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Ankit Singh
वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं। ©Ankit Singh वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं #animals
INDIA CORE NEWS
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Ravendra
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता हूँ फिर वहाँ , घेरकर सब खड़ा ।। मारकर सब डुबकियां , पाप धोने चले । मातु गंगा सोचती , तनय कैसे पले ।। पीर इनकी सब मिटे, और आगे बढ़े । राह जीवन की सभी , स्वयं चलकर गढ़े ।। कष्ट सारे झेलकर , चक्षु जिनके खुले । राम-सिय जपते रहे , श्वास जब तक चले ।। लौट जायें वो सभी, सुगम पथ पर कहीं । विनय करता यह प्रखर , आप ठहरे वहीं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता ह
राजकारण
आईनेच पोटच्या लेकरांचं मुंडकं धडावेगळं केलं ©राजकारण सोलापूर/कुईवाडी : घरात सर्वांनी एकत्रितपणे जेवण केले.. आजी-आजोबा एका नातेवाइकांच्या लग्नाला गेले.. सहा वर्षीय चिमुरड्याचे पप्पाही कामानिमित्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।। दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई । मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।। गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था । पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।। खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए । मैं यहीं थककर रुका तो ये हमारी हार है ।। कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले । निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।। हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे । देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।। कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये । आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।। जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर । जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग
Devanand Jadhav
.......... ©Devanand Jadhav #MahavirJayanti अहिंसा परमो धर्म: ...जगाला शांती, अहिंसा व सत्य यांचा मार्ग दाखविणारे भगवान महावीर हे जैन धर्माचे 24 वे तिर्थकार आहेत...त्य
@Devidkurre
*मर रही है इंसानियत* अगर तुम्हारे घर के सामने मरी पड़ी हो इंसानों कि लाशें और चीखें निकल रही हो हर समय हर वक्त तब तुम क्या करोगे..? अगर तुम्हारे घर पे दागे जा रहे हो अनगिनत विस्फोटक मिसाइलें और तबाह कर दिये जाए तुम्हारे सपनों का घर तब तुम क्या करोगे..? अगर तुम्हारे लोग तितर - बितर हो जाए अपने ही लोगों से दिखाईं न दे एक पिता अपने बच्चे को, खो जाए तुम्हारा अनमोल रत्न, मरी पड़ी हो तुम्हारी बेटी और पत्नी, दब गए हो कहीं तुम्हारे बहन और भाई तब तुम क्या करोगे..? अगर तुम्हें हर समय डर सताये किसी को खोने का ,खुद के मर जाने का, रहने और सोने का , भुख और प्यास का और तुम्हारे लिए रोक दिया जाए आशाओं कि हर एक रास्ते को तब तुम क्या करोगे...? अगर तुम सच में एक इंसान हो तो सोचोंगे उस मरी हुई लाशों के बारे में जो तुम्हारे घर के सामने पड़ी हुई है....! अगर तुममें बची हुई है इंसानियत तो ! पूछोंगे हर एक देश के प्रधानों से ! हर एक मरी हुई लाशों के विषय में कि ! क्यों मारा गया है उनको ! और उनकी गलती क्या थी..? अगर तुम एक समझदार ,सचेत व्यक्ति हो तो तुम लड़ोगे उन सब के खिलाफ जिन्होंने मारी है इंसानियत को ,जिसने रूला दिये हो मानवता को ,जिसने हत्या की हो किड़े - मकौड़े कि तरह इंसानों की ....! अगर तुम नहीं सोच पाए,नहीं देख पाए इन सब को तो तुम एक मृत व्यक्ति हो ! जिसमें कुछ नहीं बचा है यहां तक कि इंसानी चरित्र भी..! *डेविड* #filistin #everyone #EveryoneFollow #humanity #मानवता ©@Devidkurre #Preying *मर रही है इंसानियत* अगर तुम्हारे घर के सामने मरी पड़ी हो इंसानों कि लाशें और चीखें निकल रही हो हर समय हर वक्त तब तुम क्या कर