhash Singh #ठा सुभाष सिंह, कटनी म.प्र #gandhijayanti
Subhash Singh
मित्र कर्ण सा चाहिए, कभी न छोड़े साथ। संकट जब आये कभी, थामे अपना हाथ।। #स्वरचित ठा. सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #Dosti
Subhash Singh
भँवर में फँस गया जीवन। निराशा में हुआ तन मन।। समय का चक्र है प्यारे। कठिन हैं मार्ग अब सारे।। निराशा को ज़रा रोको। खड़े हैं प्रश्न कुछ सोचो।। हताशा में रहा रोता। विचारों में लगा गोता।। सहारा ले किताबों का। मिलेगा हल सवालों का।। खुलेगा अक्ल का ताला। मिलेगा हल तुझे आला।। नये किरदार में ढल जा। बनो कुंदन अरे! जल जा।। बसा ले शौर्य इस मन में। खिला ले फूल जीवन में।। ©Subhash Singh #स्वरचित ठा. सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #AloneInCity
Subhash Singh
#Motivation मौत से भी खेलने में, वीर घबराते नहीं। शूल को भी फूल माने,घाव सहलाते नहीं।। भाग्य ही सब कुछ नहीं है,कर्म का ही भान है। हाथ प्रभु ने दो दिए हैं, कर्म से पहचान है।। जोखिमें लेते सदा हैं, लक्ष्य धुँधलाते नहीं। मौत से भी खेलने--------- हौसले उत्तुंग करके, लक्ष्य रखते ध्यान में। वीर बनकर बढ़ रहे हैं, कष्ट हैं संज्ञान में।। गिरि शिखर छूकर कभी भी,गर्व दिखलाते नहीं। मौत से भी खेलने में, वीर घबराते नहीं। #स्वरचित ठा. सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. @सर्वाधिकार सुरक्षित