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Writer @143
White फसलों का फैसला आसान नहीं होता।। कौन कहता है।। दिल परेशान नहीं होता।। आंसू छुपे थे,,खामोशी के पीछे,,, कौन कहता है दर्द का नुकसान नहीं होता।। ख्वाब देखा था उम्र भर रहने का,,, कौन कहता है कोई अरमान नहीं था।। खत्म हो गई जिंदगी मेरी सामने,,, कौन कहता है मेरा नुकसान नहीं था।। ©Writer @143 #good_evening_images कौन कहता है
#good_evening_images कौन कहता है #SAD
read moreKhushbu Sanju Chouhan
White बेहद मासूमियत से मांगी थी, दुआ में दुख्तर हमने, खुदा ने अदब से पूछा, फिर यह जीजी कौन है...scsw ©Khushbu Sanju Chouhan और मकबूलियत इसे कहते हैं कि...फिर ये जीजी कौन है... khushbu Sanju Chouhan
और मकबूलियत इसे कहते हैं कि...फिर ये जीजी कौन है... khushbu Sanju Chouhan
read moreAnuj Ray
White प्यार किया घर बार बसाया, तन मन धन सब उन पे लुटाया। एक-एक करके छोड़ गए सब रे मानस, ये मन समझा ना पाया। अपना अपना कहते हैं सब, कौन है अपना कौन पराया। ©Anuj Ray # कौन है अपना कौन पराया"
# कौन है अपना कौन पराया" #विचार
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बड़ा काफ़िर है ये इश्क़ रोके जुबां को तो आंखों से झलक जाता है बड़ा काफिर है ये इश्क़ इसे सब्र कहां आता है ©हिमांशु Kulshreshtha बड़ा काफिर है....
बड़ा काफिर है.... #शायरी
read moreAnuj Ray
White कौन नहीं है मजदूर यहां पर" खुशी खुशी लगा के हाजरी दरबार में उसके,शान से सब टेकते हैं मत्था। कोई अकेला ही कतारों में खड़ा दिखता है, किसी के साथ है पूरा जत्था। वो एक ही मालिक है जहांन का सारे, किए हुए हैं सबको काम के बंटवारे। कोई मंत्री है यहां पर तो सिपाह सलार है कोई, दरोगा ओ चौकीदार काम सबके न्यारे। बना के फूल की मलाई भेजता है कोई , चढ़ा के फूल उसके चरणों में कोई आरती उतारे। नजर का धोखा है संसार यहां पर, ऐसा कौन है उसका, जो मजदूर नहीं है यहां पर। ©Anuj Ray # कौन नहीं है मजदूर यहां पर"
# कौन नहीं है मजदूर यहां पर" #मोटिवेशनल
read morePraveen Jain "पल्लव"
Jai shree ram पल्लव की डायरी डग मंगाने लगी धरा जब असुरो से यज्ञ ध्यान ज्ञान पर खतरे मंडराने लगे व्यभिचार की परिकाष्ठा हो गयी जब बलि प्रथा की आड़ में नरो को अपना भोजन बनाने लगे हुआ अवतरण तब राम का असुरो की माया तोड़ी है सत्य न्याय और शांति स्थापित हो बाहु सुबाउ जैसे असुरो की कमर तोड़ी है रामराज्य जैसी परिकल्पना अंतिम छोर तक जाती है एक उंगली कोई उठा दे समाधान तक या प्रण लेकर आहुति देकर पूरी की जाती है युगों युगों से लोग मिशाल देते रामराज्य की, पर राम कौन बन पाया है इतने द्वन्दों से जूझकर सत्ता और सीता का त्याग कौन कर पाया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है #nojotohindi
#JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है #nojotohindi #कविता
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