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Arora PR
ज़ब एक दिनमैं मृत्यु के देवता से. मुख़ातिब हुआ तों उसने मुझसे हैरान होकर एक यक्ष प्रश्न किया कि क्या तुम्हारी धरती पर तुम्हारी ललक तुम्हारी आसक्ति और तुम्हारी वास्नाओं का वो अतुल भण्डार चुक गया हैँ ?. मैंने कहा निश्चित ही वो मेरे लिए चुक गया हैँ तभी तों मैं आया हू तुम्हारे पास तुम्हारी मृतक आत्माओं के कोष मे इज़ाफ़ा करने....। ©Arora PR मृतक आत्माओ का कोष
मृतक आत्माओ का कोष #कविता
read moreVijay Kumar उपनाम-"साखी"
हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है हे दुनिया बनानेवाले रब, ये कैसा दिया तूने सबब पुनीत आत्मा को छीन, क्या आया तुझे संतोष है? हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है अदाकारी थी,लाजवाब मुर्दे में फूंक देती थी,जान दक्षिण,कर्नाटक ही क्या, पूरे हिंद के थे,आफताब अब क्यों हुए,खामोश है पुनीत अच्छाइयां याद कर, हो रही जनता बेहोश है जो मिला,गम ग्लोकोज है आपके यूं,असमय जाने से खो गया हमारा जोश है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है आप अभिनेता ही न थे जन-जन के प्रिय नेता थे गौसेवा,अनाथों की सेवा, ये करते थे,आप निर्दोष है ऐसा व्यक्ति,कहां से लाये जिसमे था,निःस्वार्थ जोश है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है जैसा नाम,वैसा ही काम पुनीत ने दिया,यह होश है शरीर से भले चले जाऊं, सच से रहूंगा,जिंदा खोज है पैसा,पद की बहुत शान फिर भी न था अभिमान आप पुनीत थे,सच्चे इंसान ओर न होगा यूं फिरदौस है हृदय में बड़ा अफसोस है खो गया "पुनीत" कोष है पुनीत के जाने से यूं लगा, दीप गया रोशनी छोड़ है दिल से विजय ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" खो गया "पुनीत" कोष
खो गया "पुनीत" कोष #कविता
read moreRahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
सत्संग का अर्थ
read moreKuldeep Singh Deep
"A" Meaning of A अ का अर्थ : अवनी ,धरा, मरुधरा । जननी , मां, दुर्गा, शक्तिस्वरूपा , शैल पुत्री कई रुप है । संक्षेप में उर्वरा , भूमि है जिसे माँ कहते हैं। ©Kuldeep Singh Comrade मां : का अर्थ
मां : का अर्थ
read moreParasram Arora
प्रेम मे बांटने का भाव होता हैँ सब कुछ लुटाने का मन होता हैँ निश्चित ही प्रेम मे विरोधाभास भी होता हैँ प्रेम क़े मार्ग मे विकास का अर्थ किसी लक्ष तक पहुंचना नहीं बल्कि चलते जाना हैँ ऊचाईया छूने मे नहीं हैँ अर्थ प्रेम मे तो सिर्फ गहराई पाना हैँ प्रेम का अर्थ......
प्रेम का अर्थ......
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