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Anjali Singhal
Princess Pinki
ये शीशे,ये सपने,ये रिश्ते,ये धागे, किसे क्या ख़बर है कहाँ टूट जाये...!!!!!🖤🥀 ©Princess Pinki #ये शीशे,ये सपने,ये रिश्ते,ये धागे, किसे क्या ख़बर है कहाँ टूट जाये...!!!!!!🖤🥀
ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.
क्या लिखूं क्या पढ़ूं क्या सुनाऊं क्या बताऊं इस दिल में जितनी भी कहानी थी सब खत्म हो गई..🖤 ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी. दिल की कहानी ना किसी से कही जाये ना किसी से सुनी जाये..🖤
ranjit Kumar rathour
कितना बदल गयी है वो अब ना नही करती है कुछ कहो तो मान जाती है दोस्तो को नाराज नही करती पास बुलाओ आ जाती है तस्वीर भी खिंचा लेती है कोई संकोच नही कोई गिला नही मानो उसे भी एहसास है सालो का साथ जो रहा कभी अब चंद दिनो का अवशेष है अब ये वक्त मीले न मिले सो जी लेते है हम सब थोड़ी शरारत थोड़ा मजाक सब चलता है भला जिंदगी में कहा यारो का साथ मिलता है तेरी यही अदा तो हमे भाती है तू मेरी ही नही तू तो हम सबका साथी है ये बातों के सिलसिला भी न पता कब थम जाए जो है आज तक है डरता हूँ ये था न हो जाये हा ये था न हो जाये ©ranjit Kumar rathour साथ है से था हो जाये
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी शरारते शर्तिया हो जाये जुमले और झूठ की इंतहा हो जाये किस मकसद से आये थे जनाव बदलाव करने आये थे बदले पर उतर आये है खुद के लिये मोड़ी काले धन की वयवस्था चोट अंदर तक आवाम को देते आये है लगी अस्मिता दांव पर लोकतंत्र की जिस के सहारे गद्दी पर बैठे उसे ही मिटाने की रार ठान बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lakeview शरारते शर्तिया हो जाये #nojotohindi
Rabindra Kumar Ram
" मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्तियार करें , मुहब्बत की बात है फिर मुहब्बत की कौन सी बात करें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्
दूध नाथ वरुण
कब तक दिल बहलाएं अपना, याद तुझे कर कर के। आजा तू इकबार देख मुझे ,जीतें हैं मर मर ।। ©दूध नाथ वरुण #कब तक दिल
Prerna Singh
Life Like मन ही नहीं किया दरबदर भटकने को; काफिरों के काफिले में इकलौता शिकार थे ;कहाँ कहाँ छीपते। ©Prerna Singh मन ही नहीं किया #दरबदर #भटकने को #काफिरों के काफिले में #इकलौता #शिकार थे कहाँ कहाँ छीपते। #Lifelike
Shashi Bhushan Mishra
रंगों का सम्मोहन कैसा, भा जाये जो होता जैसा, कोई प्रेम विश्वास चाहता, कोई करता पैसा पैसा, भांति-भांति के रोगी होते, मिल जाये जैसे को तैसा, शरणागत हो जाए जो भी, रहता है जग में निर्भय सा, मिटता है भ्रम का अंधियारा, काल रात्रि हो सूर्योदय सा, कठिन राह बन जाती आसाँ, मिल जाए मन्ज़िल दुर्जय सा, 'गुंजन' शंका रखो न मन में, हार-जीत है जीवन लय सा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #भा जाये जो होता जैसा#