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Kartik Prajapat
" And now I learnt , that to have stake round here you need to be rational. " Rationality ridden ☑️ #rationality #rationalism #stakeholders #realization #hereandnow #theworldaround #kae
धम्मपद
वैदिक लेखक लिखते हैं, कि मौर्यकाल के समय चोटी वाला चाणक्य था| जिसने कौटिल्य का अर्थशास्त्र लिखा था| अब प्रश्न उठता है,कि मौर्यकाल में लेखन हेतु सिर्फ शिलाओं का प्रयोग होता था| लेकिन चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र के लेखन हेतु कागज का प्रयोग किया था| तो क्या उस समय कागज का आविष्कार हो चुका था ? या सिर्फ कपोल कल्पनिक और चोटी वाले चाणक्य का साक्ष्य आज तक किस स्थान की खुदाई से मिला है? इस प्रश्न का उत्तर अंधभक्त जरूर दे.. प्रशांत सिंह मैत्रेय ©धम्मपद #historical #Rationality #BuddhaPurnima2021 #buddhism #atheist
Sumit Pandey
रहने दो मुझको यूँ उलझा हुआ सा अपनो में, सुना है सुलझ जाने से धागे अलग अलग हो जाते हैं !! #thirdquote #lobequotes #together #bounded
Shail Saroj
koi insaan agar aapke liye 24 hours free baitha hai ... to apse jyada lucky is duniya me koi ho hi nahi skta... -Sh@ilvi thinks 😘🥰 time bounded😏😏😏
धम्मपद
प्रशांत मैत्रेय ©प्रशांत मैत्रेय #Rational #Rationality #Buddhist #buddhism #atheist #atheism
Sarika Tripathi
“When you feel sad, bad or angry just Count your Blessings, to calm down and rationalise your response, not necessarily to forget the cause” #sad #bad #angry #blessing #rationality #seethrough #thinkpositive #thinkbeforeyouact
Yashi Goel
बहुत सम्भाल लिया अपने आप को, अब अंदर ही अंदर कुछ टूट गया, तुझे अपने अंदर समेटने की तलब रखी, और तू रेत की तरह हाथों से छूट गया।। Felt bounded? #nojoto #nojotohindi #dolike #comment #Follow
Vivek Sharma
“ Once you are attached with anything, You are bounded, Once you are detached, You are free “… #life #free #bounded #jindagi #lifequotes #lifelessons #yqbaba #yqthoughts
धम्मपद
क्या #वेद ईसा पूर्व में थी? वर्तमान समय में वेद पुस्तक को कहा जाता है, जो चार खंडों {(1) ऋज्ञवेद, 2) सामवेद, 3) यजुर्वेद, 4) अथर्ववेद} में उपलब्ध है। वेद ईसा पूर्व काल में थी इसको जानने के लिए वेद शब्द का अर्थ जानना होगा, तभी जान पाएंगे कि वेद पुस्तक ईसा पूर्व थी भी की नहीं! #वेद पालि शब्दकोश का शब्द है। कच्चान व्याकरण अनुसार विद धातु से वेद, विद्या, विद्यालय, वेदना, वेदगु, वेदयितं, वेदयामी, वेदमानो जैसा शब्द बना है। जो बुद्ध वंदना में #लोक_विदु के तौर पर प्रयोग होता है, तो मिलिंद वग्गो के तीसरे अध्याय में #वेदगू_पञ्हो और चक्रवर्ती सम्राट अशोक द्वारा लिखित बैराट भाबरु अभिलेख में #विदितेवे के रूप में मिलता है। जिसमें #लोक_विदु का अर्थ- संसार का ज्ञाता, #वेदगू-ऊँचतम अनुभवी, #विदितेवे-अनुभव प्राप्त करने वाला होता है। यानी #वेद का अर्थ अनुभव होता है। इसलिए तिपिटक में भगवान बुद्ध को #तण्ह_वेदगु कहा जाता है। यानी स्वयं के अनुभव से तीन प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने वाला। अब आते है आज वाली चार वेद से #हटकर पांचवे वेद पर, जिसका नाम #आयुर्वेद है। इस आयुर्वेद को वेद पुस्तक से दूर-दूर तक का कोई संबंध नहीं है। फिर इसका नामकरण #आयुर्वेद क्यों हुआ? #आयुर का अर्थ योगपीडिया अनुसार #जीवन होता है और #वेद का अर्थ तिपिटक अनुसार अनुभूति द्वारा प्राप्त ज्ञान होता है। यानी 👉🏾💝जीवन से सम्बंधित जो ज्ञान अनुभूति पर प्राप्त हुआ, उसे आयुर्वेद कहते हैं। फिर आज वाली पुस्तकीय वेद में अनुभूति वाली तो कोई ज्ञान है ही नहीं। वहां तो 1) ऋज्ञवेद में देवताओं को आह्वान करने का मंत्र है, तो 2) सामवेद में यज्ञ में गाने वाला संगीतमय मंत्र है, तो 3) यजुर्वेद में यज्ञ का कर्मकांड है , तो 4) अथर्ववेद में जादू, टोना, चमत्कार की बात है। आखिर ऐसा क्यों? आज वाली वेद ब्राह्मणी व्यवस्था में अद्वैतवाद वाली दर्शन (philosophy) की पुस्तक है। जिसकी एक पांडुलिपि शारदा लिपि में छालपत्र पर और 29 पांडुलिपि कागज पर नागरी लिपि में लिखी मिली थी। जिसे वर्तमान समय में भंडारकर आयोग पुणे में रखा है। उसी 30 पांडुलिपि से चौदहवीं सदी में सायन ने भाष्य करते हुए पुस्तक का रूप दिया है। जिसमें बाह्मी लिपि से शारदा लिपि का जन्म कश्मीर क्षेत्र में आठवीं सदी लगभग और बाह्मी लिपि से नागरी लिपि का जन्म दसमीं सदी में लगभग हुआ है। तदुपरांत उसके बाद वेद पुस्तक का भाष्य चौदहवीं सदी में सायन द्वारा हुआ है। वेद पुस्तक की पांडुलिपि और भाष्य करने वालों की धूर्तता सिर्फ इतनी ही है कि इन सबों ने मिलकर सम्यक संस्कृति वाली पालि शब्द #वेद, जिसका अर्थ अनुभव होता है, उसी शब्द से अपने कथा वाली पुस्तक का नामकरण कर दिया है। यानी आज कोई धूर्ततावस अपना नाम गौतम बुद्ध रख ले, तो क्या वह सम्यक संस्कृति वाला गौतम बुद्ध बन जाएगा? अब जब वेद पुस्तक का इतना सारा साक्ष्य उपलब्ध है तो इस पुस्तक के वजूद को ईस्वी सन के आस-पास ले जाना मूर्खता ही कहा जायेगा न्। ©प्रशांत मैत्रेय #WinterSunset #Rational #Rationality #HUmanity #buddha #BuddhaPurnima #Buddhist #atheist #atheism