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Devesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
Shaarang Deepak
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Jai shree ram अवध में लौट अपने तो सुनो सरकार आये हैं । खुशी से झूमते सब लोग देखो हार लाये हैं ।। अवध में लौट अपने तो ... कहीं से धूप हाथों में कहीं से भोग थाली में । अजब सा तेज है देखो गगन की आज लाली है ।। रिझाने आज सब प्रभु को चले ही द्वार आये हैं । अवध में लौट अपने तो .... जुबा पर आज सबकी देख लो प्रभु नाम गूँजा है । बड़े सदभाव से सबने करी ही आज पूजा है ।। बजाओ ढ़ोल गाओ गीत पालनहार आये हैं ।। अवध में लौट अपने तो .... उदासी की नहीं छवि अब सभी मुस्कान पाये हैं । खुशी किससे यहाँ पूछूँ बधिर भी साज पाये हैं ।। अवध में राम जी अपने लखन के साथ आये हैं । अवध में लौट अपने तो ... बिछाए नैन बैठें है उधर सब आज नर नारी । हुई है राम मय नगरी अवध की शान है भारी ।। यही सुनकर सिया के लाल हनुमत साथ आये हैं । अवध में लौट अपने तो..... अवध में लौट अपने तो सुनो सरकार आये हैं । खुशी से झूमते सब लोग देखो हार लाये हैं ।। २२/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #JaiShreeRam अवध में लौट अपने तो सुनो सरकार आये हैं । खुशी से झूमते सब लोग देखो हार लाये हैं ।। अवध में लौट अपने तो ...
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ram lala ayodhya mandir 🚩जय श्री राम🚩 राम-राम सब जपते रहना , सुनो यही हनुमत का कहना । कलयुग की माया से बचना , राम-नाम की मिश्री चखना ।। जब से रघुपति अवध पधारे , देख अवध में हैं उँजियारे ।। हम सब रघुपति आप सहारे , होय कष्ट तो आप पुकारे ।। रामचंद्र भगवान हमारे , भव से सबको पार उतारे । जिनकी अब तक राह निहारे , आय गये वो पालन हारे ।। मन में उनकी प्रतिमा रखना , समय-समय पर तकते रहना । उनकी मार्यादा को रखना , आदर्शों पर उनके चलना ।। सत्य सनातन धर्म हमारा , एक यही है आज सहारा । कर लो तुम ही आप किनारा , हमको तो प्राणों से प्यारा ।। थाम इसी की उँगली चलना , राम-राम नित भजते रहना । इज अवध हमको है जाना , यही हृदय ने मेरे ठाना ।। २०/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *🚩जय श्री राम🚩* राम-राम सब जपते रहना , सुनो यही हनुमत का कहना । कलयुग की माया से बचना , राम-नाम की मिश्री चखना ।। जब से रघुपति अवध पधारे ,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
रजनी छन्द :- गीत राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता । राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।। राम का ही मैं यहाँ गुणगान..... राम तन-मन में हमारे प्राण कहते हैं । भक्त हनुमत हैं सुनो श्री राम कहते हैं ।। आज सजती ये अयोध्या राम देखेंगे । भक्त उनके आज फिर श्री राम बोलेंगे ।। माँ सिया के मैं चरण नित शीश हूँ रखता । राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता .... लौट आयें आज रघुवर धाम अपने हैं । अब अयोध्या में सुनों श्री राम अपने हैं ।। जल रही है दीप माला अब अयोध्या में । हो चुकी है प्राण प्रतिष्ठा आज प्रतिमा में ।। आज प्रतिमा से उसी मैं झोलियाँ भरता । राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता .... भाग्य जन-जन का उदय होने लगा है अब । राम मय सुन ये जगत होने लगा है अब ।। राम से बढ़कर किसी को कुछ नहीं प्यारा । एक उनकी दिव्य ज्योती तम हरे सारा ।। आज मैं आशीष पा उनकी शरण रहता । राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।। राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता । राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।। २६/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रजनी छन्द :- गीत राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता । राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।। राम का ही मैं यहाँ गुणगान.....
Rahul ishwar
हनुमान के राम ❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान दशरथ नंदन जय सियाराम मर्यादित पुरुषोत्तम राम ❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान सिया संग राम बैकुंठ विराजे हनुमत दास करे सब काजे❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान भ्राता मिले धरती पे न दूजा बाद भाई के जो चरण पादुका पूजा ❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान लंकापति संहारे राम ❣️ मिलके बोलो जय हनुमान ❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान ©Rahul ishwar हनुमान के राम ❣️ हृदय बीच बिराजे राम ❣️ जोर से बोलो जय हनुमान दशरथ नंदन जय सियाराम मर्यादित पुरुषोत्तम राम ❣️
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चवपैया छन्द हे हनुमत स्वामी , अन्तर्यामी , दुविधा दूर भगाओ । हम आप सहारे , जीवन हारे , राहे मुझे दिखाओ ।। अब शरण तुम्हारे , पाये द्वारे , ऐसी जुगत लगाओ । हे बजरंगबली ,नित आप चली ,अड़चन सभी हटाओ ।।१ काशी के वासी , आज उदासी , क्यों मन मेरे छाई । सुन अन्तर्यामी , जग के स्वामी , हमने अरज लगाई ।। अब आप निवारण , कर दो पारण , तेरी आज दुहाई । सुन शरण तुम्हारे , आते हारे , हिय ने पीर उठाई ।। २ २७/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चवपैया छन्द , यति १०, ८, १२ हे हनुमत स्वामी , अन्तर्यामी , दुविधा दूर भगाओ । हम आप सहारे , जीवन हारे , राहे मुझे दिखाओ ।। अब शरण तुम
Devesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे आंजनेय आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट।
Manjeet
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।। ©Manjeet नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।। #hanumanji #hanuman #jaihanuman #JaiShreeRam
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- कोमल प्यारे लाल के , लिए लिखा मैं गीत । जन्मदिवस शुभ कामना , में हूँ देता प्रीति ।। कोमल प्यारे लाल के ... लम्बोदर कर दो कृपा , दे भोले आशीष । हनुमत नित रक्षा करे , आज्ञा दो जगदीश ।। आती बारी मातु की , जो देती वरदान । जो स्वयं रूप ईश का , कहती जग लो जीत ।। कोमल प्यारे लाल के .... जो तू जग में चाह ले , वो हो तेरे हाथ । देती हूँ आशीष मैं , बनकर छाया साथ ।। हरि इच्छा हरि की रहे , हरि से कर लो प्रीत । वही तुझे आशीष में , कर देगें अभिजीत ।। कोमल प्यारे लाल के .... माँ की बगिया के सुनों , तुम हो सुंदर फूल । चुभ न कभी पाये तुम्हें , किसी बाग का शूल ।। शिव जी ही आराध्य है , माँग रही वरदान । मेरे सुत को दो शिवा , अब अच्छा मनमीत ।। कोमल प्यारे लाल के .... कोमल प्यारे लाल के ,लिए लिखा मैं गीत । जन्मदिवस शुभ कामना , में हूँ देता प्रीति ।। १५/०७/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कोमल प्यारे लाल के , लिए लिखा मैं गीत । जन्मदिवस शुभ कामना , में हूँ देता प्रीति ।। कोमल प्यारे लाल के ... लम्बोदर कर दो कृपा , दे भोले आशी