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Babli Gurjar
सखी बहुत दुखता है दिल तब आंखों से बहता है नीर गहरे छोड़ते है निशान बातों के तीर कह कर भी हल्की नहीं होती पीर बबली गुर्जर ©Babli Gurjar तीर R... Ojha Anshu writer Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik Mili Saha Sethi Ji
Anjali Singhal
Shivkumar
* जब ट्रैफिक लाइट लाल दिखाई देती है, तो सभी वाहनों और पैदल यात्रियों को तब तक रुकना चाहिए जब तक कि वह हरी न हो जाए । 1* पीली या एम्बर लाइट ड्राइवरों को चेतावनी देती है कि सिग्नल जल्द ही लाल हो जाएगा। सुरक्षित रूप से रुकने की तैयारी करें। 2* हरा सिग्नल होने पर यदि रास्ता साफ़ है और कोई पैदल यात्री पार नहीं कर रहा है तो यातायात आगे बढ़ सकता है। 3* चमकती लाल बत्ती का अर्थ है रुकें, झुकें और सुरक्षित होने पर आगे बढ़ें। सावधानी से आगे बढ़ें, धीमी गति से चलें लेकिन रुकें नहीं 4* हरे तीर के संकेत विशिष्ट मोड़ की अनुमति देते हैं जबकि अन्य यातायात रुक जाता है। ड्राइवरों को पैदल चलने वालों और आने वाले यातायात के लिए रुकना चाहिए। ©Shivkumar #trafficcongestion #traffic #Signal * जब ट्रैफिक लाइट लाल दिखाई देती है, तो सभी वाहनों और पैदल यात्रियों को तब तक रुकना चाहिए जब तक कि
jai shankar pandit
hipi.co.in/@jaishankar.pandit.37 ©jai shankar pandit ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं MM Mumtaz शादाब खांन 'शाद' S Neogi Ahmad Ali Ansari Rohit Bharg
jai shankar pandit
ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं ©jai shankar pandit #Hope ये हमारा हुनर है और हम ही पे जचता है हम तीर भी चलाते हैं परिंदा भी बचाते हैं Anshu writer Praveen Storyteller Sanjana the_mssp_saini{
Cricket
Poet Maddy
मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... लोग शक करते हैं हमारे रिश्ते पर, यूं हमको देखकर मुस्कुराया न करो........... ©Poet Maddy मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... #Dear#Eyes#Treat#People#Doubt#Relationship#Smile..........
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल उसके होंठो पे दुआ हो जैसे । फूल पत्थर पे खिला हो जैसे ।।१ दिल में इक दर्द उठा हो जैसे । तीर फिर दिल में चुभा हो जैसे ।।२ क्यों उसे देख के ये है लगता । खुलते होंठो को सिला हो जैसे ।।३ हाथ हाँथों में सनम ये लेकर । दूर कुछ साथ चला हो जैसे ।।४ उनकी बातों से यही लगता है । दिल में कुछ और छुपा हो जैसे ।५ वो पुकारेगा यकीं है मुझको । फिर भी लगता वो खफ़ा हो जैसे ।।६ जिस तरह कर रहा दिलवर खिदमत । बाद बरसों के मिला हो जैसे ।।७ इस तरह हाँफता है वो उठकर । खुद से जंग लड़ा हो जैसे ।।८ इस तरह देखता है वो मुड़कर । नींद से आज जगा हो जैसे ।।९ ०५/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल उसके होंठो पे दुआ हो जैसे । फूल पत्थर पे खिला हो जैसे ।।१
HintsOfHeart.
"कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम-कश¹ को ये ख़लिश² कहाँ से होती जो जिगर के पार होता" ©HintsOfHeart. #मिर्ज़ा_ ग़ालिब 1.वह तीर जो घाव में से आधा खींचकर छोड़ दिया गया हो 2.चुभन
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल फूल बागों में खिलाया किसने । पास भँवरो को बुलाया किसने ।।१ प्यार का रिश्ता बना लेते सब । प्यार बोलो ये निभाया किसने ।।२ दर्द देते हैं सभी अपने ही । गैर का नाम जताया किसने ।।३ तीर यूँ ही न चला था दिल पे । तूफाँ दिल में ये उठाया किसने ।।५ चाहता तो था उसे मैं भी अब । बात ये आगे बढ़ाया किसने ।।५ दिल धड़कने तो लगा है मेरा । नाम उसका ये सुझाया किसने ।।६ कोई तो है आज छुपकर बैठा । ओढ़नी मुझ पे गिराया किसने ।।७ भूख से सोते हमारे बच्चे । ये रईसों को बताया किसने ।।८ क्यों प्रखर से हो खफ़ा अब बोलो । उन अदाओं से लुभाया किसने ।।९ १९/०२/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल फूल बागों में खिलाया किसने । पास भँवरो को बुलाया किसने ।।१