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Er.Atul Kumar Gupta
इन होंठों से कुछ काम लीजिये, इनसे हमारा नाम लीजिये, बस इन पर जिक्र होना चाहिए हमारा, चाहे फिर हमारी तारीफ़ कीजिये, चाहे फिर हमें बदनाम कीजिये.. अतुल कुमार गुप्ता ©Er.Atul Kumar Gupta होंठ
Dil galti kr baitha h
जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक जाता हूँ, तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर मै और महक जाता हूँ। ©Dil galti kr baitha h जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक जाता हूँ, तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर मै और महक जाता हूँ।
Rajkumar Siwachiya
White हो काली काली रात साथी में और चांद देख चांद नै आवय सै छौ देखी पहली बार धरती कोई मेरी टक्कर की हाय कहां से आ गई Yo आंख सुरमे जिसी काली होंठा फुला जिसी लाली देख Blood का तेज होवय Flow शाम खेता बरगी छोरी बालु रेता बरगी छोरी देख फेस मेरा हो जावय Glow ✨👩❤️👨✨♥️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya होंठ फुल जिसे लाल निखडू अफगानी माल ✨👩❤️👨✨♥️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #Romantic #rajkumarsiwachiya #oyedesi #haryanvi #haryana #loharu
Dil galti kr baitha h
BeHappy काश मेरे होंठ तेरे होंठों को छू जाए देखूं जहा बस तेरा ही चेहरा नज़र आए हो जाए हमारा रिश्ता कुछ ऐसा होंठों के साथ हमारे दिल भी जुड़ जाए। ©Dil galti kr baitha h काश मेरे होंठ तेरे होंठों को छू जाए देखूं जहा बस तेरा ही चेहरा नज़र आए हो जाए हमारा रिश्ता कुछ ऐसा होंठों के साथ हमारे दिल भी जुड़ जाए।
Dil galti kr baitha h
Village Life नैना थे कहां आपके इतने शराबी पहले चेहरा था कहां आपका इतना किताबी पहले आइना तो ज़रा देखिए लबों को चूमने के बाद क्या होंठ थे आपके इतने गुलाबी पहले। Happy Kiss Day ©Dil galti kr baitha h नैना थे कहां आपके इतने शराबी पहले चेहरा था कहां आपका इतना किताबी पहले आइना तो ज़रा देखिए लबों को चूमने के बाद क्या होंठ थे आपके इतने गुलाब
Dil galti kr baitha h
Village Life कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे रूबरू करके कभी अपने महकते सुर्ख होंठ एक दो पल के लिए गुलदान कर देगा मुझे। ©Dil galti kr baitha h कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे रूबरू करके कभी अपने महकते सुर्ख होंठ एक दो पल के लिए गु
BROKENBOY
तुम्हारी तस्वीर को हर हाल चूमूँगा, तुम्हारी बाते तुम्हारे ख़्याल चूमूँगा, मैं तुम्हारी आँखों को चूमने के बाद, होंठ की बजाय तुम्हारे गाल चूमूँगा, यक़ीनन वो साल अच्छा ही गुज़रेगा, पहले दिन मैं तुम्हे जिस साल चूमूँगा, तुम मिरे चूमने का इंतिज़ार किया करोगी, ऐ जाँ मैं तुम्हे इतना कमाल चुमूँगा। ©BROKENBOY #Tulips तुम्हारी तस्वीर को हर हाल चूमूँगा, तुम्हारी बाते तुम्हारे ख़्याल चूमूँगा, मैं तुम्हारी आँखों को चूमने के बाद, होंठ की बजाय तुम्हा
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुश्किलों में बड़ी पले हम हैं । आज भी होंठ ये सिले हम हैं ।। अपनी तकदीर से गिले कम हैं । क्योंकि पहले नहीं मिले हम हैं ।। माँगने से कहाँ मिली रोटी । उसकी खातिर देखो चले हम हैं ।। इतनी आसान थी नहीं मंज़िल । देख लो ऐड़ियाँ मले हम हैं तुम क्या जानो कशिश मुहब्बत की । चाँदनी रात में मिलें हम हैं ।। हाथ जब गैर का थामा उसने । क्या कहें किस तरह जले हम हैं ।। पी गये अश्क़ हम ज़फ़ाओ के । इतना देखो प्रखर भले हम हैं ।। ०२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुश्किलों में बड़ी पले हम हैं । आज भी होंठ ये सिले हम हैं ।। अपनी तकदीर से गिले कम हैं । क्योंकि पहले नहीं मिले हम हैं ।।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१ यार बिन कुछ भी नहीं भाता मुझे । गम कि फिर तंहाइयाँ अच्छी लगे ।।२ आ सँवरकर सामने मेरे कभी । मुझको तेरी शोखियाँ अच्छी लगे ।।३ सुर्ख कर लो होंठ ये मेरे लिए । तुझ पे ही ये सुर्खियाँ अच्छी लगे ।।४ आ रही घर में हमारे फिर खुशी । मेम को अब इमलियाँ अच्छी लगे ।।५ एक अच्छा नाम अब मैं सोच लूँ । मुझको देखो बेटियाँ अच्छी लगे ।।६ ढ़ल रही है ये जवानी अब प्रखर । अब न वो गुस्ताखियाँ अच्छी लगे ।।७ १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White शिर्क किया न कभी रब्बे जुलजलाल से,इ सलिए पशेमा ना हुई महशर ए अंजाम से//१ मैं यक़ीं मुनाफिको पर कैसे करूं,जो करे वादा खिलाफी और मुकर जाएं खुद के ही कलाम से//२ माजरा बेकसो_बेबसो का हमसे सुनो जो रह गए तिश्ना लब नहर ए फरात से//३ वो मुजाहिद क्यूं डरे भला किसी जल्लाद से, उम्र तमाम हो जिसकी जिहाद ए मकाम से//४ गर हो जाए बंटवारा रिश्तों का जहां,तो फिर नहीं पुकारते हमशीरी मुहब्बत ए कलाम से//५ चश्म में अश्क लिये और तिश्न लब लिए,क्यूं दिल मिलाएं हम,ऐसे*हाकीम ए हुक्काम से//६ माह ओ साल रदीफ और काफिया,लिख रही हूंअपने सुखन मे हालेजार*अय्याम से//७ बंद करे जो दर दरीचे आपकी*इखलास के, होते है कुछ*बाब हासिद ए हिसाब से//८ कभी चलती सांसों का हाल तो पूछा नहीं,अब क्यूं लेते हो पल्ले शमा*क मय्यत के *तआम से//९ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #SAD शिर्क किया न कभी रब्बे जुलजलाल से,इसलिए *पशेमा ना हुई महशर ए अंजाम से//१* लज्जित मैं यक़ीं*मुनाफिको पर कैसे करूं,जो करे वादा खिलाफी और