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Kamlesh Balawat
shayari ki diary _#और कितना लिखूं मै तेरी याद में.. कोई दम नही मेरी फरियाद में,.. _#रूह भी मेरी मुझसे छीन के ले गई, मै मै ना रहा तेरे बाद में !... ©Kamlesh Balawat और कितना लिखूं मै तेरी याद में.. कोई दम नही मेरी फरियाद में, रूह भी मेरी मुझसे छीन के ले गई, मै मै ना रहा तेरे बाद में ! _#mylove #K ❣️❣️
Bhupendra Rawat
#MessageOfTheDay ख़ुद से ही अंजान हूँ,मै अब खुद के ही घर मे मेहमान हूँ,मै पूछती है,अक़्सर रूह भी मेरी मुझ से कौन से शहर से आया इंसान हूँ,मैं भूपेंद्र रावत 5।06।2021 ©Bhupendra Rawat ख़ुद से ही अंजान हूँ,मै अब खुद के ही घर मे मेहमान हूँ,मै पूछती है,अक़्सर रूह भी मेरी मुझ से कौन से शहर से आया मेहमान हूँ,मैं भूपेंद्र रावत 5
Secret Quotes
कैसे आयेगी नींद उसे रातो में, जिसकी सांसे घुलती किसकी सांसों में,, कुछ राज़ है दिलो में, कुछ अनकही तड़प भी, मंजिल की खबर किसीको नहीं, पर तब भी चल रही है ये जिंदगी, अक्सर रातों में दिल का शोर कइ ज्यादा होता है, पर उसे समझने वाले नहीं होते, दिल रोता हुआ जब पूछता है मुझसे कोई भी जवाब नही मिलता किसीसे,, ना मुझसे अपनों से, टूटते तारों जैसे बिखर जाता हैं इस तनहा जिंदगी में...! सब कुछ उसके हवाले किया है अब.... उसे भी कोई एहसास है किसके दिल का,, उसे भी ये अनकही तड़प है, क्या उसे भी मोहोब्बत है हमसे वो अब खुद आएगी अब ह
Pawan Didwaniyaa
यादें तो तुम्हारी पुरानी है तन्हा रहकर भी,तन्हा नहीं वो तेरी यादें अनजानी है यादें तो तुम्हारी पुरानी है कभी किसी मोड़ पर बदल जानी ये कहानी है अक्सर ये यादें जख्म कूदेर कर आसुओं की जुबानी सब सच कह जानी है यादें तो तुम्हारी पुरानी है कभी किसी मोड़ पर बदल जानी ये कहानी है यादें ही सही पर पास है तू फिर सोचता हुँ यादें भी तुम्हारी तरह बेगानी है यादें तो तुम्हारी पुरानी है कभी किसी मोड़ पर बदल जानी ये कहानी है संभाल कर खुद को हालात अपने समझा पाया रूह भी मेरी तुझसे रूहानी है यादें तो तुम्हारी पुरानी है कभी किसी मोड़ पर बदल जानी ये कहानी है।। #yqbaba #yqdidi #yqpoetry #you #me #Yaadein_toh_tumhari_purani_hai यादें तो तुम्हारी पुरानी है तन्हा रहकर भी,तन्हा नहीं वो तेरी यादें अनज
Akshay Chauhan
Норе fоя jцsтiсе fоя Asifа ।। भारी इंसानियत पर हैवानियत हो गयी ।। (( Read full poem in caption )) हुए सभी पत्थर दिल कैसे किसे मैं दयावान कहूँ हैवानियत हुयी सब पर सवार कैसे किसे मैं इंसान कहूँ कांप उठा रूह का हल जर्रा मेरा उसकी चीखें महस
Rishi K
आज बड़ी मुद्दत के बाद वो शाम आई, तुझसे बिछड़ के मुझे तेरी याद आई, कुछ इस तरह से हुई आँसुओं की बरसात , अंखियों के साथ भीग गए मेरे जज़्बात, छेड दिए बूँदों ने मेरे अरमान, चाहूँ तुझे अब बस सुबह शाम, थाम के बाहों में रखूं तुझे अपने साथ, कह दूँ तुझे सारी मेरे दिल की बात, रूह भी मेरी तड़अप उठी है आज, बिछड़ना नहीं मुझे तुझसे हमराज़, लौट के आना जल्दी से मेरे सर्कार, उम्र मांग के लाया हूँ तेरे लिये उधार, रात की तन्हाइयों मे है एक सुना एहसास, लगाये बैठा हूँ तुझसे मिलने की आस, आज बड़ी मुद्दत के बाद वो शाम आई, तुझसे बिछड़ के मुझे तेरी याद आई, (डी) आज बड़ी मुद्दत के बाद वो शाम आई, तुझसे बिछड़ के मुझे तेरी याद आई, कुछ इस तरह से हुई आँसुओं की बरसात , अंखियों के साथ भीग गए मेरे जज़्बात,
Ansh Rajora
इक रोज़ तो है दुनिया से सबको जाना माँ मेरी शहादत पर तू अश्क़ न बहाना (कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) भगत सिंह जी के जीवन का एक प्रसंग है जब उन्हें फांसी होने वाली थी तो उनकी माता अंतिम बार अपने पुत्र से मिलने आई बात बात में भगत सिंह जी ने कह
Vivek Kumar Sahoo
सांसों की वजह से जींदा हूं ।। वरना रूह ने तो कबका साथ छोड़ दिया। मेरी रूह
sk
ज़िन्दगी से एक ही शिकायत है कि मुझे जिससे आज रूबरू कराया 25 साल पहले क्यू नही................... मेरी रूह #
Yamini Saini
तेरी दुआओं को आज भी संजोए रखा है । तूझे खुद से ज्यादा इस दिल में बसाए रखा है।। जी रहे है तूझ बिन एक बेरूह जिस्म की तरह क्योंकि आज भी अपने आप को तेरी रूह का हिस्सा बनाए रखा है।। # मेरी रूह