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Sudhanshu Singhal
तुम और तुम्हारा आइना अक्सर खुद को ऐसे छुपा कर रखते हो, जैसे अक्सर कुछ हसीन मुलाकाते,और बाते, तुम आईने से ही करती हो...... बाते मैं नहीं आईना करता है, आप मेरे कौन हो, ये सवाल, बार बार करता है... टीया ©Sudhanshu Singhal शायरी #treanding #लव #रोमांटिक #Couple #Relationship #Gif
Ashutosh Mishra
White लिखूं मैं गीत प्यार के कैसे आखों के अश्क़ों को बहलाऊं कैसे शब्दों के मोती बिखर गऐ है प्रेम की माला बनाऊं कैसे अलफ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Romantic #प्रेम #प्यार #रोमांटिक #रोमांस
Anjali Singhal
ज़ख्मी दिल
कितनी दूर निकल आये हम इश्क निभाते निभाते खुद को खो दिया हमने उनको पाते पाते लोग कहते है दर्द बहुत है तेरी आँखों में और हम दर्द छुपाते रहे मुस्कुराते मुस्कुराते ©कुमार विनोद तेरी आँखों में
Salim Saha
अर्ज किया है... वो तुम्हें Dp दिखाकर गुमराह करेगी, मगर तुम आधार कार्ड पर अड़े रहना। ©Salim Saha आधार कार्ड के ऊपर शायरी#आधार कार्ड पर ही रहना
Salim Saha
ताऊ hospital गए इलाज करवाने नर्स: लम्बी साँस लो ताऊ ने लम्बी सांस ली नर्स: कैसा महसूस हो रहा है ताऊ : कौण सा perfume लगा कर आई है मज़ा आ गया।🤣🤣🤣😃😃 ©Salim Saha माय कंटेंट #शायरी शायरी #शायरी
Shivam Singh Rajput
जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ, मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ, घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो, मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ। ©Shivam Singh Rajput #maharanapratap #shayri #Shayar #शायरी महाराणा प्रताप की जयंती पर खास पेशकश।
Shashi Bhushan Mishra
परिधानों से लाज ढाँपती नज़रों में छुप जाती थी, लज्जा बसती थी आँखों में मन ही मन सकुचाती थी, पर्दे के पीछे का सच भी डर की जद में सिमटा था, लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी, बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, खेतों की मेड़ों पर चलती इठलाती बलखाती थी, सावन में मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, देख आईने में ख़ुद को नटखट कितनी शर्माती थी, प्रेम और विश्वास अडिग वादे थे जीने मरने के, रूप सलोना फूलों सा कितनी सुंदर कद-काठी थी, माँ बाबूजी भैया भाभी सबके मन में रची-बसी, सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी, भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन', बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ •प्र • ©Shashi Bhushan Mishra #लज्जा बसती थी आँखों में#