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Alok sonkar
ईक मै था की अपना प्यासा अधर खोलता गया। ईक वो था की प्याले मे जहर घोलता गया।। K.L. SONKAR *saumitra* k.l sonkar saumitra
k.l sonkar saumitra
read moreSaumitra Singh
हीरों के शहर के बाशिन्दे...शीशों में अपना ठिकाना ढूँढ़ते // जो फैला लेते हैं अपने पंख आसमान के सीने में उड़ने के लिए....वो जमीनों पर रेंगना नहीं सीखते //// सौमित्र ठाकुर SAUMITRA THAKUR
SAUMITRA THAKUR
read moreSaumitra Singh
उन्होंने अपनी समझ को कुछ यूँ बदला... कि मेरे लफ्जों के मायने ही बदल दिया // सौमित्र ठाकुर Saumitra Singh
Saumitra Singh
read moreSaumitra Singh
सब सच्चाई से बेहतर है, कि कम बोलो / जरूरत की कसौटी पर, मेरे रिश्तों को मत तोलो // मैं दिया लेकर... आऊँगा जब गर्दिश में होंगे तेरे सितारे.... इन बहारों के भ्रमरों से, मुझे मत तोलो//// सौमित्र ठाकुर Saumitra Thakur
Saumitra Thakur
read moreAnubhav Sharma
MAA ------ Zindigi mujhe dene k liye, Itni takleef wo sehti hai, Aur takleef ho mujhe, To bhi wo roti hai. Kyunki Maa Esi hi hoti hai... Sari duniyaan ko bhul kr, Mujhe hi apni duniyaan samjhti hai, Dar na lage raaton me mujhe, Isliye apne seene se laga k soti hai. Kyunki Maa Esi hi hoti hai... Mere na bol paane par bhi, Mujhse baatain kiya karti hai, Kis pal kya mehsoos hota h mujhe, Wo chere se hi pad liya karti hai, Kyunki Maa Esi hi hoti hai... Nind na aaye agar mujhe, To wo loriyaan ga kar sulati hai, Jo phr bhi na so paaun main, To god me apne jhulaati hai. Kyunki Maa Esi hi hoti hai... Mere pehle kadamon ko dekhne k liye, Uski annkhain tarsati hai, Aur jab me chalne lag jaata hoon, To khushi se uski aankhain bharti hai. Kyunki Maa Esi hi hoti hai... Roz subh jaldi uthkar, Mujhe school k liye taiyaar kr deti hai, Mere har exam se pehle mujhe, Dahi chini khilaya karti hai, Kyunki Maa Esi hi hoti hai... #Mother #Mothers #maa #Poet #lyrics #kavita
Prakash Vidyarthi
एक घटना एक कविता बन गई! vidyarthi की कलम से 🌷डियर Lovely डियर🌷 ❤❤❤❤❤❤❤❤ तारीख था 25 जुलाई सावन 2023, दिन था मंगलवार! सुबह सुहावन का समय निकल पड़ा था,स्कूल की ओर यार! ! कानों मे ब्लू टूथ लगाए हुए , सुन रहा था नगमे सदाबहार! कई शिक्षक साथी भी थे संग मे ,चलती बस गाड़ी मे सवार!! एका-एक एक हसीन प्यारी सी खूबसूरत हिरण पे नजर पड़ी! मासूम चेहरा उदास नयन कुछ बेचैन सी सड़क किनारे थी खड़ी! शायद वो भीड़ --भड़कं अंजान सड़क पार करना चाहती थी! उछल कूद छलाँग लगाकर मंजिल को साकार करना चाहती थी! मानो तड़प रही थी, कुछ पाने के वास्ते सपनो के लिए! लग रहा था कुछ गुम हुआ हो, उसका सफर मे अपनों के लिए! : पर कोई न कोई गाड़ी राहों मे, रोड़ा बनकर आ जा रही थी ऐसा लगा अच्छे वक़्त खाली रास्तो का इंतेजार कर रही थी! ! थोड़े ही देर उसे देखकर मन मे कई सवालों का अंबार होने लगा! मेरा दिल भी स्तभद् ,अशांत बेचैन और बेकरार होने लगा!! जैसे ही मेरी गाड़ी हॉर्न बजाते थोड़ा आगे बढ़ी वो अदृश्य हों गई! विद्यालय पहुँचने तक मेरी कल्पनाओ मे एक चित्रतमक दृश्य हो गई! ! पूरे दिन दिल -दिमाग मे बैठी रही मन मे सिर्फ वही दिख रही थी! सोचा कहीं ये विद्यार्थी की विद्या तो नही जो अजीब सीख दे रही थी! कसम से दो दिन उसके बारे मे अजीब सुहाने जन्नत का सपने भी देखा! जिसमे वो मुझे घुमा रही थी अपने सगे संबंधियों से मिलवा रही थी !! मानो वो मुझे अपना हमदर्द बना रही हों मुझे से कुछ कहना चाह रही हों! सुख दुख हमसे बांट रही हों,खुसियाँ चैन मोहब्बत की प्यारी बूंद बरसा रही हों ये न कोई बनावटी,कहानी, गीत, कविता थी और नही कोई कल्पना थी! ये विद्यार्थी की आशा प्रकाश की परिभाषा एक आँखोंदेखी सच्ची घटना थी!!! ✍️✍️#@Vidyarthi.. ✍️✍️ ©Prakash Vidyarthi #kavita #thought_of_the_day #poem✍🧡🧡💛 #lyrics
#kavita #thought_of_the_day poem✍🧡🧡💛 #lyrics #कविता
read moreArchana Manoj
वो बचपन भी कितने अच्छे थे, जब साथ साथ हम खेला करते थे। बात बात पर रूठ रूठ कर, रोज़ मनाया करते थे। वो बचपन भी कितने अच्छे थे।। ©Archana Manoj #वो बचपन भी कितने अच्छे थे। Manoj Kumar Saumitra
वो बचपन भी कितने अच्छे थे। Manoj Kumar Saumitra #विचार
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