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N S Yadav GoldMine
hanuman jayanti 2024 {Bolo Ji Radhey Radhey} धर्ममय युद्ध वहीं है, जो पर-पक्ष के अन्याय से, अत्याचार से, अपने आप गले आ पड़ा हो। अपनी ओर से, जिस मे देवेस से, ईर्ष्या से और लोभ से छेड़छाड़ न कि गई हो, और जो केवल अपने स्वभावीक अधिकारथ तथा जन समाज के हित के लिए किया जाए।। ©N S Yadav GoldMine #hanumanjayanti24 {Bolo Ji Radhey Radhey} धर्ममय युद्ध वहीं है, जो पर-पक्ष के अन्याय से, अत्याचार से, अपने आप गले आ पड़ा हो। अपनी ओर से, ज
aaj_ki_peshkash
Bharat Bhushan pathak
पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश
Devesh Dixit
जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह
Prerna Singh
हमें समाधान पसंद था उसे समस्या उसे युद्ध पसंद था मुझे संगीत मैं पारदर्शी वो डार्क बस इसी फर्क ने मुझे मिटा दिया उसे बचा दिया मिटना और मिटा देना दोनों अलग क्रियाएं हैं परिणाम दोनों के अलग आएंगे उस दिन कहां जाएगा शायद पिछले जन्म का कोई बुरा कर्म हैं अगला पिछला कुछ होता नहीं जो होता हैं इसी जन्म का होता है तुम्हारा बोया हुआ अगला कटेगा अच्छा या बुरा तुम्हारे वजह से पाएगा जैसे मैंने काटे थे बेटी के रुप में जन्म लेकर मुझे दबाया गया अनचाहा समझकर जैसे अब दबाया जा रहा हैं मलबे में पुरानी वस्तु समझकर मैं वस्तु नहीं विदित उसे भी पर उस के प्रयास में सामिल कई कौरव लालची बन कर ©Prerna Singh हमें समाधान पसंद था उसे समस्या उसे युद्ध पसंद था मुझे संगीत मैं पारदर्शी वो डार्क बस इसी फर्क ने मुझे मिटा दिया उसे बचा दिया मिटना और मिटा द
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 महाभारत: आश्रमवासिका पर्व पंचम अध्याय: श्लोक 18-32 📔 भारत। जिन मनुष्यों के कुल और शील अच्छी तरह ज्ञात हों, उन्हीं से तुम्हें काम लेना चाहिये। भोजन आदि के अवसरों पर सदा तुम्हें आत्मरक्षा पर ध्यान देना चाहिये। आहार विहार के समय तथा माला पहनने, शय्या पर सोने और आसनों पर बैठने के समय भी तुम्हें सावधानी के साथ अपनी रक्षा करनी चाहिये। युधिष्ठिर। कुलीन, शीलवान्, विद्वान, विश्वासपात्र एवं वृद्ध पुरुषों की अध्यक्षता में रखकर तुम्हें अन्तःपुर की स्त्रियों की रक्षा का सुन्दर प्रबन्ध करना चाहिये। राजन्। तुम उन्हीं ब्राह्मणों को अपने मन्त्री बनाओ, जो विद्या में प्रवीण, विनयशील, कुलीन, धर्म और अर्थ में कुशल तथा सरल स्वभाव वाले हों। उन्हीं के साथ तुम गूढ़ विषय पर विचार करो, किंतु अधिक लोगों को साथ लेकर देर तक मन्त्रणा नहीं करनी चाहिये। सम्पूर्ण मन्त्रियों को अथवा उनमें से दो एक को किसी के बहाने चारों ओर से घिरे हुए बंद कमरे में या खुले मैदान में ले जाकर उनके साथ किसी गूढ़ विषय पर विचार करना। जहाँ अधिक घास फूस या झाड़ झंखाड़ न हो, ऐसे जंगल में भी गुप्त मन्त्रणा की जा सकती है, परंतु रात्रि के समय इन स्थानों में किसी तरह गुप्त सलाह नहीं करनी चाहिये। 📔 मनुष्यों का अनुसरण करने वाले जो वानर और पक्षी आदि हैं, उन सबको तथा मूर्ख एवं पंगु मनुष्यों को भी मन्त्रणा गृह में नहीं आने देना चाहिये। गुप्त मन्त्रणा के दूसरों पर प्रकट हो जाने से राजाओं को जो संकट प्राप्त होते हैं, उनका किसी तरह समाधान नहीं किया जा सकता - ऐसा मेरा विश्वास है। शत्रुदमन नरेश। गुप्त मन्त्रणा फूट जाने पर जो दोष पैदा होते हैं और न फूटने से जो लाभ होते हैं, उनको तुम मन्त्रिमण्डल के समक्ष बारंबार बतलाते रहना। राजन्। कुरूश्रेष्ठ युधिष्ठिर। नगर औश्र जनपद के लोगों का हृदय तुम्हारे प्रति शुद्ध है या अशुद्ध, इस बात का तुम्हें जैसे भी ज्ञान प्राप्त हो सके, वैसा उपाय करना। नरेश्वर। न्याय करने के काम पर तुम सदा ऐसे ही पुरुषों को नियुक्त करना, जो विश्वासपात्र, संतोषी और हितैषी हों तथा गुप्तचरों के द्वारा सदा उनके कार्यों पर दृष्टि रखना। भरतनन्दन युधिष्ठिर। तुम्हें ऐसा विधान बनाना चाहिये, जिससे तुम्हारे नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें। 📔 जो दूसरों से घूस लेने की रुचि रखते हों, परायी स्त्रियों से जिनका सम्पर्क हो, जो विशषतः कठोर दण्ड देने के पक्षपाती हों, झूठा फैसला देते हों, जो कटुवादी, लोभी, दूसरों का धन हड़पने वाले, दुस्साहसी, सभाभवन और उद्यान आदि को नष्ट करने वाले तथा सभी वर्ण के लोगों को कलंकित करने वाले हों, उन न्यायाधिकारियों को देश काल का ध्यान रखते हुए सुवर्ण दण्ड अथवा प्राण दण्ड के द्वारा दण्डित करना चाहिये। प्रातःकाल उठकर (नित्य नियम से निवृत्त होने के बाद) पहले तुम्हें उन लोगों से मिलना चाहिये, जो तुम्हारे खर्च बर्च के काम पर नियुक्त हों। उसके बाद आभूषण पहनने या भोजन करने के काम पर ध्यान देना चाहिये। जय श्री राधे कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उ
||स्वयं लेखन||
तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। ©||स्वयं लेखन|| तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। #achievement #Life #Life_experience #thought #Poetry
Amit Singhal "Aseemit"
नागरिकों को दिन रात जब सताता है युद्ध का आतंक, उनके लिए तो यह ज़हरीला होता जैसे साँप का डंक। ©Amit Singhal "Aseemit" #युद्ध #का #आतंक
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर के उलटे हनुमानजी :- 🏯 भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है यह धार्मिक स्थान जहाँ भगवान हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर साँवरे नामक स्थान पर स्थापित है इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। 🏯 सांवेर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ आकर भक्त भगवान के अटूट भक्ति में लीन होकर सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। यह स्थान ऐसे भक्त का रूप है जो भक्त से भक्ति योग्य हो गया। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उलटी मूर्ति स्थापित है। और इसी वजह से यह मंदिर उलटे हनुमान के नाम से मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। 👈 पौराणिक कथा :- 🏯 यहाँ के लोग एक पौराणिक कथा का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जब कहा जाता है कि जब रामायण काल में भगवान श्री राम व रावण का युद्ध हो रहा था, तब अहिरावण ने एक चाल चली. उसने रूप बदल कर अपने को राम की सेना में शामिल कर लिया और जब रात्रि समय सभी लोग सो रहे थे,तब अहिरावण ने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मूर्छित कर उनका अपहरण कर लिया। वह उन्हें अपने साथ पाताल लोक में ले जाता है। जब वानर सेना को इस बात का पता चलता है तो चारों ओर हडकंप मच जाता है। सभी इस बात से विचलित हो जाते हैं। 🏯 इस पर हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण जी की खोज में पाताल लोक पहुँच जाते हैं और वहां पर अहिरावण से युद्ध करके उसका वध कर देते हैं तथा श्री राम एवं लक्ष्मण जी के प्राँणों की रक्षा करते हैं। उन्हें पाताल से निकाल कर सुरक्षित बाहर ले आते हैं। 🏯 ऐसी मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहाँ से हनुमानजी ने पाताल लोक जाने हेतु पृथ्वी में प्रवेश किया था। जहाँ से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे। उस समय हनुमान जी के पाँव आकाश की ओर तथा सर धरती की ओर था जिस कारण उनके उल्टे रूप की पूजा की जाती है। 🏯 साँवेर के उलटे हनुमान मंदिर में श्रीराम, सीता, लक्ष्मणजी, शिव-पार्वती की मूर्तियाँ हैं। मंगलवार को हनुमानजी को चौला भी चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तीन मंगलवार, पाँच मंगलवार यहाँ दर्शन करने से जीवन में आई कठिन से कठिन विपदा दूर हो जाती है। कहते हैं भक्ति में तर्क के बजाय आस्था का महत्व अधिक होता है। यहाँ प्रतिष्ठित मूर्ति अत्यन्त चमत्कारी मानी जाती है। यहाँ कई संतों की समाधियाँ हैं। सन् 1200 तक का इतिहास यहाँ मिलता है। 🏯 उलटे हनुमान मंदिर परिसर में पीपल, नीम, पारिजात, तुलसी, बरगद के पेड़ हैं। यहाँ वर्षों पुराने दो पारिजात के वृक्ष हैं। पुराणों के अनुसार पारिजात वृक्ष में हनुमानजी का भी वास रहता है। मंदिर के आसपास के वृक्षों पर तोतों के कई झुंड हैं। इस बारे में एक दंतकथा भी प्रचलित है। तोता ब्राह्मण का अवतार माना जाता है। हनुमानजी ने भी तुलसीदासजी के लिए तोते का रूप धारण कर उन्हें भी श्रीराम के दर्शन कराए थे। 🏯 नगर के साँवरे क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध पाताल विजय हनुमानन की उलटी प्रतिमा स्थापित है। यहां ऐसी हनुमानजी की दुर्लभ प्रतिमा है जो बहुत ही कम देखने को मिलती है। लोकप्रिय और पुरातन मंदिर होने के कारण हनुमानजी के प्रति श्रद्धा रखने वाले श्रद्धा रखने वाले लोग दूर-दूर से यहां आते हैं और रामभक्त हनुमानजी उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। 👉 Rao Sahab N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर