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Durgesh Kumar
मैं दुर्गेश कुमार साहू, पिता श्री रोहित राम साहू, उम्र 23, व्यवसाय लेखन , निवासी ग्राम - राखी नया रायपुर अटल नगर. यह घोषणा करता की मेरे जितने भी कविता, कहानी, सायरी, जोक मे SUN WRITER और DLM लिखा होता है, वे मेरे खुद के द्वारा मतलब दुर्गेश कुमार साहू के द्वारा लिखा हुआ है. जिसमें किसी का किसी भी प्रकार की कॉपीराइट नहीं है. यह मेरे खुद के मेहनत और तजुर्बा से लिखा हुआ पंक्ति है. अतः मेरे कोई भी पंक्ति, कविता, कहानी, जोक या सायरी किसी और के पंक्ति, कविता, कहानी, जोक या सायरी से कोई ताल्लुक़ात नहीं रखता है. अतः SUN WRITER, DLM और दुर्गेश कुमार साहू एक ही आदमी है. ©Durgesh Kumar घोषणा पत्र for identification
घोषणा पत्र for identification #Life
read moreHilal Hathravi
अधूरे प्रेम का पत्र। #प्रेम #पत्र
अधूरे प्रेम का पत्र। #प्रेम #पत्र #poem #nojotophoto
read moreAuthor Sanjay Kaushik (YouTuber)
फूलो की खुश्बू और दिल की कलम से वो भी लिखना चाहता था पैगाम , लेकिन शहादत के घोडो की गति थी तेज, और मौत थी बेलगाम, बस " जय हिंद " ही लिख पाया वो सरहद का रखवाला बाकी खाली पड़ा था वो पत्र तमाम चलो ऐसे वीरो को दिल से मिल कर करे सलाम । शहीद का पत्र
शहीद का पत्र #कविता
read moreSK Poetic
आईने के सामने सच 1835 लॉर्ड मैकाले ने भारत का दौरा किया और क्या पाया और क्या कहा- मैं पूरा भारत घूमा, वहां पर ना ही मुझे कोई भिखारी और ना ही मुझे कोई चोर मिला,मुझे किसी भी तरह से ना ही कोई धन की कमी दिखाई दी।वहां पर लोगों का मोरल वैल्यू बहुत ऊंची है,लोग बहुत इंटेलिजेंट है व उनका कैलिबर इतना ज्यादा है कि हम उन्हें नहीं जीत सकते जब तक कि हम उनकी रीड की हड्डी उनके एजुकेशन सिस्टम को ना तोड़ दे यानी उनकी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को ना खत्म कर दे भारत को जीतना मुश्किल ही नहीं असंभव है।इसलिए मेरा (लॉर्ड मैकाले) प्रस्ताव है कि उनके पुराने एजुकेशन सिस्टम को पहले खत्म किया जाए और उन्हें भरोसा दिलाया जाए कि इंग्लिश इससे ज्यादा अच्छी है और उनके पुराने एजुकेशन सिस्टम से अच्छी है ताकि उनका स्वाभिमान (आत्मसम्मान) खत्म हो जाए और अपनी मूल संस्कृति से भटक जाए तभी जो हम चाहते हैं वो हो सकता है, यानि हम उन पर हावी हो सकते हैं अन्यथा नहीं। इस सब से आप क्या समझते हैं, यही कि हमारा पुराना एजुकेशन सिस्टम आज के पश्चिमी एजुकेशन सिस्टम से बहुत- बहुत ज्यादा अच्छा था।यानी ट्रेडीशनल एजुकेशन वर्सेस मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम को देखे तो किताबों में जो सिलेबस है वो भी हिन्दू विरोधी है,बच्चों को भटकाने वाला, शहीदों का अपमान करने वाला,इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने वाला,सांस्कृतिक धरोहर व विरासत का अपमान करने वाला,व कुल मिलाकर देश भक्ति की भावना पैदा करने वाला नहीं है।जब तक एक विद्यार्थी को हम गुरुकुल का माहौल नहीं देंगे तो यह सब संभव नहीं है और विद्यार्थी के लिए पांच बातें बहुत जरूरी है! काक चेष्टा,बको ध्यानम, स्वान निद्रा, अल्पाहारी, गृह त्यागी- विद्यार्थी पंच लक्षणम् यानी एक विद्यार्थी को कौवे की तरह बार-बार कोशिश करनी चाहिए जब तक की गोल अचीव ना हो जाए पढ़ाई पर बगुले की तरह ध्यान लगाना चाहिए, कुत्ते की तरह कच्ची नींद होनी चाहिए,कम भोजन करना चाहिए। ©S Talks with Shubham Kumar लार्ड मैकाले का भारतीय एजुकेशन सिस्टम के बारे में दिया गया बयान #AdhureVakya
लार्ड मैकाले का भारतीय एजुकेशन सिस्टम के बारे में दिया गया बयान #AdhureVakya #विचार
read more"Kumar शायर"
gxgcycjvjg ©"Kumar शायर" #पत्रकार = पत्र का आकार...!
पूर्वार्थ
प्रिय संदीप, यह पत्र मैं तुम्हें तुम्हारे नये रेडियो के साथ भेज रही हूँ. मुझे पता है तुम्हें मोबाइल से डिस्ट्रैक्शन होता है और अब तो तुम्हें अपने बगल वाले को भी परेशान नहीं करना पड़ेगा. पापा ने वैसे तो मुझे भी स्मार्ट फोन दिला दिया है लेकिन मैं अब भी विविध-भारती सुनती हूँ. अरे मैं भी कहाँ अपनी बात ले कर शुरू हो गयी. “पिछले हफ्ते तुम आए, मिल कर अच्छा लगा, सब कुछ इतना जल्दी हो गया की पता ही नहीं चला. मैं भी तैयार नहीं थी लेकिन पापा-मम्मी ने समाज क्या कहेगा? जवान बेटी घर में बैठा कर रखा है कहकर सगाई कर दी” तुम जानते हो संदीप पूरा गाँव मुझसे क्या कहता है? और किसी का हो ना हो संदीप भैया का इस बार जरूर ‘ UPSC’ निकलेगा, यह कहकर मैं तुम पर कोई दवाब नहीं डालना चाहती बस यह कह रही हूँ की बाकी सब की तरह मुझे भी तुम पर अटूट विश्वास है. तुम्हारा सपना अब मेरा भी सपना है. जो भी करोगे अच्छा करोगे, और ज्यादा मत सोचना हमारा रिश्ता इस अंगूठी से बढ़कर है जो बाकी लोग नहीं समझ पायेंगे और उन्हें समझाना भी क्यूँ. यह जिंदगी भी तो एक परीक्षा ही है, यही तो कहा था ना तुमने जब हम पहली बार स्टाफ रूम में मिले थे, तुम्हारी वजह से मेरे अंदर काफी बदलाव आ गया है अब मैं भी चीजों को वास्तविक जिंदगी से जोड़कर देखती हूँ, खुद से सवाल करने लगी हूँ. तुम सही कहते थे “Plan B is for losers” मेरा भी कोई प्लान-बी नहीं है. “मेरे हर प्लान में तुम हो, मै तो ‘संदीप’ से प्यार करती हूँ. फिर चाहे वो स्कूल के बच्चों को पढ़ा रहा हो या कानपुर के जिले का दौरा कर रहा हो” वैसे उस दिन सगाई में तुम रेड स्वेटर में अच्छे लग रहे थे, फ़ोटो है मेरे पास मैं मेल कर दूंगी . और हाँ अगले साल “टी-20 वर्ल्ड कप 2014” है, इस बार हम दोनों स्टेडियम में चल कर इंडिया का मैच देखेंगे क्योंकि असली मजा तो स्टेडियम में ही आता है. “अब चलती हूँ, तुम्हारी परीक्षा के लिए शुभकामनाएँ, अपना ध्यान रखना और सिगरेट कम पीना।” “तुम्हारी कुसुम ©पूर्वार्थ #कुसुम का पत्र #प्रीत #सपने