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Rahul Kumawat
माँ शारदे, जगत जननी, महामाया, माँ दुर्गा इस संकट की घड़ी में सबको हौसला और हिम्मत दे साथ ही इस पर्यावरणीय महामारी से आपको और आपके परिवार को
Pratik Patil Patu
आत्महत्या! चुकीचा विचार एक वैचारिक लेख (Caption मध्ये) आज-काल पाहतोय, दररोज किमान पाच आत्महत्येच्या बातम्या वृत्तपत्रांमध्ये असतात. आणि धक्कादायक बाब अशी की पाचपैकी तीन आत्महत्या तरुण किंवा किशोर
Ravendra
गौरैया दिवस पर अधिकारियों ने दिए सुझाव ©Ravendra विश्व गौरेया दिवस डीएफओ ने डीएम व एसपी को भेंट किया घोंसला,पर्यावरण व वनों की सुरक्षा सब की जिम्मेदारी बहराइच 20 मार्च। पारिस्थिकीय तन्त्
Vedantika
कोरोना या परिवर्तन समय के साथ दुनिया में परिवर्तन होता रहता है। पर्यावरणीय परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन, धार्मिक परिवर्तन, विचारों का परिवर्तन एवं आर्थिक विकास और उसके चलते होने वाले परिवर्तन बहुत ही सामान्य एवं धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तनों से मनुष्य सहज रूप जुड़ जाता है लेकिन जीवन में अकस्मात हुआ परिवर्तन जीवन को बदल कर रख देता है। हमारे जीवन में एक ऐसा ही परिवर्तन कोरोना महामारी के बाद आया है जिसके लिए हम क़भी तैयार नही थे। समय के साथ दुनिया में परिवर्तन होता रहता है। पर्यावरणीय परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन, धार्मिक परिवर्तन, विचारों का परिवर्तन एवं आर्थिक विकास औ
Vedantika
कोरोना या परिवर्तन समय के साथ दुनिया में परिवर्तन होता रहता है। पर्यावरणीय परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन, धार्मिक परिवर्तन, विचारों का परिवर्तन एवं आर्थिक विकास और उसके चलते होने वाले परिवर्तन बहुत ही सामान्य एवं धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तनों से मनुष्य सहज रूप जुड़ जाता है लेकिन जीवन में अकस्मात हुआ परिवर्तन जीवन को बदल कर रख देता है। हमारे जीवन में एक ऐसा ही परिवर्तन कोरोना महामारी के बाद आया है जिसके लिए हम क़भी तैयार नही थे। समय के साथ दुनिया में परिवर्तन होता रहता है। पर्यावरणीय परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन, धार्मिक परिवर्तन, विचारों का परिवर्तन एवं आर्थिक विकास औ
Divyanshu Pathak
21वीं सदी के इन 20 वर्षों में दुनिया के बाकी 142 देश शानदार प्रगति कर रहे हैं जिनमें - चीन ब्राजील रूस इंडोनेशिया तुर्की केन्या दक्षिण अफ्रीका के साथ हमारा भारत भी शामिल है । इस विकास की हमारे देश ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। आबादी की बेलगाम बढ़ोतरी और अनियंत्रित अनियोजित औद्योगिकीकरण ने कई शहरों को पर्यावरणीय नर्क बना डाला और तमाम नगर इसी राह पर चल रहे हैं। देश के 88 में से 75 जॉन बुरी तरह प्रदूषित हो चुके हैं और पवित्र नदियों का पानी नहाने लायक भी नहीं बचा है। 💕🙏#नमस्कार 💕🙏 : बढ़ती जनसंख्या के दबाव और अंधाधुंध तरीके से औद्योगिकीकरण व शहरीकरण की मार झेल रहे हमारे देश में इन समस्याओं से निपटने के नाम