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Vivek
यूँ ही नहीं होता है उजाला दिल में हर रोज़ कितनी किरणें आती हैं कितनी दूर से तुम्हें खुश करने के लिए...!!! ©Vivek #किरणें
priyanka jha
हर अंधकार को धुमिल कर, तुम उदित हुए हो रात बेसक काली होगी, लेकिन उसमे उम्मीद कि किरण तुमने छोड़ी होगी ! priyanka jha #sunrays #उम्मीद #किरणें
Sanjoo Rathod
आशाओ के किरने कैद कर बैठे थे आखो में, गहरी नींद में जो थे, आजाद करना चाहते थे हम उन किरनो को, कबक्त सपनो ने घेरा बनाये रखे थे। #आशाओ की किरणें#
#आशाओ की किरणें#
read moreअनजान
चंदा की चंचल किरणें चंद पल ही आती है। सहला के सन्नाटे तारों में रम जाती है, कर नभ को चमकीला चांद में समा जाती है चंदा की चंचल किरणें चंद पल ही आती है।। ©अनजान #chaand चंचल किरणें
Anuradha Priyadarshini
भोर की किरणें बुलाएं जाग जाओ दिन सुनहरा आज जो निश्चित किया है लक्ष्य को बढ़ते जाना आलस्य त्याग जग उठ खड़ा है खुशियों का डेरा लक्ष्य साधना की ये है बेला तुमको भी दूर जाना ©Anuradha Priyadarshini भोर की किरणें
भोर की किरणें #विचार
read moreचाँदनी शर्मा
पिघलती किरणें सुबह कि रौशनी ने जगाया दिनभर जिम्मेदारियों ने इधर उधर भगाया मिल जाए थोड़ा सा बदहाल जिंदगी को सुकून सूरज भी आसमां की पनाह में पिघलता सा नज़र आया # पिघलती # किरणें # पनाह
# पिघलती # किरणें # पनाह
read morepankaj parmar
जैसे सूरज की किरणों से सुबह के फूल खिल जाते हे, वेसे ही तेरे आने से हमारे दिल के अरमान खिल जाते है। सूरज की किरणें
सूरज की किरणें
read moreBhagirath Singh
पूछो क्यों मुस्करा रहे हो। रोशनी तुम्हारी भी कम होगी फिरभी चमकते ही जा रहे हो। तुम भी खो जाओगे गम की अंधेरी रात में फिर भी मुस्करा रहे हो ©Bhagirath Singh सूरज की मुस्कराती किरणें
सूरज की मुस्कराती किरणें #शायरी
read moreअरविंद राव
#MessageOfTheDay मेरी खिड़की से जो आती है वो रोशनी हो तुम मेरी खिड़की से झांकती जैसे देव ऊर्जा हो तुम एक उष्म का एहसास भी और सर्दी की मिठास भी मेरे मस्तक पर जो महके बनकर खुशबू किसी आरती का ऐसा अभिषेक हो तुम।। ©Arvind Rao #किरणें और तुम #Messageoftheday
#किरणें और तुम #Messageoftheday
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
दोहा -- किरण शोभित है नूतन किरण, सदा गगन के भाल। उषा बनकर मल्लिका, चमक रही है लाल। केसर किरण उजास से, पोषित हो नव भोर। हर्षित हो खग चहकते, नाच रहे वन मोर। स्वर्णिम किरणें वैभवी, कंचन केसर भोर। शीतल मन्द पवन चली, वसुधा के हर छोर। आस किरण ना छोड़ना, संकट होगा दूर। राम गये वनवास में, समय करें मजबूर। छिटकी किरण मयंक से, धरा थाम ली हाथ। नागर लगती चांदनी, नव उमंग के साथ। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani सुहावनी सुबह की किरणें
सुहावनी सुबह की किरणें #कविता
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