Nojoto: Largest Storytelling Platform

New समद्विबाहु समकोण त्रिभुज Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about समद्विबाहु समकोण त्रिभुज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, समद्विबाहु समकोण त्रिभुज.

    PopularLatestVideo

सुसि ग़ाफ़िल

सैकड़ों रेखाएं, अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से स

read more
सैकड़ों रेखाएं, 
अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से सटे कमरे, कीचड़ से निकलते हवा के बुलबुले, खाली पड़े डब्बे, लाल आंखें, सुजा हुआ चेहरा, दीमक के घर, टेडी मेडी टहनियां, हृदय के बीच से गुजरती तरंगे, लाल कपड़ा, चमकती हुई बिजलियां इन सब को छोड़कर अटक जाता है मेरा मन एक बिंदु पर वह बिंदु मेरे माथे पर ठुकी कील के बिल्कुल नीचे है! 

मुझे महसूस होता है यहां पर जख्म का जन्म हुआ है | सैकड़ों रेखाएं, 
अजीबोगरीब आकृतियां, त्रिभुज, वृत्ताकार, गोलाकार, समांतर चलती हुई ट्रेन की पटरी, षट्भुज, अजीबोगरीब सुनसान रास्ते, फूलों से स

atrisheartfeelings

बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻 1) + = जोड़ #yqbaba #Collab #yqdidi #ananttripathi #atrisheartfeelings

read more
कुछ महत्वपूर्ण बातें ....

Please read in caption.... बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻             
1)  +   =  जोड़

shaifali thewriter

त्रिभुज कविता..... स्त्री #Streaks #DailyStories #Women #RESPECT #Feel

read more
mute video

Sunita D Prasad

*मुक्ति द्वार.....* मेरी उन्मुक्तता का द्वार है.. मेरी कविता..। मुझमें, मेरे,अव्यक्त का उद्गार है.. मेरी कविता..।। मेरी कविता ने जब भी लिख

read more
*मुक्ति द्वार.....*

--सुनीता डी प्रसाद💐 *मुक्ति द्वार.....*

मेरी उन्मुक्तता का द्वार है..
मेरी कविता..।
मुझमें, मेरे,अव्यक्त का उद्गार है..
मेरी कविता..।।

मेरी कविता ने जब भी लिख

R.S. Meena

क्या था, क्या हो रहा है, संगठित करने वाला ही, खण्डित हो रहा है। बिना सुने पक्ष-विपक्ष, मन-कल्पित विचार ढो रहा है। नि:स्वार्थ भाव पर छाया कोह #yqdidi #rsmalwar

read more
क्या था, क्या हो रहा है,
संगठित करने वाला ही,
खण्डित हो रहा है।
बिना सुने पक्ष-विपक्ष,
मन-कल्पित विचार ढो रहा है।
नि:स्वार्थ भाव पर छाया कोहरा,
'सर्वहित' शब्दों से बो रहा है ।
न्यून से अधिक कोण में,
समकोण कहीं खो रहा है।
क्या था, क्या हो रहा है,
संगठित करने वाला ही,
खण्डित हो रहा है।
ये सब देखकर,
बादल भी रो रहा है।
संगठित करने वाला ही,
खण्डित हो रहा है। क्या था, क्या हो रहा है,
संगठित करने वाला ही,
खण्डित हो रहा है।
बिना सुने पक्ष-विपक्ष,
मन-कल्पित विचार ढो रहा है।
नि:स्वार्थ भाव पर छाया कोह

Rakesh Sir

त्रिभुज का क्षेत्रफल #जानकारी

read more
mute video

Sangeeta Patidar

Thank you so much My Dear Mathematician 😊😇 Rest Zone Competition Poem शीर्षक - गणितीय प्रेम शैली - रोमांस दिल से तुझको जोड़ सीख रही हूँ, मै #sangeetapatidar #restzone #rzbirthdaymarathon #rzsangeeta_Dhun #rzpoemomania #rzturns1

read more
दिल से तुझको जोड़ सीख रही हूँ, मैं धीरे-धीरे प्यार का जोड़,
हस्त पर हो हमारे नाम की रेखा, समकोण हो प्यार का मोड़।

शून्य सी बिंदी होगी जब मेरे भाल पर अनगिनत बढ़ेगा शृंगार,
प्रेम के प्रेमय से जन्मों-जन्मों का जुड़ेगा अटूट बंधन का तार।

आयत से आशियाने में गूँजे प्रेम-धुन,  तालमेल का देंगे भाग,
बिंदुरेख में प्रतिदिन मैं दरसाऊँ हम दोनों का मधुरिम अनुराग। Thank you so much My Dear Mathematician 😊😇

Rest Zone Competition Poem
शीर्षक - गणितीय प्रेम
शैली - रोमांस

दिल से तुझको जोड़ सीख रही हूँ, मै

Swarima Tewari

Mathematical hug day❤️📏📐Repost😃 एक बिंदु से शुरू करें, घूमें और इक वृत्त बनाये, वृत्त जहाँ ख़तम होता है, वहाँ तलक़ घूमते हैं, आओ वहीं फिर #hindiquotes #yqbaba #hugday #hindipoetry #yqdidi #yqhindi #pc_google

read more
"आओ कि फिर गले मिलना है तुमसे!"
(full in caption) Mathematical hug day❤️📏📐#Repost😃

एक बिंदु से शुरू करें, 
घूमें और इक वृत्त बनाये,
वृत्त जहाँ ख़तम होता है, 
वहाँ तलक़ घूमते हैं,
आओ वहीं फिर

Naveen

Physics, Chemistry कुछ समझ ना आए, मन मेरा सिर्फ math को चाहे ! Zero बना शुरूआत का कारण , समझ ना आए तो रटलो उदाहरण ! औसत की हम बात करते है #Poetry #NaveenChauhan #QuoteContest #naveen_diariess

read more
mute video

JALAJ KUMAR RATHOUR

कई दिन बीत गए तुमसे मिले हुए।अब तो तुम्हारी तस्वीर भी मेरी आंखो के सामने धुंधली सी नजर आती है।पता नही किस मंजर से होकर गुजर रहा है मेरा जीव #letter #जलज

read more
कई दिन बीत गए तुमसे मिले हुए।अब तो तुम्हारी तस्वीर भी
 मेरी आंखो के सामने धुंधली सी नजर आती है।पता नही किस मंजर से होकर गुजर रहा है मेरा जीवन। कभी कभी लगता है कि तुम जब करीब थी तो सारी दुनिया अपनी थी और आज सारी दुनिया दुश्मनों सा व्यवहार करती है।
हमारा जीवन किसी बच्चे और उसके बचपन सा हो गया है।
जब करीब था तब कद्र ना रहती थी और आज जब कद्र है तो पास  नही  हैं।सच बताऊं कभी कभी पास होना दूरियों से ज्यादा दर्द देता है ।तुम्हारी हंसी देख आज भी पुराने दिन याद आ जाते हैं।तुमने ही तो सिखाया था रातों को जागना।अपने सपनों के पीछे भागना।आज जब सपनो के पीछे दौड़ रहा हूं तो तुमसे दूर होता जा रहा हूं।सच बताऊं तो दो प्रेम करने वालों की जिंदगी के रास्ते, त्रिभुज के जैसे होते हैं जहां दोनो की कोशिशों के वर्ग का योग, उनके सपनो के पूरे होने के वर्ग के बराबर होता है।
...#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR कई दिन बीत गए तुमसे मिले हुए।अब तो तुम्हारी तस्वीर भी
 मेरी आंखो के सामने धुंधली सी नजर आती है।पता नही किस मंजर से होकर गुजर रहा है मेरा जीव
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile