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Anjali Singhal
Sarfaraj idrishi
बदन है मिट्टी का सांसें सारी उधार हैं घमंड भी है तो किस बात का यहाँ हम सब किरायेदार हैं ©Sarfaraj idrishi #stopacidattacks बदन है मिट्टी का सांसें सारी उधार हैं घमंड भी है तो किस बात का यहाँ हम सब किरायेदार हैं Ambika Jha h m alam s arvind adhar
BROKENBOY
White सब कुछ इतना जल्दी हो गया, मुझे यकीन ना था ! वह मेरे पास थे, पर लम्हे वह हसीन न थे!! कुछ छूट रहा था जीवन में, वह एहसास अभी मिट्टी न थी!!! दस्तक आया फरमान लेकर, जंग अभी थमी न थी!!!! ©BROKENBOY #Emotional सब कुछ इतना जल्दी हो गया, मुझे यकीन ना था ! वह मेरे पास थे, पर लम्हे वह हसीन न थे!! कुछ छूट रहा था जीवन में, वह एहसास अभी मिट्ट
Rishu singh
White क्या उस प्रेम से बाहर निकल पाना आसान है जिसे पाया भी न हो खोया भी न हो कितना कठिन है उससे मुक्त होके जी पाना कितनी घुटन भरी सांसें होगी जिसे हम खुल के ले भी नही पाते ©Rishu singh #Emotional क्या उस प्रेम से बाहर निकल पाना आसान है जिसे पाया भी न हो खोया भी न हो कितना कठिन है उससे मुक्त होके जी पाना कितनी घुटन भरी सांस
gaTTubaba
पता हैं मेरी कलम चाहती नहीं तुम्हें फिर भी तुझको ही क्यों लिखना चाहती होगी ? यकीनन ये दुनिया जानती नहीं तुम्हें फिर भी कैसे जानती होगी ? मुलाकातें हमारी होती नहीं आजकल फिर भी कैसे होती होगी ? इंतजार मर गया इंतजार करते करते ये सब जानकर भी उम्मीद सांसें कैसे लेती होगी....? ©gaTTubaba #raindrops पता हैं मेरी कलम चाहती नहीं तुम्हें फिर भी तुझको ही क्यों लिखना चाहती होगी ? यकीनन ये दुनिया जानती नहीं तुम्हें फिर भी कैसे जानत
Anil Ray
खंड-खंड विखंडित रहकर भी अखंडित है औरत टूटकर भी नही टूटे कायनात की ऐसी साकार मूरत.. जन्मपूर्व से जन्मोपरांत तुझसे ही अनिल सृष्टि है मैं तेरी लिखावट हूँ औरत और तुम हो बेहद खूबसूरत.. ©Anil Ray 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 💞सादर वंदन💞 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 मानव सृष्टि की सृजनहार और पालनहार शक्ति महा मातृशक्ति को चरणवंना संग सादर नमन। भिन्न-भिन्न स्वरूप में जिंदगी क
Yashpal singh gusain badal'
ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के रक्खा और सांसें निकल गई । सौंपे थे जिसको हमने जिन्दगी के फैसले । उसके ही हाथ कत्ल जिन्दगी निकल गई । आब-ए-हयात पी के भी न बच सका यहाँ । माटी का बना था सो माटी में मिल गई । नाज है किस बात का किसका गुरूर है । अच्छे-अच्छों की यहाँ हवा निकल गई । थामे थे जिसको भींच के दिल के करीब से । हाथों से वो प्यार की डोरी फिसल गई । "बादल" गलत उठे थे कदम राह-ए-शौक में, फिर सँभालते-संभालते जिन्दगी निकल गई।। ©Yashpal singh gusain badal' #retro ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के र
Gopal Pandit
यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा हर पल गुजरता सदियों के जैसा नाम ले ले कर के तुम्हारा जब तक ना देखें तस्वीर तेरी कहीं भी लगता ना अब दिल हमारा तेरी गली से हम जब भी गुजरें आंखों से बरसे अंसुओं धारा इतना यकीं तुम हमारा भी कर लो तुम्हारे सिवा नही कोई अपना सहारा नाम ले ले के जी लें तन्हा उमर भर जो श्याम तू ना हुआ हमारा के लिखने लगा जबसे तेरी कृपा को "पंडित" की जीवन में मेरे हुआ उजाला जब टूट कर मैं बिखर रहा था तेरे नाम मुझको संभाला दुनियां में तेरी चर्चा करूं मैं , मुझे भव सागर से तूने निकाला तू ही संभाले उसको सांवरे जिसने भी दिल(श्रद्धा) से तुझको पुकारा अब तो बचा ले ओह खाटू वाले तेरे सिवा नहीं कोई हमारा संभलने लगा हूं मैं दर पे तेरे आकर वरना मैं फिर रहा था दर बदर मारा मारा ज़माने को मैं बस इतना कहूंगा मुझे बेबसी से तूने निकाला इस दुनियां में ऐसा कोई नही है जिसको मुसीबत से ना तूने निकाला तेरी कृपा से ये धरती थमी है ये अंबर भी है श्याम तूने संभाला "पंडित"को आरजू बस तेरी है तेरे बिना ना मेरा होगा गुज़ारा हारा हूं श्याम मैं अब तुम मुझको संभालो हारे श्याम तुम ही हो सहारा। #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit #Janamashtmi2020 यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा हर पल गुजरता सदियों क