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dilkibaatwithamit
वो मेहँदी लगे हाथ दिखा के रोई, मैं किसी और की हूँ, वो बस इतना बता के रोई.... मेने बोला कौन हैं वो खुशनसीब, वो मेहँदी से लिखा हाथ दिखा के रोइ... शायद उम्र भर की जुदाई का ख्याल आया था उसे, वो मुझे पास अपने बिठाकर रोई... कभी कहती थी मैं न जी पाऊँगी बिन तुम्हारे, और आज ये बात दोहरा दोहरा कर रोई... मैं बेकसूर हूँ, कुदरत का फैसला है ये, लिपट कर मुझसे बस वो इतना बता कर रोई... कैसे उसकी मोहब्बत पर शक करे ये दोस्तों, भरी महफ़िल में वो मुझे गले लगा कर रोई...❤️ ©dilkibaatwithamit वो मेहँदी लगे हाथ दिखा के रोई, मैं किसी और की हूँ, वो बस इतना बता के रोई.... मेने बोला कौन हैं वो खुशनसीब, वो मेहँदी से लिखा हाथ दिखा के रो
वो मेहँदी लगे हाथ दिखा के रोई, मैं किसी और की हूँ, वो बस इतना बता के रोई.... मेने बोला कौन हैं वो खुशनसीब, वो मेहँदी से लिखा हाथ दिखा के रो
read moretripathi
White मैने देखा जब जाते हुए उसे तो सच मानो दिल रो पड़ा मगर फिर सोचा की वो अगर मेरा होता तो जाता ही क्यू 💔 ©tripathi #मैने देखा जब जाते हुए उसे तो सच मानो दिल रो पड़ा मगर फिर सोचा की वो अगर मेरा होता तो जाता ही क्यू 💔
#मैने देखा जब जाते हुए उसे तो सच मानो दिल रो पड़ा मगर फिर सोचा की वो अगर मेरा होता तो जाता ही क्यू 💔
read more- Arun Aarya
उसे इतना तवज्जों दिया है तभी तो उसे खो दिया है ! पत्थर सा एक लड़के ने आज अचानक ही रो दिया है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #moonlight #रो दिया है
#moonlight #रो दिया है
read moreHimaani
😞😞😞😞😞😞 ©Himaani मोहब्बत में हम रोए नहीं रोए रहे हैं#love
मोहब्बत में हम रोए नहीं रोए रहे हैंlove
read moreShiv Narayan Saxena
White रोकने को रोशनी फिर आ गई है धुंध देखो उम्मीद के सूरज को दिल में रोक कर देखो ©Shiv Narayan Saxena #Thinking रोककर देखो . . . poetry in hindi
#Thinking रोककर देखो . . . poetry in hindi
read moreAnjali Singhal
White "साँसों की दस्तक देकर, हे मानव! तेरे लिए प्रभु ने; ज़िन्दगी का दरवाज़ा, तो था खोल दिया; घुसते-घुसते इसमें तुझे, मोह-माया ने घेर लिया। कभी मिली तुझे ठोकर, मिला तुझे कभी धोखा; कभी हँस-हँसकर जीया यहाँ, कभी जीया तू रो-रोकर; ग़र तू गिर-गिरकर संभल गया, समझो जीवन तेरा संवर गया। तन को अपने तूने, गलती का पुतला बना दिया; पर गलतियों ने तुझे रूला दिया, तो सही मार्ग भी है दिखा दिया; ग़र तू गलती करके पछता लिया, समझो कर्मों को सफल तूने बना लिया।।" ©Anjali Singhal "साँसों की दस्तक देकर, हे मानव! तेरे लिए प्रभु ने; ज़िन्दगी का दरवाज़ा, तो था खोल दिया; घुसते-घुसते इसमें तुझे, मोह-माया ने घेर लिया। कभी मिली
"साँसों की दस्तक देकर, हे मानव! तेरे लिए प्रभु ने; ज़िन्दगी का दरवाज़ा, तो था खोल दिया; घुसते-घुसते इसमें तुझे, मोह-माया ने घेर लिया। कभी मिली
read moreRJ VAIRAGYA
White आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो अभी तो जाग रहे हैं चराग़ राहों के अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो जब भी दिल खोल के रोए होंगे लोग आराम से सोए होंगे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे कितना आसाँ था तिरे हिज्र में मरना जानाँ फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते याद आई है तो फिर टूट के याद आई है कोई गुज़री हुई मंज़िल कोई भूली हुई दोस्त शहर-वालों की मोहब्बत का मैं क़ाएल हूँ मगर मैं ने जिस हाथ को चूमा वही ख़ंजर निकला ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते जो आज तो होते हैं मगर कल नहीं होते ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़' ज़ालिम अब के भी न रोएगा तो मर जाएगा ©RJ VAIRAGYA #rjharshsharma #rjvairagyasharma metaphysical poetryआँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा तमाम उम्र कहा
#rjharshsharma #rjvairagyasharma metaphysical poetryआँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा तमाम उम्र कहा
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White डायरी और दिल हाड़-मांस के दिल को क्यों छुपा कर रखा था अब तक तुमने इन डायरी के पन्नों के बीच क्या ऐसी नौबत आन पड़ी है आज जो दिल को निकाल कर रख रहे हो हथेली पर ©DR. LAVKESH GANDHI # दिल और डायरी # # क्यों रो रहा है रे पगला तेरा दिल #
# दिल और डायरी # # क्यों रो रहा है रे पगला तेरा दिल #
read moreShashi Bhushan Mishra
चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है, सफ़र तन्हा है कोई टोकने वाला नहीं है, जुवाँ खामोश भी रखूँ तो कागज़ बोलता है, डरें क्यों अब यहाँ कोई भौंकने वाला नहीं है, उन्हें गुमान उनकी हर रज़ा मक़बूल होगी, फ़लक पर कोई कीचड़ फेंकने वाला नहीं है, मैं तन्हा हूँ मुकम्मल साथ मेरी शायरी है, बुझा चूल्हा है रोटी सेंकने वाला नहीं है, वो बन ठनकर निकलते हैं बड़ी मसरूफियत से, है दर्द-ए-दिल बहुत कोई देखने वाला नहीं है, जो मन में आता है बेखौफ़ बोलता हूँ अब, शुक्र है अब मेरे मुँह पर कोई ताला नहीं है, वही लिखता हूँ जो महसूस मैं करता हूँ 'गुंजन', हमारे दिल में नफ़रत का कोई जाला नहीं है, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#
#चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#
read moreAnant Nag Chandan
हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त ©Anant Nag Chandan #Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त
#Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त
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